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BIBLIOTHECA INDICA: |
JOLLECTION OF PRIENTAL WORKS
PUBLISHED BY THE | । ASIATIC SOCIETY OF BENGA New Series, No. 1333. क
अमरकाषः। AMARA [९ ()£ ^ | CAL DICTIONARY OF THE SANSKRI?V LANGUAGE WITH TIBETAN VERSION. । |
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EDITE!) BY MsHopApuyaya SATIS CHANDRA VIDYABHUS | Principal, Sanskrit College. Calcutta,
Fasc. II.
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CALCU 11 | PRINTED AT THE BAPTIST MISSLON Pp ¢ AND PLBLISHED BY THE ASIATIC SOCIETY, 1, PARK STREET, 1912,
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The Society’s Agnts—
anp Mr. 0110 TARRASSOWITZ, 8००६8 ८८०६, Leipzig, Germany,
Oomplete copies of those works marked with an asterisk * cannot be supplied—sor
LIST OF BOOKS FOR SALE | क
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No. 1, PARK STREET, CALCUTT AND OBTAINABLE FROM
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Mr. BERNARD QUARITCH, 11, Grafton Street, New Bond Street, sonia W.. कि
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Advaitachina Kaustubha, Fasc. t-3 @ /10/ each a Aitaréya Biahmana, Vol. 1, Fasc. 1-5; Vol. 11, Fase. 1 5; IIT, Fasc, 1-5, Vol. 1 ए, Fasc. 1-8 @ /10/ each cr Aitareyalocina : + eee Amarakosht, Fase. 1 =... ais ve #Ano Bhastya, Fasc. 2-5 @ /10/ each sae Anumana {10111 Prasarini, Fasc. I, @ /10/ ... ; Astasihasrika Prajfiaparamita, Fasc. 1-6 @ /10/ each Atmatattveviveka, Fasc. I or व a 7 Acvavaidyrka, Fasc. 1-5 @ /10/ each de "अ. 73
Avadina Kalpalata, (Sans. and Tibetan) Vol. I, Faso. 1-9. IT, Fase. 1-9 @ 1/ each
Balam Bhatti, Vol. 1, Fasc. 1-2, Vol. 11, Fasc. 1, @ /10/ each ae
Baudhayana Sranta Sitra, Fasc. 1-3; Vol. If, Fasc. 1-4 @ /10/ eae
Bhatta Dipika, Vol. I, Fasc. 1-6; Vol. IT, Fasc, 1, @ /10/ each
Banddhastotrasangraha
Brhaddevata, Fasc. 1-4 @ /10/ each क ८.७ 1१
Brhaddharma Purana, Faso. 1-6 @ /10/ each ser
Bodhicaryavatara of Qantideva, Fasc. 1-5 @ /10/ each »
Cri Cantinatha Charita, Fasc. 1-3 Py
Qatadisani, Fasc. 1-2 @ /10/ each
Catalogue of Sanskrit Books and MSS., Fasc. 1-4 @ 2/ each =
*Qatapatha Brahmana, Vol. I, Fasc. 1-7; Vol. II, Fasc. 1-5 Vol
ou क्क ३० ह
IIT, Fasc. 1-7; Vol. ए, Fase. 1-4 @ /10/ each ath Ditto Vol. VI, Fasc. 1-3 @ 1/4/ each ae wal Ditto ~ Vol. VIL, Fasc. 1-5 @ /10/ . 8 Qatasahasrika-prajfiaparamita, Part 1, Fasc. 1-16 @ /10/ each »
*Caturvarga Chintamani, Vol. II, Faso. 1-25; Vol. III, Part I, Fase 1-18, Part IT, Fasc. 1-10;-Vol. IV, Faso, 1-6 @ /10/ each 36- Ditto Vol, IV, Fasc. 7.8, @ 1/4/ each
Ditto Vol. IV, Fasc. 9-10 @ /10/ =... a 4 Olokavartika, (English), Fasc. 1-7 @ 1/4/ each „नः *Qranta Siitra of (ह णार18 8०१, Vol I, Fasc. 1-7; Vol. Il, Vasc | 4;
Vol. III, Fasc. 1-4; Vol. 4, Fasc. 1 @ /10/ earch
Ori Bhashyam, Fasc. 1-3 @ /10/ each ०५१ Dana हाद Kaumndi, Fasc. 1-2 @ /10/ each ... 5 Gadadhara Paddhati {इ 21४8३४8, Vol. 1, Fasc. 1-7 @ /10/ each eee Ditto Aoarasara, Vol. II, Fasc. 1-4 ... E Gobhiltya Grhys Siitra, Vol. T, @ /10/ each ... a „९ Ditto Vol. II, Fasc. 1-2 @ 1/4 /each &
Ditto (Appendix) Gobhila Parisista ual
Ditto Grihya Sangraha ध oa =a Haralata —..., + ae Pr “ees. ans
Karmapradiph, Faac. 1 ००९
Kala Viveka, Fasc. 1-7 @ /10/ each
Katantra, Fasc, 1-6 @ /12/ each
Katha Sarit Sagara, (English) Fasc. 1.14 @ 1/4, each Kurma Purana, Fasc. 1—9 @ /1LO/ each
Kiranavali, Fasc. I, @ /10/ a eee Madana Parijita, Fasc 1-11 @ /10/ cach Mahi-bhiasya-pradipodyota, Vol. I, Fasc. 1-9; Vol. If, Faso. 1.12
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Vol. ITT, Fase. 1-10 @ /10/ each "श
Ditto Vol. IV, Fasc. 1-2 @ 1/4 each ... ००५ ०
Manntika Sageraha, Faso. 1-3 @ /10/ each an oe Markandeya Purana, (Kuglish) Faso. 1-9 @ 1 /-~ each a . oe *Mimarhet Dargana, Faso. 10-19 @ /10/each = a a
Mugdhahodha Vyakarana, Fasc 1-2 h ००९ :
Nirukta, (2nd edition) Vol. I, Fasc. I 4 a )
अमरकोषः | AMARAKOSAH.
METRICAL DICTIONARY OF THE SANSKRIT LANGUAGE WITH TIBETAN VERSION.
MDCCXLVI~-MDCCXCN
EDITED BY ipHyaya SATIS CHANDRA VIDYABHUSANA, M.A., PuH.D.
wl, San. skrit College, Calcutta ; Joint Philological Secretary, Asiatic Soctety
f of Bengal. and Fellow of the Calcutta University.
Fasc. II.
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CALCUTTA ; | PRINTED AT THE BAPTIST MISSION PRESS, AND PUBLISHED BY THE ASIATIC SOCIETY, 1, PARK STREET.
1912.
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अमरकोषः |
| अमरसिंह विरवितसंस्ताभिधानं भोरभाषानुवादसदितम् )
मरामहोपाध्याय ओ्रौसतौ श्चन्द्र विद्याभ्रषणेन
सम्पादितः |
दितौयखण्डः |
वङ्गन्दे गो यासिया टिकसोखादटिनामघेयसमाजानुमत्या
क लिकाता राजधान्यां |
व्यापटिष्ठ-मिशन-यन्तृं मुद्रितः | WATER: १८३४
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च्त्नियवमेः | 201
वाजिबाहानव्वेगन्धव्वेहयसैन्धवसत्तयः |
आजानेयाः कुलौनाः स्य॒ व्विनोताः साधुवाहिनः ॥ ४४ ॥ नत] श्मः
उ वेसर कवी पिर] कु ASATACISARTAC’ |] 44
वनायुजाः पारशौकाः काम्बोजा ASAT इयाः | ययुर श्वो SANNA TAA जवाधिकः ॥ ४५ ॥ तवि War gsraraarhs | QRS aR Ara cS सस 1 A A AA ` ABS BAG AEA रपर S ANH II 45
TO: ict सितः कर्को रथ्यो AST रथस्य यः बालः किश्ोरो AAT वडवा वाडव TA ॥ ४६ ॥
1 वैर२३३५१९। Resch gy |
बिध्ाश्चौनं यद्श्ेन दिनेनैकेन गम्यते | AUT मध्य मश्वानां देषा हेषा च निस्वनः ॥ vo ॥
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TIN AGN GAAS | BASS SPITS रिप | TIGA ALAA | 47
26
902 अमरकोषः |
निगालश्तु WAST इन्दे त्श्चौय माश्ववत् | आस्कन्दितं धौरितकं रेचितं वल्गितं खतम् ॥ ४८ ॥ ASR दनीर्युगास दिर दना
Ara AR ASS दनी 2.६२ || 48
गतयोऽमूः पच्च धारा घोणा तु WT मस्वियाम् | कविका तु खलोनोऽस्त्रौ शफं MLA खुरः पुमान् ॥ Be ॥ arial sare मित] इमा गरदि कि सप पयव
7 RAG] FRA] FRATAAC STATA I] as
पुच्छोऽस्तरौ लेामलाङ्गले Tas बालधिः । चिषृपारत्तलुटितौ पराइत्ते मुहभुवि ॥ yo |
॥ 11. याने चक्रिणि युद्खाथे शताङ्गः स्यन्दनो रथः ।
असो पुष्यरथ ARMA न समराय यत् ye
वेग पविना | apr sya DENT OTIS | QATAR ARG ATF AS TGCS |
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afaaaa: | 208
HUTA: प्रवहणं CAA समं चयम् | क्तोवेऽनः शकटोऽस््रौ स्याद्गन्त्ौ कम्बलिवा दकम् ॥ ५२ ॥
ङुदरिवैर तस्यव] aWsrAagsCalScsrcrsjysl | aa Greg TRAYS TINA ]] 5
शिविका याप्ययानं स्यादोलापर्धयदिकाः सियाम् | उभो तु देपवेयाघरौ दौपिचम्मौटते रये ॥ ५३॥ = 01 SPV SFA ST SAAC] SAAT IANS EGG I] 53 पाण्डुकम्बलसंवौ तः स्वन्दनः SAAT ।
रथे HAVA: कम्बलादिभिरादते ॥ ५४ ॥
AV AVRT|S AST SPAAISY EVE | ASFA TANS |
ARE SHANA | TAPAS AG I] 54 fay देपादयो रथ्या रथकद्या रथव्रज |
धुः wal क्तोवे यानसुखं स्याद्रथाङ्ग मपस्करः ॥ ५५ |
गाम VAG वसवस] Rg Ace Says gas | क ARE SARE | AERA YETTA I 50
204: ्रमरकोषः |
चक' रथाङ्गं तस्यान्ते नेमिः स्रौ स्यात् प्रधिः पुमान् | , पिण्डिका नाभिरशषाग्रकोलके तु इयोरणिः ॥ ५६ ॥ - समिर ar grag waaay र | VWs SS सुरद सेव ५३] तिरर रहत दिनि २5742 वार्त | BANS WES |] 56 ww - O रथगुप्ति ACM AT FAT युगन्धरः | AGH TAL प्रासङ्गो ना युगाद्थुगः ॥ ५७॥ ARG RTACASTAAN | सुरन वेरा ~>
भ.
क् | ` सव्वं स्यादाइनं यानं युग्यं पचञ्च धोरणम् । परम्परावाहनं यत्तदेनौतक मस्ियाम् ॥ ५८ ॥ पमस"उर-तत देषा पर | विग ुपिर a9 355 | 1 SMTA Efrat इसत्यारोहा निषादिनः। नियन्ता प्राजिता यन्ता खतः AAT च सारथिः ॥ ye ॥ 1१ 1.
न मामा ---- ------~ -------~- -- ----- ~ ----- --- ~ --- शिन -- --
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तचियवगेः | 905
सव्येष्दछिणस्थौ च संज्ञा रथकुटुम्बिनः। रथिनः स्यन्दनारादा अश्वारादहास्तु सादिनः॥ go |
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BYR गक्ष नामुतः] वैर मऽ च 2६ धे
AREA] ST SHEAR || 60
भटा योधाश्च MIT: सेनारक्षास्तु सैनिकाः | सेनायां समवेता ये Gans सैनिकाश्च ते॥ &१॥
RAISE 5 reS AFAR] FERC SATS कवा" | ICEPARSVASIC'ASN |] 61
बलिनो ये सहस्रेण सादखास्ते सहसिणः। ufc: परिचरः सेनानो व्वाहिनोपतिः ॥ ६२ ॥
गुर लिवरदु- A SOWA | FAECAL SAN |
कुरव mores | svsaypstigsc Faz ae] A || co
कञ्चुको वारवाणो Sat AA मध्ये AHA: | बध्नन्ति तत् सारसनाधिकाङ्ग चाथ शौषंकम् ॥ ६३ ॥
+ GTA ACCMST AES BRR ASIN MA] रेगृसमर्निप तुतत] FI 05
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206 | RATHI: |
शौ षणयज्च शिर स्त्रेऽथ तनुच वम्म दं शनम् |
उरग्छद्ः कङ्कटको जगरः कवचोऽस्ियाम् ॥ &४ ॥ - FAVA AA त्त] WIS IC RASS AS | TIS AANA |] 64
आमुक्तः प्रतिमुक्तश्च पिनद्वश्चापिनद्खवत् | |
सन्नद्वो वम्मितः सज्जो द शिति Tenge: ॥ ey ॥ माकी क गुर | TRANSAT |] 6 विषामुक्तादयो वभ्येग्टतां कावचिकं TT । पदाति-पत्ति-पदग-पादातिक-पदाजयः ॥ € € ॥ aang av Apararsensya | Aras ASAE |
॥ >+ ALANS | SSS TAR ARGS || 66 पटश्च पदिकञश्चाथ पादातं पत्तिसंहतिः। ` शस्त्राजौवे काण्डष्टष्ठायुधौयायुधिकाः समाः ॥ SO | aye aya Cay ST FAAS पर गसन SINR a5"
NA ENA NS < < _ ~= “~~~ मन्म कसय ^ नर सकवक] तुग् 5८9 AINA नड 67
= -=~=----------
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चचियवगेः | 207
adem: सुप्रयोगविशिखः कछतपुङ्खवत् | अपराइष्रषत्कोऽसो VT य श्ुरतसायकः ॥ &८ ॥ AAP RESTATAIAN BVA 34] सतु तरद गक TOM = पानि सथ OTT 08 ual धनुष्मान् धानुष्को निषद्चस्तौ VAST | स्यात् काण्डवांसतु काण्डीरः शक्तौ कः शक्तिहेतिकः ॥ & < ॥
नध SAAC | GINA AS पारम! IRA AACA AISA AER | ASR SIR RER SE SST SAAE SSN TAI] 69
याष्टौकपारश्चधिक यशटिपर शुहेतिके | नैस्तिंशिकोऽसिहेतिः स्यात् समौ प्रासिककेन्तिक ॥ ७०॥
RIAA LASTS 35 ती ततरि ASS सुस HAL SHAS CASS 5 || 70
SA फलकपाणिः स्यात् पताकी वेजयन्तिकः। HINT सहायश्चानुचरेाऽभिसरः समाः ॥ ७९१ ॥ SEAT FQTAGS | त ACAGS ANS | ESTAR BR पर EN YA | BAAR TAC AGCN ANA |] 71
208 अमरकोषः । पुरागाग्रेसरप्रष्ठाग्रतःसर-पुरःसराः |
पुरागमः पुरागामौ मन्दगामौ तु AIT ॥ ७२.॥ | BAAN FAT ACHR AT] "रमम वनरगीरसिसत्। ATTN TAT| FLATT |G || 72
जद्धालाऽतिजव स्तुल्यो जङ्घाकरिकजाङ्किकै | तरस्वौ त्वरितो वेगौ प्रजवो जवनो जवः ॥ ७३ ॥
AFSA TALE | ANAS AAC | @>. > ॐ तोप | 73 जय्यो यः शक्यते जेतुं जेयो जेतव्यमाचके | sae जेता यो गच्छत्यलं विदिषतः प्रति ॥ og ॥ ANRC ANSE FE | LAIN SISA |
वमि SGT STA Zaza 1] 7५
सोऽभ्यमिग्योऽभ्यमिचौ योऽप्यभ्यमिचोण इत्यपि । ऊज्जंस्वलः स्यादृज्नस्वौ य उर्ज्जोऽतिश्यान्वितः ॥ oy ॥
त्चियवगेः | 209
स्यादुरस्वानुरसिलेा रथिरो रथिको Tat | कामगाम्यनुकामौनो दयत्यन्तोन स्तथा BTA ॥ ७६ ॥ GIA SNA 1/1, |
| Arex h Gosh as9 | ARR AHR RC PEN STN AR STAT TATA Aa 76
BU वौरश्च विक्रान्तो जता foray जित्वरः |
सांयुगौनो रणे साधुः शस्त्राजोवादय fay ॥ ७७ i SEARS SNES त तिपा] SEP SARC SAAS S | गारुत्मत पिपास] SVAN AS AOA || 77
ध्वजिनो वाहिनौ सेना एतनानौकिनौ चमूः । वरूथिनौ बलं सैन्यं चक्रन्वानौक मस्तियाम् ॥ ७८ ॥ ` HAAS SLA थन] सना नरन SASTACASC A SANG | दरस हमर ATSC BIST SRSA WAG A |] 78
Vee बलविन्यासो मेदा दण्डादथो युधि | प्रत्यासरो ब्यृहपाष्णिः सैन्य प्रतिग्रहः ॥ ७€ | RGSS ANT TAS | FSS 555755] ABA तेह] रत्तो A YAS] SRSA HANG Acasa || 70
27
210 ्रमरकोषः |
एकेभेकरथा श्वा पत्तिः पञ्चपदातिका ।
पच्यङ्गे स्तिगुशैः सर्व्वैः HASTE यथोत्तरम् ॥ ८० 1 += > | SAINSTRC SAREE
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गवो स्मत || 80
सेनामुखं गुल्मगणो वाहनौ एतना चमूः । अनोकिनौ दशनो किन्यकौदिण्यथ सम्यदि ॥ ८१ ॥
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BLTHNSATATH | TORUS IGS] HSFATACTY PFISI] NITFIS SATA] KH TH OTS | 81 सम्पत्तिः ओश्च लश्ौश्च विपत्यां विपदापदो | WAY प्रहरणं शस्त्र मस्र मधास्तियौ ॥ ८२ ॥ RASA कव रवनर वेस] वसुर RAGS 9 SIT AEFSATSES| AA SLANS SGA || 8
धनुश्चापो धन्वशरासनकोदण्डकाम्मकम् । दषा सोऽप्यथ कणस्य AAT शरासनम् ॥ ८३॥
सनि AES) TAB AAO 8
चचियवर्मैः | 211
कपिध्वजस्य गाण्डौवगाण्डिवो पुन्नपुंसकौ |
कोरि रस्यारनो गोधा तले ज्याघातवारणे ॥ ८४ ॥ स्ुराुेना तर तर | 1.
लस्तकस्तु VAR Alea! ज्या शज्जिनौ गुणः |
स्यात् प्रत्यालोद़ मालोढ़ मित्यादि स्थानपञ्चकम् ॥ ८५ |
APTI FACT | पाकरत INGAAS |
PA AASTSIAITACST ORAS IA | पम S512 a 5 स] 85
MU वेध्यं WTS शराभ्यास उपासनम् ।
एषत्कवाणशविश्खा अजिह्यमगखगाशुगाः ॥ cs ॥
+^ ४.1.113 AME कुत्स त तद्दि (र. >
10. कलम्बमागेशशराः पचो राप इषु दयोः | परछचेडनाक्तु नाराचाः पक्षा वाज स्िपृत्तरे ॥ ८७ ॥ FIN ARF AUT AAAI STAC | MATRA AARC मसा ANAK FA SASS | SAC AAT AAA SN |] 81
CA CA A
+ ॥ ०44 0
919 HALA: |
निरस्तप्रहिते वाणे faora दिग्धलिप्तको |
तूणोपासङ्गत्ूणौर निषङ्गा इषुधि दयोः ॥ घट ॥ `
सू पममन्रवुगसनडे] 5६ ||] 88 Lr,
qui ast तु निस्विंश्चन्द्रहासासिरिष्टयः।
RAIA मणडलाग्रः कर पालः छपा णवत् ॥ Se ॥
Say ayass 55६०१६८ VARA RATS AC
मे शना पशः | APART] %
त्सरुः खन्ञादिमुष्टौ स्यान्मेखला तन्निबन्धनम् |
HAAS फलं WH संग्रादो मुष्टिरस्य यः॥ ९० |
से <न तोर २2] सनताप गृ सत द्रमः] FSP ग् ९६३९] 90
FAT सुद्गरधनो स्यादौलौ कर पालिका | भिन्दिपालः खग स्तुल्यो परिघः परिघातनः॥ ee |
THARNINST TSS | ALA TSA (> ARATE ARCS A SNS | SSATETAA SOA ELS | 91
चचियवगेः | 218
दयोः कुठारः स्वधितिः परशुश्च परश्धः।
meet चासिपुत्लो च छुरिका चासिधेनुका ॥ ९२ ॥
हवती षु-5<१] ANT TIA I 02
वा पुंसि wel शङ् नौ शव्वला तोमराऽस्ियाम् ।
प्राससतु कुन्तः RUE fears: पाल्यश्चिकोटयः ॥ < ३ ॥
९२०३१८4 पासे २८८] मर तमत्त]
धनुर OMA AC सन्यस AS GASH | SEAR APCS | 98 AC Q
सर्व्वाभिसारः सव्वाघः सव्वसन्रहनाथेकः |
लाहाभिहाराऽसरष्टतां wat नोराजनाविधिः॥ €४॥
MISTS TZ] WITS ISA
AANA GATS ASS | तमिद ANyArACA ANAS |] 94
यत्सेनयाभिगमन atl तदभिषेणनम् |
याचा ब्रज्याभिनियांणं cares गमनं गमः ॥ <५॥
AIRGAS ARTA SACS | SNST RAISINS 5६ द्विमात्र QATAR AC TAA | सकरपर 95
* For सद £
214 अमरकोषः |
स्यादासारः प्रसरणं Waa चलिताथ॑कम् |
अहितान् प्रत्यभोतस्य रणे यान मतिक्रमः॥ ९& ॥ - वन्वाना धति त्] तमि ८ तरार SNARE S HFA || 96
वैतालिका बोधकरा ाक्रिका घाण्टिकाथैकाः | स्थ॒ MIAME मगधा वन्दिनः स्तुतिपाठकाः ॥ € ७ ॥ प7वगर्गी3स | AAS तिडम दनुर सुर श्त CA HVAATARS TTS] TCR दपण तरर 97
संशप्तकास्तु समयात् संग्रामादनिवत्तिनः। रेण दयोः स्वियां धूलिः पांशु at न दयो रजः ॥ ९८॥
RIVAL ARAN AST AAAS A AGATA | EY SAN MSNA SEY] SVSUANF STAAL |] 98
चृणे कषोदः समुत्पि्ञपिच्जलौ शमा कुले । पताका वैजयन्तो स्यात् केतनं ध्वज मस्ियाम् ॥ € € ॥
यमने] FANART AERTS SIRE | AREATENSR'S BARTS SC | SHAR INASA ATSC]
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चज्रियवगेः | 215
सा वौराश्सनं agafa यातिभयप्रदा |
अहं yar महं ye मित्य हंपूव्विका सियाम् ॥ १००॥ Sal-ala“ahinaalaloi Aas दग्र | SERGE] A575 ARS | 100 Aegean दर्पाद् था स्यात् सम्भावनात्मनि | अहमदमिका तु सा स्यात् परस्परं यो भवत्यह ङ्ारः॥ १०१॥ HSN ASF HN TINA S| SAAN SH SAT | SRENHRASHANA] WGTANFAIIA SG || 101 द्विणन्तरः सहो बल श्रोयाणि साम AH च । Nis: पराक्रमः प्राणो fama स्वति शकिता ॥ १०२ ॥ 110 SACRA | AAV RRA IFAS | IFSC GF ZHAIAA A J] 102 वौरपाणन्तु यत्पानं इत्ते भाविनि वा cat |
युद्ध मायोधनं जन्य प्रधनं प्रविदार णम् ॥ १०२ ॥
RAR AAAS] STARA Y TASS | QRAREAS वतर ठत] (सपशार || 108
216 अरमरकोषः।
ay area AS समौकं साम्परायिकम् | अस्तियां समरानौकरणः कलदहविग्रदहो ॥ १०४ ॥
2) 911 1 Se NSAAECAT AZT AON GM] Wars agdareyays |] 104
सम्प्रहाराभिसम्पातकलिसंस्फोटसंयुगाः | अभ्याम्दसमाघातसंग्रामाभ्यागमाहवाः ॥ १०५ |
ARATARSTST SASS TAC] नोन् रसिन ST AAT
SES STSA RR स्वानास] रवर ARATARSrara yw | | ve | 105
समुदायः fea: संयत्समित्याजिसमिट्युधः।
| fae बाहयुद्धेऽथ तुमुलं रणसङ्ले ॥ १०६ ॥
पापपो एप ८ | सम 5 Garey | ABFINTY VAIS वरस] FAG TYAS IN |] 106 wast तु सिंहनादः स्यात् करिणां घटना घटा |
कन्दनं योधसंरावो dea करिगजिंतम् ॥ १०७॥
उद्ुवा्षपसिवेदि क | त्रा वदि gaa gracd | ६555 दे र्वु ASS ACA AS || 107
त्चिचख्वगः: i 2 lg
विस्फारो धनुषः स्वानः परहाडम्बरौो समो | प्रसभन्तु TAHT इटोऽथ स्खलितं छलम् ॥ १०८ ॥
ANAS NQA S| नवारय ATASCA |
apr RATAN SBA| Fasragerse ASE || 105
अजन्यं क्तो वमुत्पात उपसगेः समं चयम् | मृच्छ तु कश्मलं मो दोऽपावमदंसतु पौडनम् ॥ १०८ ॥
VGN IRN 3८] करप ACA SSCA AINA | AGA AC SCAN A | STARA ASS |] 109
पअभ्यवस्कन्दनं त्वभ्यासादनं विजयो Wa: | वैरशद्धिः प्रतोकारो वैरनिर्यातनच्च सा ॥ ११० ॥
सक्सपन१ दसस | AVATARS SSN EIN कमि
वि ~ 31111414 110
्रद्रावोद्ावसंद्रावसन्दावा विद्रवो द्रवः।
अपकरमोऽपयानच्च रणे भङ्गः पराजयः 1 १११ ॥
तुस्ता ८१] "रतव SAAS WAS a]
दतु परि] WAS ASS QT AAAS |] 111 च
218 श्रमरकोषः | पराजितपराभ्रूतो fay नष्टतिरोहितो | प्रमापणं निवदणं निकारणं निशारणम् ॥ ११२ ॥ सवनम पनर Sa RA AA | पेदक्सवम्ुर A SAS | QESATACESVACARCATAC’ || 112 प्रवासनं परासनं fraes निहिसनम् | निर्वासनं संज्नपनं निग्रन्यन मपासनम् ॥ ११३ I SAS SCARS ATSC | AQVACSRASS AIRC | SRT SLA AT AC |] 113 fared fread quad oftasaq | निव्वा पणं विशसनं मारणं प्रतिघातनम् ॥ ११४ ॥ पद्८दुगरस रस्म RASS | HY SATRC A ICS स्स | Fare a gs] TS PLFA |] 114
>. > ^>. उदासनप्रमथनक्रथनोज्नासनानि च | आ्आलम्भप्च्जिविशरघातोन्माथवधा अपि॥ ११५॥ WARY Es | कम र्सस् AAS TSS ALAC |
BERTH TRIG AOA रदवो STAC |] 115
चचियवगंः | 219
स्यात पञ्चता कालधम्प्री दिष्टान्त प्रलयोऽत्ययः |
अन्तो नाशो दयो wey मर णं निधनोऽस््ियाम् ॥ ११६ ॥
ह वसदस TAG AIA | SWABS Qa AIA AT AC |
GHAEAMBANHS AAAS] QS त तेद ASA arg A |] 116
परासु-प्रा ्तपनच्चत्व-परेत-परेतसंस्िताः।
रटतप्रमोतो चिषेते चिता चित्या चितिः स्ियाम्॥ ११७॥
यन्धि रदस्य] RASC AA STN AAA |
ARTS AANA ENN | NETH QS 5A] 117
कबन्धाऽस्त्रौ क्ियायुक्त मपमूद्चकलेवरम् ।
प्ूमणानं स्यात् पित्रवनं कुणपः श्व Alara ॥ ११८ ॥
|. 11/11
सरित नरकेनमेग शोधन | SAR TAAFF | 118
प्र्रहोपग्रहो वन्द्यां कारा स्यादन्धनालये |
पुंसि भूम्न्यसवः प्राणाशेवं जौवोऽसुधारणम् ॥
आयु जोवितकाला ना जौवातु जौंवनोषधम् ॥ ११९ ॥ इति afaaaz: |
1 ए १११८३ म |
निविशत Far} तेम न CANA AAC |
SAPHVASIVSN] HVTASSVAS AA HA|]] 119
| ` कुनसणि कव
AAT: | ऊरव्या ऊरुजा Hat वेश्यां भूमिस्पशे fw | आजोवो जोविका वार्ता त्ति व॑त्तनजौवने ॥ ९॥
ERMAN SS |
Aa SSIS BVARIINAS | ERasrarqea2Qq | MFASASTASAR | AWG तरस दनक |] 1 + [~
feat कृषिः पाशुपाल्यं वाणिज्यं चेति इत्तयः | सेवा ्टत्ति रन्टत छषि रञ्छ शिलन्त्वृतम् ॥ 2 ॥
~ AN Ae eo)
TAHA PSA AT Hs | SHAS AAAS EAN Qasr EEy AYA HOVAS | HTSSTTAT | SFTAL AA ITS M2
दे याचितायाचितयो यथासङ्खं खताखते । सत्याग्डतं वणिग्भावः Bred पय्यंद्ज्चनम् ॥ ३ | aSQeaac agra g] दि द्रव्म् रैरदकथ। उतनः HFSS ASAE i 9
वेश्यवगे; | ? 221
उद्ारोऽथेप्रयोगस्तु Fate दद्धिजोविका | याच्जाप्राप्तं याचितकं नियमादापमित्यकम् ॥ ४ ॥ ०1 1 ESSE SSNS TAI 4
a0 (स् उत्तमर्णाधमणा दो प्रयोक्तुग्राहको कमात् | कुसौदिको वापिको खद्याजोवश्च वाङुषिः॥ ५॥ FRSA TARAS] मस्व दुर Asa Sa GAAFATSCATASSC] AAATTSCFATSAS a |] 5 छषेचाजौवः कषेकश्च BAA कछषौ बलः | as stand त्रौ हिश्णल्यद्ववो चितम् ॥ € ॥ लिरववृद्यथसबुन] शु्वात्क्सपरि | विर दरतु-कनित] agaccsreagnss |] 6 यव्यं यवक्यं यष्टिक्यं यवादिभवनं fe यत् |
तिल्यवैलो नवन्माषोमाणभङ्गग दिरूपता ॥ ७ ॥
मस्र मसतैर STS] FSSC मातरि | HANSA YFG] STO WAN I 7
22,2 च्रमरकोषः।
alata कोद्रवौणादि ेषधान्योद्ववोचितम् |
वौ जातं (Hae सौत्यं Ae हल्यवत् ॥ ८ ॥ HPAL TS! THAR) एमन्तस करतां VATA नद ILA र] ASTACRSACARS AIA | 8 चिगुणाकरूतं ठतोयाक्तं fea चिसोत्यमपि तस्मिन् दिगु णात तु सव्वे Jed सम्बाङतमपौह ॥ € ॥ STATS F ATIVAN | इमद्गसुसहनस शप्प् | 35 Bays GAT HNAE | Bergan | Fe द्रोणादृकादिवापादो zifwarefaarea: | खारोवापस्तु खारौक उत्तमशणादय fey ॥ १०॥
FPS TANARIS ] तेण] व्ह [प<.25"सञ् रग] पुट न्ड निक्माक्षपाञ्चम] 10 पुन्नपुंसकयो au: केदारः a मस्य तु ।
केदारकं स्यात् कैदाय्यं AA कैदारिकं गणे ॥ ११॥
AUTAICACS | समति SAT SS | ATA ASAT G5 | नस तिर रस्ति SATA | 11
ayaa: | 293
लाष्टानि wea: पुंसि कोरिशे लेाष्टुमेदनः। प्राजनं तोदनं तोचं खनिच मवद्रणम् ॥ १२॥
ववस्य] PTAC RNAS SVAS 5 वेग रतररनी 354 ॥ 12
दाच्च लविच माञन्धा यों योक्त मथो फलम् | निरोषं करटकं फालः छषिको लाङ्गलं हलम् ॥ १३ |
= ease | शण देसि HOST | SASS SAEEATAE I] 19
गोदारणच्च सौरोऽथ शम्या स्त्रो युगकौलकः । ईषा लाङ्गलदण्डः स्थात् सौता लाङ्गलपद्वतिः ॥ १४ ॥
अकण
^. गो <3ग]<द्
(ष री
1744] = न नासर GUAT AT | 14
NYS AVIV IGVASS | AR ARNS ACS 3 >|
पुंसि मेधिः खले दारु न्यस्तं यत् पशुबन्धने |
aTqatte: पाटलः स्यात् सितश्रकयवो समो ॥ ey ॥ कुरव LAAN STAT | IR GS SSI INNS | Bey SVR EA FNAL AGT त || 15
224, अमरकोषः |
ate तच हरिते कलाय्तु सतौलकः। हरेणखण्डिको चास्मिन् ATTA कोद्रवः ॥ १६ ॥
सभन कर | PSS PHT 55॥ 16
मङ्गल्यको मखरोऽथ मुद्ष्ठकमपष्ठकौ |
वनमुद्ग AU तु दो तन्तुभकदम्बको ॥ १७ ॥
AT ANAEF VES | ऋशभ NQAHYAA | FINI] FTRACAISS AAS SH] |] 17 सिद्वाथन्तवेष धवला गोधूमः सुमनः समौ । स्याद्यावकसु कल्माष णको SCAT ॥ १८ ॥ SST WESTS TST ASCE | STACAR AAS A | स र्तणाभिम्प. GSAT | SPIRES RAGA {| 18
दौ faa तिलपेजश्च तिलपिङ्गश् निष्फले |
छवः छधाभिजननो राजिका कष्णिकासुरो ॥ Ve ॥
RATS 5 NS = २ तइ garays | PS ए इव्त केषर] पुरि मेषम्] 10 en |
वेश्यं; | 225
feat कङ्कप्रिथङ्ग् दे ्रतसौ स्यादुमा AAT | मातुलानो तु भङ्गगयां बौहिभेद् क्वणः पुमान् ॥ २० ॥
€ €~
विवे AS SAS] (ु<मप्पनसे] > mm 8 FTA] ATHATSST EAN | 20
oc 1 ^ ~
fare: शस्यश्रकं स्यात् कणिशं waa ।
धान्यं रोहः स्तम्बकरिः स्तम्बो गुच्छं स्तृणादिनः॥ २१ ॥ | ॥ >^. | हना TLS म 2] PATA SAW AI] 21
नाड नालञ्च काण्डोऽस्य पलालेऽस्तौ स निष्फलः | कडुङ्गरो वषं ala धान्यत्वचि yates ॥ २२॥
SITES IMSS | विकसनं सवाह YF QVA HITS | TAINAN I SATAG || 22
MATA BUA शमौ सिम्बा चिषृत्तरे | BE मावसितं धान्यं पतन्तु Teale ॥ २३ |
Se प” a “SNe nn
PRMAaesc | FATT TAC ASCNATIC ATIVAN SAN | NIVEA ASS ASO AAL AAC INA |] 23
29
226 अमरकोषः |
माषादयः शमौधान्ये श्रकधान्ये यवादयः | प्रलयः कलमाद्या्च षष्टिकाद्याश्च पुंस्यमौ ॥ २४ ॥
NFA AIL IA’ AG PAA ATS ANAT AVAPA LM APE AITATS गड वसनस्य स | 24
ठणधान्यानि नौवाराः स्तौ गवेधु गवेधुका । TMA FIA स्यादुदूखल मुलूखलम् ॥ २५ ॥
ईर १ | मेनाम रेणा इनस रे खनत वेर] TRG] दुर नुमनिमनत९| 25
प्रस्फोटनं श्रं Aw चालनौ तितउः पुमान् । स्यतप्रसेवो काण्डोलपिटो कटकिलिञ्जकौ ॥ २६ |
क, = RE OO OR Veal
11 SACS शपि | SHINS विसग मुस || 26
समानौ THAT पाकस्थानमहानसे | NUT MEAT: SIA AAT ॥ २७॥ SEVIS RCSL | बिस्त तमेव तमास 27
-------------~-: ee ee —_o er
* FY? . + Faq 2 4
ayaa: | 9११
श्रारालिका आन्धसिकाः खदा ओदनिका गुणाः | आपूपिकः कान्दविको भश्यङ्कार इमे चिषु ॥ ec ॥
नोस तार] ने ष्परनाक ।
अश्मन्त Fata मधिश्रयणौ चुलि रन्तिका | श्रङ्ारधानिकाङ्गरएकव्यपि इ सन्त्यपि ॥ ee ॥
44२८ SV INIA | CAVA गानि | WASNT SS AR | सत्वेषु EA |] 29
हसन्यप्यथ न Gl स्यादङ्गारोऽलात AAA । कौवे SATIS TET ना कन्दर्न्वा स्वेदनो स्तिथाम् ॥ ६० |
रेवसमरितिमे सगा] NSANYAY TANS | spay पर्दा | टप ५८६] 30
अलिञ्जरः स्यान्मणिकं RATS गलन्तिका | पिठरः स्याल्यखा कुण्डं कलशस्तु fay दयोः ॥ ३१॥
SAAS ALAR ISO | २5६९ |
SESE RS) SUTIQNAS THN TE] 31
228 अमरकोषः |
घटः कुटनिपा वस्त्रौ शरावे वह्घमानकः। जो पं पिष्टपचनं कसोऽस््रौ पानभाजनम् ॥ ३२ It 1 CPEERS | en मगसर ARS वनः 5 इत्] 32
कुतूः AA Seas सेवाल्या कुतुपः पुमान् |
AAAI भाण्डं पाचमाे च भाजनम् ॥ ३३ ॥
TET YAN ENA] गु वहतश्च |
द्व्विः कम्बिः खजाका च स्यात्तद् दा ुहस्तकः |
अस्त्रौ शकं हरितकं शिप्ररस्य तु नाडिका ॥ २४ ॥ ण् ~ += णा] उर. "(मासन
रसय सुतठनपदणा। तइनवक
TRA TTS AA || 34
ASIA कलम्बश्च वेसवार उपस्करः | तिन्तिडो कञ्च TAI Sala मथ AAA ॥ ३५ ॥
करक | SASSPTHAS | SAP ATANWTAE | EQNS ANAT TAS I] 85
ॐ वब्यवगः |
मरौचं कोलकं ATA धम्मेपत्तनम् | MUA जरणोऽजाजौ कणाः HA तु जौ रके ॥ ३६ ॥ सर STATON) गग AHSAN YS | ESES WEE) उयाक्चन् पा S279" I] 26 CA CA
CX ^> ^~. ॥
सुषवौ कारवो geat gas कालापकुच्चिका । Veh शृङ्गवेरं स्यादथ च्छवा वितु्रकम् ॥ so ॥ गते <स] TALS NSTN |
नवैर सरमे 349 | FAN ISATSTQ LAE I} 87
RGAE च धन्याक मथ शुण्टौ महौषधम् | स्ौनपुंसकयो व्व शं नागरं विश्वभेषजम् ॥ उट | MEN TSN TS] LANTYSS HSS | सरवर SST SSA] AO GNA-THIACS | 38
आरनालक-सौवोर-कुल्माषाभियुतानि च | अवन्तिसोम-धान्याम्न-कुञ्जलानि च काञ्जिके ॥ SE | 1 | पुमा क्ष कीर $-ए्प |
S ^ ~*~ = णा
2
-----~- ----~~
+ Bergh ए
229
230 अमरकोषः |
सहखवेधि जतुकं वाह्धिकं दिङ्गरामटम् |
तत्पचौ कारवो प्रथ्वौ वाप्िका कवरौ प्रथः ॥ ४० ॥
BR AAS AS TARAS | A ee
5 TRA) SNA TT PAM] TRAKE A SAS |] 40 fatal काञ्चनो पौता हरिद्रा acafarat. |
सामुद्रं यत्त॒ लवण Aalst FATT तत् ॥ 82 I
HAS ATASS | SILAS समास SCAT 41
सेन्धवोऽस्त्रौ शौतशिवं माणिमन्धच्च सिन्धुजे | रोमकं वसुकं पाक्यं विडच्च HAA इयं ॥ ४२ ॥ ता मह TAG HTR-GLG| सनम्
<
॥ > ¬ HSPSS HATA 0
सोवचलेऽक्षरुचके तिलकं तच मेचके |
मलस्यण्ड फाणितं खण्डविकारौ शकरा सिता ॥ ४३॥ 1 NA AAN Cay oT] TRYTSINSCS | AAS SOTR STAI 48
# NMS 2
away: | 231
करिका छौरविकृतिः स्याद्रसाला तु माज्जिता । स्यात्तेमनन्तु निष्ठानं fest वासितावधेः ॥ ४४ ॥
ARN ual ॐ AN a >= | VATA ठ AGN AA | |
BRASET AL A] कगसम्सुषत समनं कन] 44
श्रला कतं भरिचं स्याच्छल्यमुस्यन्तु पेठरम् ।
प्रणोत मुपसम्पन्नं प्रयस्तं स्यात् सुसंस्वतम् ॥ ४५ ॥ PINAL. Gage | रद्रि .q Fe Bsa |
TANTS LAAT ATS | ANAS SHASTA AIS EIS HAI] 45
स्यात् पिच्छिलन्तु विजिलं dae शोधितं समे | चिक्रणं मरणं लिग्धं qa भावितवासिते ॥ ४६ ॥ (10111 (1 ATEN SATION SY] AVSLARL ATA |] 46
arom: पौलिरभ्युषो लाजाः पुंभून्नि चाश्षतम् । ण्थुकः स्याचचिपिटको धाना खष्टयवे स्तिथाम् ॥ ४७ ॥
THA TSCAY A TAN] सदस भद TAA दवा ASNT | Se NOAM NAAR SRT AEST A NGS ^
* For 225'4% 2 + पशुस्" ५;१
282 अमरकोषः | पुपोऽपूपः पिष्टकः स्यात् करम्भो दधिसक्तवः । fara स्वो भक्त मन्धोऽन मोदनोऽस््ौ स दोदिविः॥ ४८॥ ESTER TASCNASC | G25 GAYA AG | न रनर एषम् HAAS | मम् प३२.१ GANG || 48 भिस्सटा द्ग्धिका सव्वेरसाग्रे मण्ड मस्तियाम् | मासराचामनि्लावा ATS भक्तसमुद्धवे ॥ ४९ ॥ ALARA TENN] AMAT RTS | AINA SA AATAC | SAV aR AIST IE | 49
@ ~+ < | No `> «ॐ यवागूरुष्णिका श्राणा विलतेपौ तरला च सा । गव्यं fay गवां सव्व गोविड् गोमय मस्िथाम् ॥ ५० ॥ तनुर RRS AT | cial kaalbate ETQA ATA ATTA SE] NST ARTA | TAAL AGS BTSs |] 50 तत्त् शुष्कं ATA दग्धं छौरं पयः समम् | पयस्य माज्यदध्यादि चप्स्यं दधि धनेतरत् ॥ ५१॥ Fey RF WR ATA भ] दमनी द वप्पुरस |
(>.
तमपपसुतलर्सगसा FYSTSAN AAA | 51
# For ye) Fox Rage |
वेश्यवगैः | छत asd हविः सपि न॑वनौतं नवोद्खतम् | तत्तु हेयङ्गवौनं यत् च्योगो दो दोद्ववं तम् ॥ YR I GAAS QANIVTENAS] स्रव TACARTSIAAL | ASAE NS] गुर तिम्रि] 52 दण्डाहतं कालग्रेय मरिष्टमपि गोरसः! तक्रं चयदश्चिन्मधितं पादाम्वर्ाम्बुनिज्जलम् ॥ ५३ | ASTER TTI | SHSTYAASA] TTS F SALAS] देनह] 59 मण्डं दधिभवं मस्तु पौयूषो ऽभिनवं पयः | आशनाया बुभुक्षा AT ग्रासस्तु कवलाथंकः ॥ ५४ ॥
विहतिः] वेदसार
वसनत RWSSE | TSE
सपोतिः eat तुल्यपानं सग्धिः स्त्रौ सहभोजनम् |
288
उदन्या तु पिपासा aa तषा जग्धिस्तु भोजनम् ॥ yy ॥
^ 01 / SCRA STS | CA (>.
व TIE AAS FAA
विद्य" ANAT SAAT ASAI 5/55 J] 55
#* पर् द.ढे 2 30
934: RACH: |
जेमनं लेप आदारो निघसो are इत्यपि |
सौहित्यं तपणं afa: फेला भुक्तसमुज् सितम् ॥ ५६ | दिवव] FANART EASA |
ANIA तर दसनत दसत] VOSA AS IATAA |] 56
कामं प्रकामं card निकामेष्टं aafaa |
गोपे गोपाल-गोस्ख-गोधुगाभोर-वल्लवाः ॥ ५७ ॥
दिति TATAAS SETAE] तीथ समाससम मत
QRS SAT AC TACATC | VAR तमन SINS ॥ 57
गोमदहिष्यादिकं पादबन्धनं दो गवोश्वरे । गोमान् गोमो गोकुलन्तु गोधनं स्याद्नवां व्रजः ॥ ५८ ॥
TAA HAA | ALIA RA ANG STI TRA AT TEI EN ASS HE ANE |] 58
चिष्ाश्तिङ्गवोन न्तद्गावो यचाशिताः पुराः। उक्षा भद्रो वलोवदं Wal इषभो इषः Wye ॥ गवा स्मकयद्रकषक्षम नर] TSA BASSAS
^ ee
९ रेल तुर TAC ANT SS |] 59
# Bor Vang Raq ?
= € व श्यवगः |
श्रनडवान् सौरभेयो गो रणां संहति रौक्षकम् | गव्या गोचा गवां वत्सधेन्वो रव्वात्सकधेनुके ॥ Po ॥
PSS TET) THTAAST TAT कमस 5226457] ANNA |] 60
SU महान्महोक्षः VATZalaey जरद्गवः |
उत्यन्न उक्षा जातोक्षः सद्योजातस्तु तशेकः ॥ ६१ ॥ BrrTaqarsy | SVS a नोर
भवा क्क्ष. AT 285 61
WHA वत्सः स्यादम्यवत्सतरो समो ।
ATR: षण्डता योग्यः षण्डो गोपतिरिटचरः ॥ &२ ॥ गरि नहित्रार नासन रिदा] PASH SACHA SA | सरणम् AEA |] 62
स्कन्धप्रदेश्स्तु वहः साला तु गलकम्बलः |
स्यान्रस्तितस्तु AMA: प्रष्टवाद्यगपा शगः ॥ SB ॥
शुर NA FAINT HA | सदत सेना GAA SHAT RMA] HAAS ANA] 9
285
286 अमरकोषः |
युगादौनाच्च वेाद़ारो युग्य WAIT शकटा; |
खनति तेन तदोढ्ा.स्येदं हालिक सैरिक ॥ &४ ॥
नार GCOS SSS] क वेर र्थि दम. IES ASG | सर SIV MS IVAT 341 AMAR AIS RANA S I] 64
धुव्वेहे yar धौरेय धुरौणाः स धुरन्धरः | उभावेकधुरौशेकधुरा वेकथुरा वहे ॥ ६५ ॥
sarge PABA SSS | गस्नास्नागी RS SAYA | SPHSTASAYAN AAA |] 65
स तु सव्वेधुरौणः स्याद्यो वे सव्वेधुरावहः |
AVA सौरभेय Wear माता च wheat ॥ € € ॥ गमवर देगत्मितनर | (णम ART SS Sr | THATS HS A] ४53१८ ARIA] 06 अज्नन्यष्या रोहिशौ स्यादुत्तमा गोपु नैचिकौ | वणादिभेदात् संज्ञाः स्यः शवलौधवलाद्यः ॥ FO |
REFER NG AHR] TIARAS 87] Agar sy पि ae | LST STA AANA! |] 67
A ५ Faqs: |
facraat farat गौरेकाब्दा त्वेकहायनौ | चतुरब्दा Aquiawa weer बिद्ायणौ ॥ ee ॥
TRAC ORNS | SSAC AISA AI 08 वश्ष बन्ध्या ऽवतोका तु खवद्नभाथ afarait | आक्रान्ता TANITA वेहद्गभेपघातिनौ ॥ seh
AQ AS ACTA | एदा Aad | तरतमता | VFTABCSA |] 60
काल्यापसर्य्या प्रजने प्रष्ठौही बालगभिणौ | स्यादचण्डो तु सुकरा बहखतिः परेष्टका ॥ Oo ॥
SAP GT ARN AIL SAA | ab SSR TAINS] WER AVA | Ta AS |] 70 aw
fara वष्कयणौ धेनुः स्यान्नवसखतिका | सुव्रता सुखसन्दोद्या पौनेाध्रो पौवरस्तनौ ॥ oz |
पु द र | SFAQINA HAT er Ww RANSRFaRSR A] sagragesa aad y| 71
287
938 अमरकोषः |
द्रोणक्षौरा द्रोणद्धा धेनुष्या बन्धके स्थिता । समांसमौना सा यैव प्रतिवषं प्रखयते ॥ Or ॥
सिवता सस नसे गेम 354] ATS ESA | TABS ACNS HAI] 72
Bue क्तौवमापौनं समो शिवककौलकौ | नपुंसि दाम सन्दानं पशुरज्जस्तु दामनौ ॥ O8 ॥
WISTS | ARVAA GEAR कुप A AFA TAIRA | SARA eA] at las
वेभ्राख-मन्ध-मन्धान-मन्धानो मन्यदण्डके | Hatt दण्डविष्कम्भे मन्धनौ गगेरौ समे ॥ ७8 ॥
YTITYTGEASTS] YTASETT A | NTA TAT SS | ल EN NTAA EN ASCA i 74
VE कमेलक-मय-म ाङ्गगः करभः शिशुः | करभाः स्यः WFAA दारवैः पादबन्धनैः ॥ ७५ |
मर्मर तिग्सन्मय। EQ महे ते|
Ee ++.
वेश्यवगः | 289
अजा AAT स्तुभ-च्छाग-वस्त-च्छगलका अजे | मेद्रोरसोरणोणयु मेष दृष्णय रड़काः ॥ Og |
SNe Ne
Rag HS SHC PAMAS AGEN GN इगन्तः] REYES APTI] 7४
उष्रारमाज इन्दे स्यादोष्टकोरमरकाजकम् | GRATE बालेया रासभाः WAT खराः ॥ ७७ ॥ अ > 0 १ ०0 ^> 11111, a7
वैदेहकः साथैवाहे नैगमो वाणिजो वणिक् । पण्याजौवो दापणिकः कयविक्रथिकश्च सः ॥ oF ॥ MAINA AT AT TINS S™ | दनद] उ FSS |] 78 विक्रेता स्यादिक्रयिकः क्रायक-क्रयकौो समो । वाणिज्यन्तु वणिज्या स्यान्मूल्यं वस्रोऽप्यवक्रयः ॥ 9<€ | RATA A] कृतणेणमुर्स।
SETAE AG) RAS IGAT TINT] 70
* Omit 5" |
240 | अमरकोषः |
नौवौ परिपणं मूलधनं लाभोऽधिकं फलम् | परिदानं avant नैमेय निमयावपि ॥ ८० ॥
++ र (++ | TL AYAAAIN TSF TRA HARUN AT IQNAS | AE TACG AGN AG |] 50 qarqufafuaia: प्रतिदानं तदपणम् |
न= 8
क्रये प्रसारितं क्यं कथं कतव्य-माचके ॥ ८९ ॥
AN QA ABAN ATI AG | सरकस्य | SOROS SNA] TPATASAAR SAG |] ग
विक्रयं पणितव्यञ्च पण्यं कय्यादयस्तिषु |
ala सत्यापनं सत्कारः सत्याकछतिः स्याम् ॥ ८२ ॥ +> 1 ANSI] 11.
विपणो fama: agi: स्ये wren fay । fanaa: aac सर्व्वाः संल्येय-संख्ययोः ॥ ८३ ॥
ARCTACS AIAN] ANSARI ISS ANN | SAAN AAS, TS] IRANIAN! |] 83
वेश्यवगैः | 241
संख्यार्थे दिवहत्वे स्त स्तासु चानवतेः fas | Ga शतसहस्रादि कमादशगुणोत्तरम् ॥ ८४ ॥
ON ©.
EASING AS] 11 RRS AH AC TOMAS] AP Rarag aways || 8५
यौतवं saa पा्यमिति माना्ैकं चयम् । मानन्तुलाङ्गलिप्रस्थेगन्ञाः VATA ॥ ८५ ॥ `
र्दयदतेतदतठेनम्पमतरर्ख] SHAH SAAN GS | BEAST INARA A] TS BSATA GI] 85
ते षोडशकः कर्षेऽस्त्ौ पलं कषंचतुष्टयम् | सुवोविस्तौ Vasa कुरुविस्तस्तु तत्पले ॥ ce ॥
FIANAT HANNS | समवस AYIA PSG पनरे ANA QEANG कमासिर सवामी] TST SAAS |] 86
तुला स्थां पलशतं भारः स्यादि शति ean | शराचितं दशभाराः स्युः शकटो भार आचितः ॥ ८७ ॥
QOS 55 PRAGA | ARR TERS 5 ॥ 87 a 1 = (~>
249 VATA |
कार्षापणः काषिंकः स्यात् काषिके atta au: | अस्ियामादकद्रोणो खारो वादो निकुच्चकः ॥ ए ॥
MS वर्त | acarna Se Sapam
^. | (>~ ~
समदते] WGSITIC HTS IAN 9
कुडवः प्रख्य इत्याद्याः परिमाणाथेकाः TIT | USCA भागः स्यादंशभागो तु वण्टकः ॥ Te ॥
i | ॥1 4/9. | प्य AEA SAAT AT ९ | गर प्र मै पति सपम्] SSTSVN AAA || 80
द्रव्यं वित्तं स्वापतेयं रिकृथण्टकूथं धनं वसु |
हिरण्यं द्रविणं यु्रमधे-रविभवा अपि॥ co ॥ ENTER IATA] दुर तमनेन रि म्र 1 ^+ स्यात् कोषश्च हिरण्यज्च हेमरूप्ये HaHa |
ताभ्यां यदन्यत्तत् कुप्यं रूप्यं तद्वयमाहतम् ॥ € १ ॥
मनर रमन पसि गड्गस 51 ज स कन दु पदि | 1.
वेश्यवगेः | 248
गारुत्मतं मरकतमश्यगभ दरिन्मणिः। Mad लाहितकः पद्मरागोऽथ मौक्तिकम् ॥ ee ॥
(र ति GN
सथ] SHTAEF IT |] 92
SPAS NTTTA TAS | FR RaRRSRRT AGI) CENTS मुक्ताय faa: पुंसि प्रवालं पुनपुसकम् ।
ta मणिदयोरश्मजातो मुक्तादिकेऽपि च ॥ € 8 ॥ FANT HANS GNIY | तै <ये RGSF AT सपरा FYNASTASARNAE | 93
aw qaw कनकं हिरण्यं हेमहाटकम् |
तपनौयं शतकुम्भं गाङ्गेयं भस्म RATA ॥ <४ ॥ ANAC ACA TAN] RESHUANSOAATANA | ALT TAN दकु ANY HS | SSAA RSNA YA] 94
चामौकरं जातरूपं महार जतकाञ्चने | रकं MUSE जाम्बनदमष्टापदोऽस्ियाम् ॥ ९५ ॥
ya
NIN RASTA] सद्गण SSA SINS | = + A AAG S || 95
* For £>" तु 2
244 HATH: |
FIST सुवणे' यच्छङ्गगैकनकमित्यद्ः |
द् वगो" रजतं रूप्यं eat Aafaafy ed ॥
SATA SAS | गणै सेस ६ ।
SEAT RFSFACACASC मे] तरनगे] 96 ॥ 3
tifa: स्वियामारक्रुटो न स्ियामथ ताखकम् |
qe म्लेच्छमुखं द्य्ट-वरिष्ठोदुम्बराणि च ॥ cot
रय समरामि बमन 1111 (+ णि ॥ >
लो होऽस्त्रौ शस्त्रकं तोषणं पिण्डं कालायसायततौ । अष्मसारोऽथ AIT सिधाणमपि तन्मलले ॥ ee ॥ 6411111 सथेकरयदेवभ। सद्गणम् ®
aa स्यात्तेनसं लौहं विकार सत्वयसः FU । क्षारः काचोऽथ चपलो रसः Aa पारदे ॥ ce ॥
AAT SF IAT SYN तगं गस] SINT कु SAVANE वकि,
=> iS qaqa, |
गवलं माहिषं ssaya गिरिजामले। ख्लोतोऽच्ननन्तु सोवोरं कापोताच्ञन-यासुने ॥ १०० ॥ yaya शतरि] इर Ay args |
SrA HATTA) AaHA TTF Arg9 I! 100
तुत्धाच्जनं शिखिग्रीवं faqaa मयूरके। करौ दाव्विका RIANA Ge रसाच्जनम् ॥ १०१ ॥
11111 SRSrargeysry 577 ASS AN SRNR AG | PAR STH AA > 101
रसगभ ताश्यश्ैलं AAA तु गन्धकः।
सौगन्धिकश्च चक्षष्याकुलाल्यो तु कुलत्थिका ॥ १०२ ॥
+> 1 सना AINS5 ष्वेव] 102
रौतिपुष्यं पुष्यकेतु पोष्यकं कुसुमच्जनम् । पिच्ञरं पौतकं तालमालच्च हरि तालके ॥ १०३ |
SHAH TA STS] TATARTHAAPA ANAL Seraraly FAFA 108
246 रमरकोषः |
aaa गिरिजमश्मजच्जे शिलाजतु | वोल गन्धरस प्राण पिण्ड TWA AAT: समाः ॥ १०४ ॥ 037. | दु्ीसवैर्वरहनदि
< € €
AIR ई =-35.हगउञ५६'] वीर युवी 2.8 || 104
दिण्डौरोऽिकफः फेनः सिन्दूरं नागसम्भवम् | नाग सोसक MAT वधराणि चपु पिच्चटम् ॥ १०५॥
तुर चह्षश्च] अ AA |
1 सि end
मनात SANSZA VR | 595 २ |] 105
रङ्गवङ्गप्यथ पिचुस्तलोऽथ कमलोत्तरम् |
स्यात् कुसुम्भं वहि शिखि महारजनमित्यपि ॥ १०६ ॥ 1 Sana'a gy | Faarseqpsargely | VHA ASS STA] EMTALA |] 106 मेषकम्बल ऊणायुः WA शश्रलोमनि |
मधु ale माक्चिकादि मधुच्छिष्टन्तु सिक्थकम् ॥ १०७ ॥
PARANA GAA | YORCHCA RG NAIA CA ^~. HOSA ACS YSN || 107
` ॐ, € qaqa: |
मनःशिला मनोगृत्ताः मनोह्वा नागजिद्धिका | नैपालो कुनरो गोला यवक्षारो यवाग्रजः ॥ १०८ ॥
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नवर ससद स] सर्द -मदतिमुग्ह कीर | AATWINAAASA || 108 [वा ^ RN
पाक्याऽथ सजिंकाश्षारः कापोतः FAIA: | सौवचलं स्याद्रचकां ARNT वंशरो चना ॥ १०९ | वथ रेवस। VSG!
इ 75८९, ] - ₹ 7-4= उव || 109
श््िजं श्वेतमरिचं मोरटं मूलमेश्षवम् ।
ग्रन्धिकं पिष्यलोम्लं चरिकाश्िर इत्यपि ॥ ११० ॥ HLANSTN TTR | शि्इततुरतर।
AHO SATASS| SEMIN GNANCE I] 110
MAA FAR ना VAS रक्तचन्दनम् |
fag sow व्योषं चिफला तु फलचिकम् ॥ १११ ॥ इति वेश्यवगेः ॥
गतिर दवुनतदिन्च] A] THOR STATA |
STAGE YEA | Qgergayyary erry पा मसग |
247
€ Wea: | NS --> नन श्रद्राश्चावर वर्णश्च ठषलाश्च जघन्यजाः | MARTA ARIAT AATATATSA: ॥ १ ॥
RSNA NN OS'S TY ARIS ATN ASS वदनत] SAVANE SSAA MANTA STA SAAS | HFCL STAIRS OPS] 1
श्रुद्राविशोस्तु कर णोऽम्बघो वैश्यादिजन्मनोः | श्रूद्राक्षस्तिययोरुग्रो मागधः शचियाविश्णेः ॥ २ ॥ (1 11 ।
RAID SCAM ARAN AA | उ्पसरतकोन द्वस ४ मादिष्योऽययाँक्षविययोः छत्तार्य्याश्रद्रयोः सुतः ।
ब्राह्मण्यां ्षचियात् aa mai वैदेहको विशः ॥ ३ ॥
ar p-FANMBT HAAR | 0 | RATS HAAS AGA | AW ESTAS SA'S |] 3
श द्रवगेः | 249
CAAT मादिष्यात् करण्यां यस्य सम्भवः | स्याच्चाणडालस्तु जनितो ब्राह्मण्यां sata यः ॥ ४ ॥ वैरमारभते] र कमममर
य bes MAAN GAS | INST SS ALAA || 4 कारः fret सं हतै स्तेद योः श्रेणिः सजातिभिः | कुलकः स्यात् FAAS मालाकारस्तु मालिकः ॥ ५॥ दरन्यन्णत रवर] ASIAaA sHrarspser Nas | तैसफजस्मन ITA AAS | RAZA RASA दर] SV HATH AT ALA T |] 5 कुम्भकारः कुलालः स्यात् पलगण्डस्तु लेपकः | तन्तुवायः कुविन्दः waaay सोचिकः ॥ € | इनवनात्मनः ह मम्] GAIA AAI "करतुना APSA ARGS | AST TAACAN ASA ८ रङ्गाजौवशिचकरः शस््रमार्ज्नोऽसिधावकः । UCHIHA स्याद्योकारो लोहकारकः ॥ ७ ॥
रासद] ASS ARFACSN AAAS |
BANARAS SH TANS ARS | दिगस रतरा AISA | 7
* १ is the reading in A.S.B. copy. 32 |
250 RATA: |
नाडौन्धमः SURAT कलादो रुक्मकारकः | स्याच्छाङ्किकः काम्बविकः लिक स्ताम्रकृट्रकः॥ ८ ॥ ॥ > | बास ARGC कपास" | सपरत पुप्णुन् | ACSA Scare |] 8 तक्षा तु वद्किरू्वष्टा रथकारश्च काष्ठतट् |
ग्रामाधौनो ग्रामतक्षः Rea ऽनधौनकः ॥ € |
वे SRG वर त्वेत ARAYA >+ Say GAy ARS | *GaRASCA BN -GSANRA| BATSRSISC 4 Fas GI] 9 att मुण्ड दिवाकौत्ति नापितान्तावसायिनः। निर्णेजकः स्याद्रजकः शौ ण्डिको मण्डहारकः ॥ १० ॥ कगसप्मश्ेनपणमतरसनावस] ममरस SVARCAS STARA) दद मन्दर वम्]] 10 जावालः स्यादजाजौवो देवानौवस्तु देवलः |
स्यान्माया शम्बरो मायाकारशतु प्रातिहारिकः ॥ ११ ॥ 0
YAT मपय छै 3९7 ससर पू || 11
* धु" for BX 2
a ~ ~ - -------------~ `
WAM: |
शैलालिनस्तु TTA जायाजौवाः AAA: भरता इत्यपि नटाश्चारणस्तु FATATAT: ॥ V2 I
१0111 1111 TAS QNISSCS | FASTEST | 12
मार्दङ्गिका मौरजिकाः पाणिवादाल्तु पाणिधाः। amg: स्यव्वेणविका वौणावादास्तु वैशिका ॥ १३ ॥ निउ वनतः TAS | TAC S AOAIAR || 13 Taran: शाकुनिको दौ वागुरिकजालिकै । वैतंसिकः कोरिकश्च मांसिकश्च समं चयम् ॥ १४ | AB THTAL TIGR मैस] SHC THA दलककत वलम] LAY 14
waa ग्डतिमुङ्कम्मेकरो वैतनिकोऽपि a: |
वात्तौवदो वैवधिको भारवादक्तु भारिकः ॥ १५॥
भग्र SSA] FAVAS TANG | AR केकर वुन् य| (नदत |] 15
251
252 ्रमरकोषः |
विवशः पामरो नौचः UTA परथग्जनः | foretell ऽपसदो जाल्मः श्ल्लकश्चेतरश्च सः ॥ १६ ॥ RAIN AS SAPS ANAS | NAVAL STATA | CAT SNSTATN EAS | SVTACTANT AQ ] 16
सत्ये दासेर-दासेय-दास-गोप्यक-चेटकाः । नियोज्य-किङरप्रेष्य-सुजिष्य-परि चार काः ॥ १७॥ वितर नरर द] YSCAPRTETAS OM GANAS रहनाश्च र] तरस्तग पनर्वसु 17
पराचित परिस्कन्द परजात परेधिताः।
मन्दस्तुन्दपरि ज आलस्यः शैतकोऽलसो STAT: ॥ १८ ॥ पगम Sar tgs | AAT SV वतरपातिमवोक्सवश्मीरस | पुत्रयो AAA) STASI 18
Za तु चतुर पेशल पटवः खत्थान उष्णश्च | चण्डाल सव मातङ्ग दिवाकौत्ति जनङ्कमाः ॥ १९ ॥ SPVT BRFSS | SNACE IE ET SCA | 9.
* For २५९ १ ` + 2
WHat: |
निषाद पचावन्तेवासि चाण्डाल FRAT: | भेदाः किरात शवर पुलिन्दा भ्लेच्छनातयः ॥ Ro ॥
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RATAQS ASRS] (कदस ATSC STATA | FOGATAO TAHA |] 20
~ ~ Ly व्याधो खगवधाजोवो शगयुलंब्धकोऽपि सः । कौलेयकः सारमेयः FHT शटगदं एकः ॥ २१ ॥
वैरकि पाक्ष नाक ट्त्व | पिद विन्िुगसय तेर्! दिगा SAAS | 21
शुनको भषकः AT स्यादलकंलतु स योगितः। श्चा विश्वकद्र खेगयाकुश्लः सरमा शुनो ॥ २२॥
SAM AREF IAIN GAIA | हर क-वर्ग | VST ST SES AAG I 22
विट् चरः श्रकरो ग्राम्यो THT स्तरुणः पशुः | आच्छोदनं BAIT स्यादाखेटो saat स्याम् ॥ २३ ॥
PTAA ICANT] दवारम MENS AAT SCS | EVR ATS SS A |] 23
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* For 3% 2 + For #42 |
253
254 अमरकोषः |
दश्िणारुलंज्योगादश्िणेम्मा कुरङ्गकः |
चैरोकागारिक सेन दस्यु तस्कर मोषकाः ॥ २४ ॥
TAN IN RTT ANY SAY |
NF ATR TASTE वनानि तर] ICASSP ARATE! I] 24
प्रतिरोधि परास्कन्दि पाटच्चर Afaaan: | चोरिका स्तन्य Seat च सेयं लोप्॒न्तु तद्धनम् ॥ २५॥
SATA ANE] ARAN AES SATIS AF ENT ASS FING | छ `
~~)
वौतंस स्तूपकरणं बन्धने खगपश्िणाम् ।
उन्माथः FETA स्यादागुरा गबन्धनौ ॥ २६ ॥
तोर | द TR SANT RAS |
दतु सपनद निर LATIN GET ररर 22८ J] 26
शुल्वं वराटकः wat तु रज्जु स्तिषु वटौ गुणः |
उदरारनं धटौयन्त्रं सलिलो दा इनं प्रहेः ॥ २७ ॥
FARTS] TAT YS TATE |
उपरम | 01 |] श
WEA गै 255
पुंसि वेमा वायदण्डः खचाणि नरि तन्तवः | वारिव्यैतिः feat तुल्ये पुस्तं रेष्यादि कम्मणि ॥ र८ |
ANS IPSC LARA | parargy ays | QATAR SS सम् | SANGALO STA STU i 28
पाञ्चालिका पुचिका स्यादस्तदन्तादिभिः कता | पिटकःपेटकः पेटा negara विहङ्गिका ॥ २९ |
कुवास 25 AGA ATS] SSSTEPSP PRAIA OIST'AI | TARAS ACSA ATSC | 29
भारयष्टिस्तदालम्बि शकं काचोऽथ पादूका। पादृरूपानत् स्तौ सैवानुपदोना पद्ायता ॥ ३० ॥
FAN RA वनन वेर त] देसंस्
TAN SIN ASA ASAHI | AACN ARC AANA RATA | 30
नद्धौ Agl वरचा स्यादश्वादे स्ताडनो कशा |
चाण्डालिका तु कण्डोलवौणा चण्डालवल्लकौ ॥ ३१ |
वस नर्ण दि | 0 |
SENECA AT |] 31
^>. >~ ^~.
256 अमरकोषः |
नाराचौ स्यादेषणिका शणस्तु निकषः कषः | व्रश्षनः पचपरशु रोषिका तूलिका समे ॥ ३२ ॥
नपर WAST TPA | BAAN | APPS ATS || 32 ~ ~>.
तैजसावत्तनौ मूषा भस्त्रा चम्ेप्रसे विका । श्रास्फोटनौ वैधनिका कपाणौ AIT समे ॥ ३३ ॥
AR SFQIN AEN APA |~ वरवर्णिनि न नर] पाक्ष ARS ON'9A | SHAPNEAGTAS |] 33
SALSA SARS SH पाषाणदारणः। HAAG करपच मारा चम्बेप्रमेदिका ॥ २३४ | वीरय मवै ददिसन] (गहर ्दपनव| REY VASA TSA IFAC | WATT ORARV SSE ॥ 34
x ॐ सम्मो wut लोदप्रतिमा शल्यं कम्मे कलादिकम् | प्रतिमानं प्रतिविम्बं प्रतिमा प्रतियातना प्रतिच्छाया ॥ ३५॥
कग क्रम HTT AN TSN | उदस्. सनाह्। त गडमसमाड्गसनमपे त् BSNS NAT] ॐ
Wa: | 257
nfaafazat पुंसि प्रतिनिधिरूपमोपमानं स्यात् | वाच्यलिङ्गः सम YAU AEA: सह शः VET ॥ ३६ ॥
इसरवास] STROH तवन | ।
FEV IASI सवकमर म्स] २९२ | 36
साधारणः समानश्च स्युरुत्तरपदे त्वमो |
निभ-सङ्घाश-नोकाश-प्रतोकाशेपमादयः ॥ ३७ ॥
रप्वनावे 35९२] वेदना. HAAS sass | AL TASN EAGLES | TATA Ora |] 7
कम्मेण्या तु विधा-खत्या-ग्टतयो HA वेतनम् | भरण्यं भरणं मूल्यं निर्वेशः पण इत्यपि ॥ ec |
ANS HVS LFASS | TST SS TTASS | नन | SQ5T RTE I] 38
मुरा हलिप्रिया हाला परिखुदरुणात्मजा | गन्धात्तमा-प्रसननेरा-कादम्बग्येः परिखंता ॥ ३९ ॥ तवत] FAA AINE SAT |
= AAS | MYTAWS ACA YA || 39 CA
30
268 RATHI: |
मदिरा RUA चाप्यवदंशस्तु भक्षणम् | शुण्डापानं मदस्थान ATA मधुक्रमाः॥४०॥
सस ठतग AVANT] पवतदुष्गस सतस । ERALELAY AGE AA NAS | २३. नोर | 40
मध्वासवो माधवको AY माध्वौकमदयोः। मैरेय मासवः Why MSA जगलः BAT ॥ ४१॥
Ty MOSES SA] NARHA ELA TSA
HAW ALA STES | QVSLAANS AS] NSCS] + सन्धानं स्यादभिषवः किण्वं पुंसि तु AAR: ।
कारात्तरः सुरामण्ड श्रापानं पानगोष्ठिका ॥ ४२॥
॥ # क्सरन् | कर [ववि श्वत] करर मार्रं 4 VARS पानपा चं सरकोऽप्यनुतषेणम् | ूर्तोऽक्षदेवौ कितवोऽषधूत्तो Para समाः ॥ ४३ ॥
4131 ~.
Za गः । 259
स्य॒ लंग्रकाः प्रतिभुवः सभिका दूतकारकाः। द्यतोऽस्ियामश्वतौ कैतवं पण इत्यपि ॥ ४४ ॥ सितम मेनन | ARTAQ TSS AEG |
Le OO
GESAAFHTAISAS | TFUSCT EAN || 44
पणोऽकषेषु WESATe SAAT: पाशकाश्च a | परिणाथस्तु शरौणां समन्तान्नयनेऽस्तियै ॥ ४५ ॥ APN AS] ARs ^ 441 RESTART ARSE BTARS | AGAR AL-TOGG || 45 AVIS शरि फलं प्राणिदयूतं AAA: | उक्ता भूरिप्रयो गत्वादेकस्मिन् येऽच योगिकाः ॥ ४६ ॥ RATS AINAC GaN | ATA OHA दर| ASAT AAA AANA SA || 46 ताङ्धमम्यादन्यतो उत्ता a लिङ्गान्तरेऽपि ते ॥ ४७ दधिसकसनानेनभिप्पर AST] SAAT सरस ANATAIR'Y |] 47 इति श्रद्रवगेः | दूत्यमरसिदञ्तो नामलिङ्गानुशासने | श्रम्यादि दितौोयकाण्डः समाप्तः ॥ RASTA YL BAS | विदितमेव CAS yan a CARESS AY BAT YAS TANT AAA HIS GNA
^
प्राशिवगंः | विशेष्यनिघ्रैः as नानार्थे रव्ययैरपि | लिङ्गा दिसंग्रहे व्वर्गाः सामान्ये वगैसंञ्रयाः ॥ १॥ at 3 $ ०) २ “I ae 3 | AVA IZA TT BAN eqaysac gga] FTersrscss Seay ys SEVEN AN SLT ङस] SAH ANAS सस 1
Mara यंदिशेष्यं यादशैः प्रस्तुतं ae: | गुणद्रव्यक्रियाशब्दा स्तथा स्यु स्तस्य भेदकाः ॥ २॥ THOQSAS ASIN | एरवर्उममेमार सरद] FAIS HN | WeSF ESRC TAA AT तेप AAAS TANS] 2
सुतौ पुण्यवान् धन्यो ALG ALTA: | SCAG FEA महोत्साहो महोद्यमः ॥-३ ॥
AINA INAS AN SR ACB | SAAC ANAS | | PSV नर पदग् स्वकर] 2
प्राणिवगेः | 261
gate निपुणाभिज्ञ-विन्न-निष्णात-शिशिताः।
वैज्ञानिकः HAGE: छतो कुशल इत्यपि ॥ ४ ॥ BNSF A सवव AVAGS] SABER TINGS ESO R SOAR SAS | रयो र लेस ण] TAG | +
पूज्यः प्रतौश्यः सांशयिकः संयापन्नमानसः। दक्िणौयो दक्षिणां as cfaw इत्यपि ॥ ५॥ ` +) FAN दैवपर | RATANSCS ASLAN AS] FASTA AN EAS |] 5 सयु वेदान्य-स्यूललश्य-दानभेण्डा बहुप्रदे ।
जैवाठकः स्यादायुष्मानन्तर्व्वारिसतु शस््रवित् ॥ € ॥ SAS SCA TI EATAS | SRA SARC न WHROAS ACS SHA] GSR SAC ALS TSA |] 6 परौक्षकः कारणिको वरदत्तु TATA: | हषेमाणो विकुर्व्वाणः प्रमना हष्टमानसः ॥ ७ |
सुगमम्] स दमन RANT म BR SIA SEY पन दवे] सेढ 7
262 BATH: |
दुम्मेना विमना अन्तमेनाः स्यादुत्क THAT: |
दक्चिणे सरलादारोौ सुकला दाठभोक्तरि ॥ ८ ॥
WF CFNANCSSTATAT] | A SLTAN ACN SSE | ara RCAC GAGS] STAs SAARI] 6
तत्परे प्रसितासक्ता विष्टार्थोदयुक्तं उत्सुकः |
प्रतते प्रथित-स्यात-वित्त-विन्नाल-विश्रुताः ॥ € ॥ FHA RASAN ACEH] AFAR ASFA रब शवर | GN BS HANAN SS] AASB SSTGN SATEEN || 9 गुशैः प्रतौते तु कतलक्षणाहतलक्षणि ।
इभ्य श्राव्यो धनौ सामो aac: पति THAT ॥ १० ॥ WSFA हे] रन पतेन सतर मनकर् 34 | FABFASA BA WHFFSA] ASSTASIC AAAS ACY] 10 afay नायको नेता प्रभुः परिद्डाऽधिपः।
अधिकञ्धिः aay: स्यात् कुटुम्बव्याष्रतस्तु यः ॥ ११॥
(एरका 5 लि र ता स (05, 1 RE क lM “nN QR
BAR ARAN aTA HN] SATS GATA ASC || 11
। । प्राणिवगेः | 968
स्यादभ्यागारिक afaanntufe पुमानयम् | वराङ्गरूपोपेतो यः सिंहसंहननो fe a ee
BA RASA ANTS | WAST मतान TST | सष्ठ मै FAA || 12
निवाय्थः कायथैकत्ता यः सम्पन्नः सत्वसम्यदा | अवाचि मूकोऽथ मनोजवसः पिद्सन्निभः ॥ १३ ॥
EMSS तयन] IQESVAQNAS SSA |
PUSS AINA नीमा रद] 18 सत्क्त्यालङ्तां कन्यां यो ददाति स HRs: | लश्सौवान् लश्छणः Blea: ओरौ मान् far वत्सलः ॥ १४॥
ARIAS LF SAV IT FANS मपरेसमातैम परः BS SCI] 14
TATA: कारुणिकः कपालः खरतः समाः ।
MAASAI: AC WH निरवग्रहः ॥ १५ ॥
AS TAIN ESCESS | Ra RSS TASS AVIA
सर करप वदना ATCA | ROAIG MAHAN ASO |} 15
264 अमरकोषः |
परतन्त्रः पराधौनः परवान्राधवानपि । अधनो निघ्र आयत्तोऽस्वच्छन्दो द्यकोऽप्यसे ॥ १६ ॥ गान तिकि तदवि ८ | रवसे रगत म ८२.९9 SHI] 16 खलपूः स्यादहकरो दौ घंच शिर कियः। जाल्मो ऽसमौश्यकारो स्यात् कुण्ठो मन्दः कियासु यः॥ १७॥ BATAAN SS | तमनु EAITASYFAC SS] ARAN ESSC SITS SAVANE SAP 1 कम्म क्ष मोऽलङ्कम्मोँ णः क्रियावान् कम्येखद्यतः | स काम्मेः HUM यः कम्मेश्ररस्तु AUST! ॥ १८ | AST ASTANA डर 55 sy ठु5 567६६ MATA AT SIA A'S" | 18
A
भरण्यभुक्छम्मेकरः कम्मे कारस्तु तत्क्रियः। Bara Arata अ्ामिषाशौ तु शौष्कलः ॥ re ॥
सतीं कत SFIS TANS | BATSON ISAS
AN ANASS GANA | MAN SO ASSACS |] 19
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न ~ ——
* For न्न ठ ?
प्राणिविगेः | 266
बुभुक्षितः स्यात् afuat fara रश्नायितः | परान्नः परपिण्डादो भक्षको घस्मरो SAT: ॥ २० ॥
PAINASATN 34] SAQaS NGS SA दविस | दकम् 20
आद्यूनः स्यादैादरिके विजिगौषा विवज्निते | उभावात्मम्भरिः कुक्षिम्भरिः स्वोद्रपूरके ॥ २१॥
PAN AN कतनत 9G EN STAG G | BATAAN SS SS ATCA | SATASAMN=A4 |] 9
सर्व्वा्नौनस्तु सव्वान्रभोजौ Dey Sa | लब्धोऽभिलापुक MUP GAT लालुपलालुभो ॥ 22 A
MSNA INAS) ARV SHEN, AL STAC | FRFAAVACNH SAAS | ALTARS SAWOWC'AAS || 22 उन्मद् स्तन्मदिष्णः स्यादविनौतः समुद्चतः।
मत्ते शोण्डोत्कटक्छौवाः कामुके कमितानुकः ॥ २३ ॥ ५५८९९ | मनभष सलि
SANT AA ररव] SANATARY SF IFLA I] 28
34
266 अमरकोषः |
कम्रः कामयिताभौकः कमनः कामनोऽभिकः। विधेयो विनयग्राहौ वचनेस्थित आश्रवः ॥ २४ ॥ BAN BS | STAI] 24 |
aya: water निष्त-विनोत-प्रशिताः समाः | ve ष्णग्विथातश्च प्रगल्भः प्रतिभान्वितः ॥ २५ ॥
RAR AC ACAI SV SIA | GAA Aa SSa LP RSCA | SAGA YAS 34 4ST रत् |] 25
weve तु शलौनो विलक्षा विश्मयान्विते |
ANT HALAS भो रु-भोरुक-भोलुकाः ॥ २६ | दरवद रसद] मरक तेस् AEN 1
AEA रमु AEN 754 रस" || 26 | आशंसुराशंसितरि wears ग्रहौतरि ।
FST ASA युक्तं पतयालुस्तु पातुकः ॥ Po ॥
दत सेमसपम् ANG | तिमठनसतिनतमस््।
CESAR CRANES) दरद ररम ण
प्राणिविगेः | कः 26१7
AAT शौ लेऽपचपिष्ण Ie रभिवादके |
शरार घातको fea: स्याट्वदिष्णा्तु asa: ॥ रुष । गा3नात्मतर शु] TNS ACR दु] सिवि्पिनरमर क IF AN || 28 -
उत्यतिष्ण स्तृत्पतितालङ्रिष्णस्तु मण्डनः |
भूष्ण भविष्ण भविता व्तिंष्ण व्यत्तनः समै ॥ २९ ॥
(ज 1 श्वर परदुः] दिर ARATART ARTS 29 निराकरिष्णुः fay: स्यात् सान्रलिग्धस्तु मेदुरः |
ज्ञाता तु विद्रो विन्द् विकासौ तु विकस्वरः ॥ ३० ॥ दनव] स्नापनम् ना नद| वस्त ETSIF STARS | कुमर कौकनर कुफर पाक् |] 30 विष्धत्वरो विरूमरः प्रसारौ च विसारिणि ।
सदहिष्णः सहनः छन्ता तितिक्षः कछषमिता aati ae | गौर TAN TRS कतर] FAN AAS |
AFA] NANT मुस्र] FY VEIN ATA AIG |] 31
* For 28 2 + 5B ।
268 परमरकोषः |
कोधनोऽमषंणः को पौ चण्ड शत्वत्यन्तको पनः | जागरूको जागरिता धूशितः प्रचलायितः ॥ इर ॥ गुम ATT AIA) BVA SS स्वरव] BAAR TASAT FARIS |] 32
ana ware निद्राल् निद्राणशयितैौ समी ।
परा ङ्ख पराचौनः स्यादवाडङग्यधोमुखः ॥ ३९ ॥ 1
RITAAT ACS GAARA STERN] ARAN EMAN IGA IAA | ayy SASS RAS | 33
देवानञ्चति दैवद्यंडः विद्य डः विश्वगच्चति |
यः सहाञ्चति सध्येड् स स तिय्यङः यस्तिराऽच्चति ॥ ३४ ॥ हव्यस्य] श्किगससनुरणु्न् त् | TST RA SSN IST | 55 करर मेरु ANAT |] 9५ वदो वदावदो वक्ता anita वाकूपतिः समै । वाचोयुक्तिपट् वाग्मो वावदू कश्च वक्तरि ॥ २५ ॥
सुव SEN AA | एकरद वगो व्दगु महर)
AR BAAN A SAAS | 85
प्राणिवगेः |
MATH वाचाला वाचाटा TETAS | que सुखराबडमुखौ शक्तः+ प्रियं वदे ॥ २६ ॥ ABA ARAN ATASSN SS | SERIO THN SINT PEF SATSA RASC] FASO SAR AN Y'SF AI] 36 ACT: स्यादस्फटवाग् गद्यवादौ तु कददः |
समो कुवादकुचरो स्यादसोम्यस्वरोऽस्वरः ॥ BON STATS GTA INA] ALT ACA CT HATS | ARTS NAT A TINY |] 37
रवणः Wat नान्दौवादौ नान्दौकरः समो | TI Tera वक्तु ओतुमशि्ठिते ॥ इट ॥ र| SIV YISIN ASE AGC
ASPEN श्रीमत] SVESTETSS STAIN |] 38 तूष्णोँशोलक्तु तूष्णौको नग्नोऽवासा दिगम्बरे | निष्कासितो same: स्याद् पध्वस्तस्तु faa ॥ se ॥ TPT RATA STATES NTA PACHA AINAA | AFFATHCA YO |] 30
* We इति पाठान्तरम् |
269
270 अमरकोषः |
आत्तगर्व्वो ऽभिभूतः स्याहापितः साधितः aati ` ` प्रत्यादिष्टो निरस्तः स्यात् प्रत्याख्यातो निराक्षतः ॥ ४०॥
Ray Tac ayel] AAPASSTAC' ९२.९६ |
सवाप SRS |] 40
नितः स्यादिप्रतो विप्रलब्धस्तु वञ्चितः | मनोहतः प्रतिहतः प्रतिबज्लो इतश्च सः ॥ ४१ ॥
०, ||
अधिक्षिप्तः प्रतिक्ठिप्तो बद्ध कौलितसंयतै | आपन्न आपत्प्राप्तः स्यात् कान्दिशौको भयद्रुतः ॥ ४२ ॥
QSL STRAT AAT 255] 53२ ददत् | त्यत ATS |] 42
्राक्षारितः सछारितोऽभिशसे सङ्सुको stare | व्यसनार्तनोपरक्तो दौ विदहस्तव्याकुलै समो ॥ ४३ |
ARAFAT हण] मिम सेस सररतम नाहेगवीस दिर TSS | APRS AAPOR |] 48
प्राणिवगेः | O71
विक्लवो fage: स्यात्त विवशोऽरिष्टदुष्टधौः।
कश्यः HUE सन्नद्धे त्वातताथौ वधोद्यते ॥ ४४ ॥
1 1 1
BAAN AGNES ALTA SS | कषा "रकस NAT दसम्4ु समर | | : 44,
देष्ये त्व्िगतो वध्यः Mase इमो समो ।
विष्य विषेण यो वध्यो qual मुषलेन यः ॥ ४५ ॥
FROST ARIAS] दसनत मर्मादिऽददे नस रस | | SayeN gay aisrasyy 34 | 0.11 STAC || 4
शिश्चिदानः छष्णकम्मो चपलधिकुरः समो । दोषेकडक् पुराभागौ निक्त SH: शठः ॥ ४६ ॥
149
FARHAN A GSAS APT ST IA || 46
1
(32
कर्णेजपः ख चकः स्यात् पिशुनो eat: खलः | ZUM घातुकः AT: पापो YE ATH ॥ ४७ ॥
दुर्म] YSTASSCAOINTSIRG GS | ङ्स दद्म ISAS TA] STSCSTEPAC THON || 47
rr --- ---------- re
* aye `
212 श्रमरकोषः।
अन्ने मूद-यथाजात-मूखं-वेषेय-बालिशाः।
कदर्ये छपण-्द्र-किम्यचान-मितम्यचाः ॥ ४८ ॥
AGN RNA TGA | QaRrea RAS aS | ASANN SLA कठ्] GTA ARCA NG ASA |] 48
free fart दौनो दरिद्रो दुगेलोऽपि a: । AMAR याचनको मागेणो याचकाथिन ॥ ४९ ॥
करसुपपत्म्णोषतनः। नषनत्मपजुसश।
सन मशु विमद] दुत्य् gay रर] 49 अदङ्गारवानहयुः स्यात् शुभंयुः शुभान्वितः | दिव्योपपादुका देवाः STATI जरायुजाः ॥ ५० ॥ RANSTSC HACE | SARAH AAG GRAN SS ATRAGN ALE NAA | VAC LISTEN AN 50
खेदजाः कमिर्दणादयाः परशिसर्पादयोऽण्डजाः ॥ ५१ ॥ SAAT ASNT TIAN | ऽन HASAN EE सरगम] 51
इति प्राशिवगेः | NSN RS ||
विशेष्य farsa: | उद्धिद स्तरुगुल्मा या उद्धिदुद्धिज्जमुद्धिदम् | सुन्दरं रुचिर चारु सुषमं साधु शोभनम् ॥ १॥
न = 4 वैः 5८ स सवास सनाते शै] NSVARPSSTASS TA ARCA | पिवतृन्देसयश्वगपम] व्दसनरमरपवासवनुर] 1
कान्तं मनोरमं रुच्यं मनोज्ञं मञ्जु मञ्जुलम् | तदसेचनकं ठते Alea यस्य दशनात् ॥ 2 ॥
= 13 1 RA ARATARAT ससरत] 4/595 AEST Y]
AIR AIAN SATAN SGN |] 2
अभो टेऽभोष्पितं हदं दयितं वल्लभ प्रियम् |
निरष्टप्रतिकृष्टाव्वरेफ याप्यावमाधमाः ॥ ३ ॥
REQ > 1.0 HS AVANT परस REA A त]
RAINSAFSFATNAST SS | AIAN NT SF INH मनर || 8 35
274 अमरकोषः | कुपूय-कुत्सितावद्य-खेट-गद्याणकाः समाः |
मलोमसन्तु मलिनं कचरं मलदूषितम् ॥ ४ ॥ पततम वर] गसन ARRAS CT ASCA | LSTA TTINNAL HN] 4
पूतं पवितं मेध्यच्च वौध्न्तु विमलात्मकम् |
निरिक्तं शोधितं ad निःशोध्य मनवस्करम् ॥ ५॥ गार ग् AAAS AG | ASTRAY HAG]
ANS ACNCANASASIESATAL | ARTS मरय 5
असारं HUI श्रन्यन्तु वशिकं तुच्छरिक्तके | कौ वे प्रधानं प्रसुखप्रवे कानुत्तमोत्तमाः ॥ € ॥
ATATAPATAITIO र] अत दवासगुगसत््यमत्| STARS AACA AH] AARC AARAPHCS | 6 मुख-वय्थे-वरे ण्याश्च प्रवरो ऽनवराडंवत् | पराद्याग्रप्राग्रहर-प्रग्याग्याग्रौयमग्रियम् ॥ ७ ॥
BAR SRAAT SCAT SGN] SAT QVIOZ ACTA ASTI सन] Crear Gy TAS I 7
fara fanaa: | 276 श्रेयान् भ्रे्ठः पुष्कलः स्यात् सत्तमश्चातिशेभने । ` सयु सुत्तरपदे व्याधरपुङ्गवषभकुच्जराः ॥ ८ | TFA यमनु मस] दसी Sopsygyses | AN IPAS TARSAL || 8 सिंहशदंलनागाद्याः पुंसि श्रे्ठाथैवाचकाः। अग्राम्य दयहोने दे अप्र धानोपसञ्जने ॥ € ॥
ल~ नुक A (AY <~ 3) | ie BA a NAN aN “| म |
aSAA THOTT] ARs de gnzaaygey| 9 विशङ्कट प्रथ खृहदिशल प्रथलं महत् ।
agra विपुलं पौनपोवनो तु स्थलपौवरे ॥ १० |
दवारम] तोढमप्परसन्द्र कतुर | कविवर नृ । ॐ] वास ९८ अुगा द सुभ ८ॐ ] 10 स्ाकाल्पश्चल्लकाः Be Beat दरं कशं ततु |
स्वयां माचा चटौ पुंसि लव-ले-कणाणवः ॥ ११ ॥
-- = POAT SN SOIT EE | द TF ECA SOTSS | HN TL ELSA SS Ip 11
276 अमरकोषः |
श्नत्यल्येऽल्पिष्ठ मल्पौयः कणौयोऽणौय इत्यपि । ` प्रभूतं प्र चुर प्राज्य मदभ्रं बहुलं बह ॥ १२॥
ATSIC AL TAIT FA | SASFTG NTS] 12
qte: पुरु भूयिष्ठं feat भूयश्च भूरि च । परःशताद्या स्ते येषां परा संख्या शतादिकात् ॥ १३॥
AMARC तत] वर ASTAICAT IO | ANSI वत्त] वन्वगुरसगी STAI | 13 |
TUNA तु गणेयं संख्याते गणितमथ समं स्वम् | विश्वमशओेषं छत्खं समस्तनिखिलाखिलानि निःओेषम् ॥१४॥
AIT IAG IEA TEND E SSSI ALTERS | PANNE AISTSLAL | AIA ST NAACANTAS | ACA esyaS ANA] 14
समग्रं सकलं पुणे मखण्डं स्यादनूनके। `: qa निरन्तरं सान्द्र पेलवं विरलं तनु ॥ १५ ॥
हासमङ्गागोनार वर्मः] 58 RSAC RESTS | छग य रनु] अरर] 16
fara fanart: | 277 समौपे निकटासन्र-सन्निछृष्ट-सनोौ डवत् | सदेशम्यास-सविध-समय्थाद्-सवेशवत् ॥ १६ ॥ PAINFARS ACTA] व्र धमि AG AG | गनत महर] FLT SGA || 16
उपकण्टान्तिकाभ्यणेभ्यग्रा अ्रष्यमितोऽव्ययम् | संसक्ते त्वव्यवहित मपटान्तरसित्यपि ॥ १७॥
AIA ASAE CA CATA SATA Say ACTH NEAR AAS ALAIN AALS | GAT ASRSTETGAARTE I] 17 नेदिष्ठ मन्तिकतमं स्यादूर विप्ररुष्टकम् |
दवौयश्च दविष्ठच् सुदूरं दौधमायतम् ॥ १८॥ BANAT SIN ASCNACSC ATS | ARPACAIONANACAR | ADE द्मे 5९ 18 वत्तलं निस्तलं et बन्धुरं Taaraag |
SHUI श्रनतोदयोच्छिता WAST वामने ॥ १९ ॥ ANA BRAT SC] AAC ARRAS | च >= Fae QS तनम. ] 19
278 च मरकोष ^ न्यडः-नौच-खव्वं-हस्वाः स्युरवाग्रे ऽवनतानतम् । aire ठजिनं जिह मूम्मिमत् कुञ्चितं नतम् ॥ २० ॥
प
८८०2१] FAFSNVAC ICCA |
ES ५; गर त] करसन क्षरदर| 20
° See KS ey HAY AT sifag कुटिलं aa वेल्लितं वक्रमित्यपि ।
ऋजावजिद्धप्रगुणो व्यते त्वप्रगुणाकुले ॥ २१ ॥
PATRAS] विशवमनयुगवक्षः। ROAR MACAVEIA | QA ASAIN SAAS I] 9
Waa भवो नित्य-सदातन-सनातनाः ।
ME स्थिरतरः स्थेयानेकरूपतया तु यः ॥ २१ I
TMA ष 552] नित् तरमै SAA
रवम मे वर रत पतिम नागस| SINS YTS BTA AIAG 22
कालव्धापौ TAZA? स्थावरो जङ्गमेतरः | चरिष्ण SHAG चसमिङ्गः चराचरम् ॥ VS |
NTIS THVT TIVACS TIAA FATASSATAT AMAA |] 25
fara निन्नवगे; | 279
चलनं कम्यनं कम्प्र चलं VTS चलाचलम् | चञ्चलं तरलं चैव पारिञ्जव-परिक्षवे॥ २४ ॥
ALTAR NST eTNST HATS | इिनाङिनतग नसमा किवार | ACA AYA AAT GS AIA |] 24
अतिरिक्तः समधिको ददृसन्धिस्तु संहतः |
meade कठिनं करूरं कठोर निषुरं esq ॥ २५ ॥ कुशनमवर ररि] AHRATAC ASTANA | YARNS GAT ES | STARR STAIN NA SES |] 25 még मृत्तिमन्मृतत nes प्रोद्मेधितम् ।
पुरारे प्रतन-प्रन्-पुरातन-विरन्तनाः ॥ २६ ॥
AR TAS RAG] QRarsae ag AAC |
ACSF ANRC AA] दरमपनय] 26 प्रत्यग्रोऽभिनवो नव्यो नवौनो नृतनो नवः |
TAA सुकुमारन्तु कोमलं BTA BT ॥ ₹७॥
ANNA AEA SS | प्ममुसनारित बुस ति | सवमा वैर् MAAS | ARAN AGFACAAA 27
280 अमरकोषः |
अन्वगन्वक्षमनुगे ऽनुपद् ज्ञोवमव्ययम् |
प्रत्यक्षं स्यादन्द्रियक मप्रत्यक्ष मतौन्द्रियम् ॥ र्ट ॥
Ear दिना कै २८25 इव् र हरत मी A352) । समद्र CRS ICH Awa | तिग् तारतर समु | 8
रकतानोऽनन्यटत्ति रेकाप्रेकाधनावपि ।
AQHA रकाग्योऽप्येकाथनगतोऽपि सः ॥ २९ ॥ गग ञ्नि इछ IST RAC | SATA ASAP aSATACS | Asay FFF ASIANA %
पंस्यादिः पृव्व-पलसत्य-प्रथमाद्या श्रथास्ियाम् | न्तो जघन्यं चरममन्त्य-पाश्चात्य-पञ्चिमाः ॥ ३० ॥ SAT TANINSS ASS | तुषु पनिनगाक्सशच]
FN AAC TASC | BNSC ENA AC ]
TAN ASES TFN |] 30
मोघं निरथेकं WE Whe TVA सुल्वणम् | साधारणन्तु सामान्य मेकाकौ त्वेक THA ॥ २१॥
ARAL TAC कुतस] गासन ASTAINATS BT | गतिम A HANGS] AAAS HS ASIAA |] श
faa fara: | 281
भिन्नाथेका अन्यतर रक कत्वोऽन्येतरावपि | Saas ने कभेद् मुण्ड मविलंम्बितम् ॥ ३२। TI ATAR AAR | STARA AA STAT सत SATA मन्वा AT AS STS
AEN AON ATSC SAAT ATAC |] 32
अरन्तुदस्तु AAT निरगेलम् ।
प्रसव्य प्रतिङ्कृलं स्यादपसव्य AVY च ॥ ३२ ॥ भि्गिगमिमि वतर मवग | द्ग BR Sey ्परिक्तंग८$ दम तपम || 88
वामं WOT सव्यं स्यादपसव्यन्तु दधिणम् | सङ्कटं ना तु सम्बाधः कलिलं गहनं समे ॥ ३४ ॥ ANAS Fae | was ANAT BT | AEgac gargs | AAAS ALAR | 84 WRT सङ्कलाकौणे मुण्डितं परिवापितम् | ग्रन्धितं सन्दितं eat विषहतं विस्तृतं ततम् ॥ ३५ | ANA ATARIST ASG | YARRA SOAGA AG |
न्स तद्वस SCARS AG | SAAT AN SCAN AG || 35 36
282 BATH: |
अन्तगेतं विस्मतं स्यात् प्राप्तप्रणिहिते समे | वेखितपरङ्किताधूत-चलिताकम्यिता धुते ॥ ३६ ॥ ` रह पेदव] BAERS EVES |
ST TARRTAaTAAC | मार्दवेन ८०९९२९३ | 36
नुत्त-नुन्नास्त-निरूतावि़-छिपतेरिताः समाः | परिशिप्तन्तु निरतं मूषितं मुषिताथेकम् ॥ ३७ ॥ AXAMTARCACANATAR | ARS ATARI AR a cTAECA KEAN SARC AL द्विपाद] TRAV ENARG AATAIQ'AG |] 37
प्ररङ्प्रस्टते न्यस्तनिर्टष्टे गुणिताहते । निदिग्थोपचिते गृढ्गुप्ते गुण्डितरूपिते ॥ ₹े८ | QAAACATSATAR | भतसर] STTSCASETNA] HASSAN ACAI 98
द्र तावदौणे उद्गूर्णोद्यते काचितशिक्िते ।
musta दिग्धलिप्ते समुदक्तोडुते समे ॥ ३९ | 0111
तिसन न.त] SG TAR ATA | 0.
fare fanaa: | 288
वेष्टितं स्यादलयितं data रुदमादतम् | enyasa निशित-श्णत-शातानि तेजिते ॥ ४० ॥
वदिददधपङवसतपरोस RS | QAP सत् दवाकर GAARA | FSNHSHAT ११४८०११] 40
P (>. स्यादिनाशोन्मुखं पक्वं steele तु लज्जिते | इते तु UME संयोजित उपाहितः ॥ ve i STURGIS ससु] रि SAE RARE | QRATAETT AGNI] प्वत्नगुनतुर STAC 41 प्राप्यं गम्यं समासाद्य स्यन्नं रौणं सृतं सुतम् । ARG: स्यात् सङ्लितो ऽवगौतः स्यातगहंणः ॥ ४२ ॥ . SATAY TATA] ननु तरिवदद नु ९६
वहस हतस्तात] SHES SATAN IAIN] 42
विविधः स्यादह विधो नानारूपः एधग्विधः | अवरोणो धिकूकूतश्चाप्यवध्वल्ता ऽवचुणितः ॥ ४३ ॥
984 श्रमरकोषः |
अनायासकृतं फाण्टं खनितं ध्वनितं समे ।
बड़ सन्दानितं मूतमुदितं सन्दितं सितम् ॥ ४४ ॥ मातेव कऽसरकैग क्स ।
ASCH AHTASIASCASIN | BYES SAMSTAG |] 44
निष्यक्ते कथितं पाके शछौराज्यपयसां खतम् |
fata सुनिवह्यादौ निर्व्वातसतु गतेऽनिले ॥ ४५ i निर OLAS | सिगार |
सर रदसदवप दिम AA] क्रमेन SCA AEA| 45 पदं परिणते गनं ea मदन्तु alae ।
पुष्टे तु परुषितं सोदे छान्त मुदान्त Axa ॥ ४६ ॥
| SarrRearHygerss | TTS तवडगाश्ुस्| वसनरमेार | gar बस तदव | ANASTA RC NT AGATE || 46
ay दमिते शन्तः शमिते प्रार्थिते ऽदिंतः। ane ज्नपिते छन्नग्छादिते पूजिते shad: ॥ ४७ ॥ तमस्ति पनि ध GARE त सरतत] ATRL ITAA | APSF ETA] ASLETSCS INAS || 41
fave fanaa: | 285 पुशेस्तु पूरिते fare: किशिते ऽवसिते faa: | ष्टसुष्टोषिता दग्धे तष्टत्वष्टौ तनृक्तते ॥ ४८ ॥ गार ARC Searcy | न्स TNT A चपा] QAR AS SATA SATA | AGAIN वतु ELENA |] 48 वेधितच्छिद्रितै विद्धे विन्नवित्तौ विचारिते, निष्प्रभे विगताराके विलौने विद्ुतद्रि ॥ ४ ॥ युग ARSC STAIN | SAIYAN ASS STAINS | सनरन TSTANG SARTCA | PATATSIQTAT SGA I] 49 fag निरेत्तनिष्यन्नौ दारिते भिन्रमेदितै | ऊत Wage चेति aa तन्तुसन्तते ॥ yo ॥
TASS TEATS | ISIS छतत | ASSAF] SAY ASNT AAO |] 50 wmrefea नमस्थितं नमसित मपचायिताितापवितम् | वरिवसिते वरिस्यितमुपासितच्चोपचरितज्च ॥ ५१॥
महि वार रवात्] AVFATRACS Raa AN
GAA STAIN AA aa || 51
286 अ्रमरकोषः |
सन्तापितप्तन्तत्तौ धूपितधूपायितौ च दूनश्च |
Be मत्त स्ततः Vea प्रमुदितः Ma ॥ ५२॥
स्पत कतरमागरसययनर] NAN SARITA SASS AFA NAST दमार्] दवन गर मफसः् | 52
fad ate लूनं छत्तं दातं दितं चितं इकूणम् | ae ध्वस्तं र्ट स्कन्नं पन्नं चुतं गलितम् ॥ ५३ ॥ ASS TOIT SATS ५/1 (1/1 | AQAA SA AIG | ASST SSPLY SRSLY ASAT RNS SANA LSA |] 58
लब्धं urd विनं भावित मासादितञ्च was | अन्वितं गवेषित मन्विष्टं माभितं खगितम् ॥ ५४॥ | STRSTR ATSC | REAVER STRSTR |
कपि EN SAGAS | वदेग वन्द करषध"त || 54 आदरं wis fad तिमितं स्तिमितं aqa ans |
aa ata tfaaafad गोपायितच्च गुप्तञ्च ॥ ५५ ॥
HQAPIN AT IAT SAAS | तसु SH HAGA AS | gaara Rs rage asc MV HTA NA | Be
fava fanaa: | 987
अवगणित मवमतावन्नाते ऽवमानितव्च परिभूते | त्यक्त eta विधुतं समुज्दितं धूत मुत्सुष्टम् ॥ ५६ |
(1119: | तिव SRS C'S WIGAN ISS | ARRAS कुतस" ARIAT THATS ‘SS I] 56
उक्त भाषित मुदितं जल्पित areata afafed लपितम् | बुद्धं बुधितं मनितं विदितं प्रतिपन्न मवसितावगते ॥ yo ॥ स्तत जसता] TASTE RATATIAASA AC | FISTS ACHR SS] रग INARA QAE 52 ऊरोकुत Alaa मङ्गैकूत माश्रुतं प्रतिज्ञातम् |
ae संविदितं dad समाहितोपश्रुतोपगतम् ॥ ५८ ॥
पि्ररसन्न ASN SAAN | ANAS SSS GaAs | AS ARV ACANAA ACE | SATOMI AAAN ZINES || 58 देलित-शस्त-पणायित-पनायित-प्रणत-पणित-पनितानि | अपि गौगे-वणिताभिष्टतेडतानि स्तुताथानि ॥ ५९ ॥
AMS 2 SES TEESE CATS SAT HALAS | AIAN IES SII SEY AG 59985 |] 5
288 अमरकोषः | भसित-चव्वित-लिप्त-प्रत्यवसित-गिलित-खादित-प्छातम् | श्भ्यवहतान-जग्ध-ग्रस्त-म्लस्ताशितं भुक्तं ॥ ६० | रसा QBN ESCA TAL ASTRAL TANTRA स] BVA SCE 00 छेपिष्ठ-श्षोदि्ठ-प्रे्-वरि्ठ-स्थविष्ठ-वंदिष्ठाः। शिप्र-श्द्राभौषित-ष्रथु-पोवर-बहुल-प्रकर्षौर्थाः ॥ &१ ॥ वेन् नन्ति GFR] वेप् मना PHS WA र ATA HS Ha | मतद GFT कर ITA || 61 साधिष्ठद्राधिष्ठ-स्फष्ट-गरि ए-हसि्ठ-टन्दिष्ठाः। वादृ-व्यायत-बह-गुरूवामन-छन्दारकातिश्ये ॥ F2 ॥ ध 4 1 yaya ese ears Be धुरि ya Bq Sears gary दैव | तषममदैशुपपमः | SANE SRSTS NIA |] 62 इति विररेष्यनिघ्नवगेः | SAARC TIAASSS AS SAS I]
$ ¢€ © संकोणावगः | प्रसतिप्रत्ययाथायेः सङ्धौणे लिङ्गमुन्नयेत् | HUA तत्सातत्ये गम्ये स्युरपरस्पराः ॥ १ ॥
ARV AATATS I SCAGT AANA SIN] ARMIES SAGES | BITRE 55)5 | AAT AIA 215 SHAS LY SNA | 1
साकल्यासङ्गवचने पारायणपरायणे | यच्छा स्वरिता हेतुश्रन्धा त्वास्था विलक्षणम् ॥ २ ॥
Saar sor Aayers | erXeraaysceAarsa 2c | RIES SPAR १३८ | HF SOMANAR NST १२.६५ 2
मयस्तु शमः शन्ति दान्तस्तु दमथो दमः । अवदानं कम्मे रत्तं काम्यद्ानं प्रवारणम् ॥ ३ |
ति "दरद | उरम् | BAIN AES SAT ANAS न] AVS RFT AT ASAT II 8 37
990 अमरकोषः |
वशक्रिया संवदनं मूलकम्मे तु काम्मेणम् । विधूननं विधुवनं तपं प्रौणनावनम् ॥ 8 ॥ २८.२5.5२ नश 9१२ इत वमद न्प ANS | पपवर मेर प ते] तस्यः RASA I] 4
aanifa: स्यात् परिचाणं दस्तवारणमित्यपि ।
सेवनं सवनं स्यति विदरः स्फुटनं भिदा ॥५॥ सगण YO ATLA Asser ST TILIA | QR TASS TITAS I] 5
्आकोशनमभोषङ्गः AAS ASAT न AT |
aapes मभिव्याति ates भिघ्षाथनादंना ॥ € ॥ अ 11 BRAT SANYO |
र्ति दन ARF IN BA AAC | दशत SAN AAS AA AO II 6 Aga SEAT दे आनन्दन सभाजने |
च्राप्रच्छन AMAT: Ayes: aa faa ॥ ७ ॥ पाठे थानत सुप | रग्मिय रुर] PASTAS AS] देम मन्ना दात् |
च्व SCA EAE | 7
संकोणेवगेः | 291 DS ग्राहो वशः कान्तो TA TTT रणः कणे | व्यधो वेधे पचा पाके हवो हति वरो इतै ॥ ८ ॥ विनदन FACT] ARCA SHAT ASN AG | QR TARA TTA ॐ छु < नाह्मनि SA] दिदुासयरवेनासम रसदन] दितम् कैम ys Sa: लोपे नयो नाये ज्यानि जि ममो भमौ । स्फातिो प्रथा ख्याती whe: vat स्रवः खवे ॥ < ॥ ASTATIVINSC SY] BSH aT AC कोक्ता] वनु ALARA | ATLASSIAN | र्षु A ATL AG | ९3541] 9 एधा AST स्फरणं स्फुरणे प्रमितो प्रमा । Vata: प्रसवे श्च्योते प्राघारः MAM HA ll १०॥ रिथिविकनकष्परदगार्वेधि] QSOS SAH AA | RHASRTSERACEE | CANTRRS SAI |] 10 उत्कर्षो ऽति श्ये सन्धिः ae विषय आश्रये | शिपायां क्षेपणं गौणि गिरौ गुरणमुखमे ॥ ११ ॥ न 101 1 दिवित विदुष] Rack त AAS I 11
` क,
* ff
292 | RATHI: |
TAA FAA WA: BAN TAA जयः |
निगादो निगदे मादो मद् Taq उद्भरमे ॥ १२॥ ARNT TIS दना नमन्] ASS कुभि दरस AAIAVATRES A) MASTS ५ | 12 विमदेनं परि मले ऽभ्युपपत्ति tame: । ¦
face स्तदिरडः स्याद्भियोग सू्वमिग्रहः ॥ १३ ॥ वकम पसु | SIERRAS AC हिस AEG | RAEFFACAANA | SCAT HAAR SICA CIA AES |] 13 मुशिबन्धस्तु संग्राहो डिम्बे satfaaat |
बन्धनं प्रसितिश्चारः स्पशः स्पृष्टो पतत्तरि ॥ १४ ॥
पिरवर प्परदवु २३८] SS ETE ETSI |
सभतम सुद] apg gee)
निकारा विप्रकार : स्यादाकार feas इङ्ितिः। परिणामो विकारे दं समे विकछतिविकये ॥ १५ ॥
call
ose (शिति
संकंेणेवगेः | 293 अपहार सत्वपचयः समाहारः समुच्चयः | प्रत्याहार उपादानं विहारस्तु परिक्रमः ॥ १६ ॥ र्विः SV SSSA NA | SARACEN GANG) SF ATG SS रर" AST || 16
अभिहारो ऽभिग्रहणं निहारो ऽभ्यवकषेणम् |
अनुहारो ऽनुकारः स्यादथेस्यापगमे व्ययः ॥ १७ | 11111 देस सुवो दे NGS] रवसे EFA EL 17
प्रवाहकर्तु प्रहत्तिः स्यात् प्रवहो गमनं बहिः | वियामो विथमो यामो यमः संयामसंयमो ॥ १८ ॥
दह्मा ८१ रतु २२ र्वु नहना पत्] सदि TEASE RAN RC] Raa ae ] 18
हिंसाकम्माभिचारः स्याज्नागय्या जागशा दयोः |
विघ्नो ऽन्तरायः प्रत्यूहः स्यादुपध्नो ऽन्तिकाश्रये ॥ १६ ॥ बुस त्तिसु] मष सममत SATAN § | ARN ASR SS ATES ASIAN |
ततर क्त्य |] 19
~~~
* For 4 2
2०५ अमरकोषः |
निर्वेश उपभोगः स्थात् परिसपः परिकिया | विधुरन्तु प्रविश्वेषो ऽभिप्राय ग्डन्द् आशयः ॥ २० ॥
रस REACH ANS दिस35 सु ते5। BI STAIN YON FAA | FARA SHASS ATCA AT SG 20 संक्षेपणं समसनं wae विराधनम् |
परिसय्या परोसारः स्यादास्या त्वासना ferfa: ॥ ₹१॥
SRR ABST RR दश्च] मेसन दमाम् | प्स्व सुर AAAS | AATAETAYAAAA || 21
विस्तारे विग्रहो व्यासः स च शब्दस्य विस्तरः | स्थान्मदनं संवाहनं विनाशः स्याददश्नम् ॥ ₹२॥ HSA TEA AEA | द्प्वन कुप्यते Sera Pa STA] gererse Fae || 22 संस्तवः स्यात् परिचयः प्रसरस्तु विसपंशम् |
नौवाकस्तु प्रयामः स्यात् सन्निधिः सन्निकषंणम् ॥ २३ ॥
ANTS ACT YAN] विपद मरित] PN ASTACF ATTEN] FAR SANAATACS |] 23
GRAN: | 295
लवो ऽभिलावो लवने निष्यावः पवने पवः |
प्रस्तावः स्यादवसर WAT: दूचवेष्टनम् ॥ २४ | peradaparaqarad | Feradvagsscagazia |
BBN AINA HN AGS | VST HAST ES SATATAM || २५
प्रजनः स्यादुपसरः प्रश्रयप्रण्यैा समो | Tints निष्कमोऽस््रौ q संक्रामो दगेसच्चरः ॥ २५॥ `
गस्य G HS ATTA | Fangcggyaay वसम] SSTEVARSATIA'SS |] 25
प्रतयत्रमः प्रयोगाथेः प्रकमः स्यादुपक्रमः | स्यादभ्याद्ान Agila ATA AAA स्वरा ॥ २६ | ARTZ TACT HS AR] SSUES A SATAETT aga garerer sg | hb biabn 26
प्रतिबन्धः प्रतिष्टम्भो ऽवनायस्तु निपातनम् | उपलम्भ सू्वनुभवः समालम्भो विलेपनम् ॥ 29 |
BREA A SENG देवगु SSA SAAN ARTA | APSARA TSA M27
296 अमरकोषः |
विप्रलम्भो विप्रयोगो विलम्भ सूवतिसज्जनम् | fasta प्रविख्याति caer प्रतिजागरः ॥ र्ट ॥
FEN ANAC मि कुत] NAIL मनःसु SAI ROSATO’ AR |] og
निपाठनिपटौ पटे तेमस्तेमौ समुन्दने |
्राटौनवाखवै MW मेलके सङ्गसङ्गमौ ॥ २९ ॥
रसि रसवत aag cia | उदसन्दवुतेर CEA |
॥ 0 संवौ शशं विचयनं Alaa म्रगशा BT: |
परिरम्भः after: संश्लेष उपगृहनम् ॥ So ॥ (000 1 र दकया तवि द्र | 80
निव्वैगोनन्तु निध्यानं द्शनालाकनेक्षणम् ।
प्रत्याख्यानं निरसनं प्रत्यादेशो निराक्तिः ॥ ३१ ॥
८२२८] विरतो वङ्गग ARRAS 91
संक्गेएवगैः ।
squat विशणयश्च पग्थायश्यनाथैकौ । अत्तनच्च NIT च CUA च एणाथैकाः ॥ ३२ ॥
QAPTAT SAV IRAVAIC नाम AIS दप SITS TT AA I 32
ager विपय्यासो व्यत्ययश्च विपययेये | पय्थयोऽतिक्रम स्तस्मिन्नरतिपात उपात्ययः ॥ ३३ |
ज्मा दर दिवन्गता] दवोदरस"ता SCAT TAHA AN |] 83
Tam यत्समाहय तच स्यात् प्रतिशणसनम् | स संस्तावः कतुपु या स्तुतिभूमि दिंजन्मनाम् ॥ ३४ ॥
p-pRap tara) देवश्च । HAS त मतद] ALLA AAS ASNT SNST! 84
निधाय तश्यते यच AIT काष्ठं स Feet | MAN स्तम्बघनः स्तम्बो येन निहन्यते ॥ sy ॥
€
GOVT -GLL INTC AY GR VF AES YDS |
१.
38
297
298 HATHA: |
आ विधो विध्यते येन तच विष्ठकृसमे निघः | उत्कारश्च निकारश्च दौ धान्योत्क्षेपणाथैको ॥ ३६ |
qa ॥ प
गन पद्पवार वीस A457] रदनम् समन ASIA A | ७
निगारोद्नारविक्षावेद्भाहास्तु गरणादिषु ॥ ३७ ॥ SINTRA वर्तव ISA eT YATE! || 9
प्रत्यवर तिविरतथ उपराभे वा ferareq निष्धेवः | fagfa fagad निष्ठौवनमित्यभिन्नानि ॥ इट ॥
0 ] ayerscayy सण eraser | er ATAPI AS ayerass | ARARrerqsrergys5a4 |] 88
जवने जूतिः साति सू्ववसाने स्यादथ ज्वरे Shei: । उदजस्तु पशुपेरण मकरणिरित्यादथः शपे ॥ se ॥
aN AaySA | देरगृसरमस ८२९६९९० AEA दुगास] SAGAN SA A & |] 89
~~?
संक्मेणेवगः | 299
गोचान्तेभ्य स्तस्य खन्द मिन्यौपगवकादिकम् |
आपुपिकं शष्कुलिक मेवमाद्य मचेतसाम् ॥ Bo | SLAY NINA) STAPAp Eyer |
केसरि Say RS SC | SAGA NNTAL AAAS |] 40
मारवानान्तु AWA सहायार्ना सहायता |
इलया हलानां ब्राह्यण्यवाडग्ये तु दिजन्मनाम् ॥ ४१॥ SNCS TSS | BSAA AC SANSA AR] SGI] SATYAM HS |] 41
दे पशुकानां VIA WIA पश्य मनुक्रमात् । खलानां खलिनो खल्याप्यथ मानुष्यकं णाम् ॥ ४२ ॥ 111. | START INAS मनत |
SATS SATIS TONS | रग्नि SANS TN | 42
ग्रामता जनता धुम्या पाश्या गल्या थक् VIF | अपि साहख-कारोष-वाम्मैणाथव॑णादिकम् ॥ ४३ ॥ RIES HSN S TE | GAN ASST STAT | FSaargH ARE] गास णम ससय as इति संक शेवगेः | ARNG HHS
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; € गानाप्यकवमः |
21 न
नानाथाः केऽपि कान्तादिवगेष्ठवाच कौत्तिताः | भूरिप्रयोगा ये येषु पय्थायेष्रपि तेषु ते॥ १॥
ye ARS TT
PRIA LASHES AAS TANS ACA VR ACA A] SBN ICAO AC |] 1
आकारे चिदिवे नाको Ra शुवने जने। पद्ये यशसि च AH शरे खड्गे च शायकः ॥ २ I
जणाणतमास्सनाहपवय] Rall समति baled ~ | : ASIST TAM] SHAS G UM 2
seach क्रोष्ुवरुणे vas चिपिटाभका । Aral दशनो द्योत AT पटहमानका ॥ ३ |
fom 1
उदरहत्दगव्ुदिमेण। Hsrergayarg gry} +> 1
नानायवगः | उत्सङ्गचिहयोर इः: कलङ्गोऽङ्ापवादयोः | ~ £ क्योरक aay त्को नागवड क्योरकः स्फरिकषय्ययोः a ॥ RETEST AIMS | SARS | PARA TIT] Sse GANA |] 4
मारुते वेधसि an पुंसि कः कं शिरोऽम्बनोः | स्यात् ARIA HSU AT भक्तसिक्थके ॥ ५ | ARSC EAA) इुषयणे शु १८) +=
उलके करिणः पुच्छमूलापान्ते च पेचकः ।
कमण्डलौ च करकः सुगते च विनायकः ॥ &€ ॥
QATAR SA वहग ई] FOSSA SA eNeye om |
PAANASIM AN) SLAAqsraeya dys wrn |] 6 ५७2 qm
किष्क हेसते वितस्तौ च श्रुककौटे च टचिकः। प्रतिकरले प्रतौ क स्तिष्ठेकदे गे च पुंस्ययम् ॥ ७ ॥ ग पप] 2 गुरुक]
€
* Another reading ; सै = ९८ दवा ६८.५९८. वना |
[11191] शङ्खनामा नोरा नमन्
` 801
302 - श्रमरकोषः |
स्याद्भूतिकन्त afar कत्तुणे भूस्तृणेऽपि च ।
ज्यो त्लिकायाञ्च घोषे च कोषातक्यथ कट् फले ॥ ८ ॥ मेगः | saranda
ररत नगम गनेन)
FIN TCL AAG SIONS ET II 5
सिते च खदिरे सोमवल्कः स्यादथ tases | तिलकल्क च पिण्याको वाह्धिकं रामटेऽपिच॥€॥ तरिवव "रसा FarQaass aa) sma FOTT IE 9
मदेन्द्र-गुग्गुललक व्यालग्राहिषु STAT । रुकूतापशङ्ास्वातङ्कः स्वल्पेऽपि aay ॥ १० ॥ HSA TAY वायुस] गेरि
EAGT AGG! SESE TAT AISA M1 1
जैवातृकः WATT खुरे ऽप्यश्चस्य ava |
व्याप्रेऽपि quetiat ना यवान्यामपि दौपकः। ॥ ११ ॥ एवन दमम] FHT RATING |
SETAC SAIN A] HRTTFAL AT SS 11
* Another reading ; Vaasa मे | † ` यसान्यामपि fae: इति प्राठान्तरस॒ ।
नानायवगः | 308
TASH: कपिकरोष्श्वानः स्वणेऽपि गैरिकम् । पौडाथेऽपि seta स्यादलौकं त्वप्रियेऽन्टते ॥ १२ ॥ "न 8 वासर वप्या तसम] EVAR AR WC ATS NG | svi Saga OES 12
(~ शौलान्वयावनुके दे शल्क शकलवल्कले | साष्टे शते सुवशेानां VT HT TH ॥ १२ ki ADAGFEN ATA] कसो वननगृवमुगय। ASAIO ड-वतर ५] SASSSS THANE |] 19 दौनारेऽपि च निष्कोऽस््रौ went समलैनसोः | दम्भे ऽप्यथ पिनाको ऽसौ श्रल शङ्रधन्वनोः ॥ १४ ॥ 91.1.31. द aT HG | ग्नि भमन] SAPASIAACAN EI SSI | Rae] ARR SE ASS IG I 14 धेनुका तु करेण्वाच्च मेघजाले च कालिका | कारिकः यातनादच्योः कणिका करभूषणे ॥ १५ ॥ SARA ARTS FTE aR Sy T AT ] STESTTIVTALAINA | पिणत] 15
304 अमरकोषः |
करिहस्ताङ्गलो पद्मवौजकोश्यां चिषृत्तरे रन्दारको रूपिमुख्यावेके मुख्यान्यकेवलाः ॥ VE ॥
शर भनिप EP NSA 3३८ यातरि समवि mS तथैष मारपा पादि QHAC AAR I] 16 स्यादाम्भिकः कौक्कुटिको यश्चादूरेरितेक्षणः। लालारिकः प्रभो भालदशौं कााक्षमश्च यः॥ १७॥ ॥ 110 व्यटिगानरदसित्सत। AAAS ASEAN || 17 भूश्रन्नितम्बवलये चक्रेषु कटको ऽस्तियाम् | स्च्यगरे ATT च लामदहषं च कण्टकः ॥ १८ ॥ 1 हि "` ` मयूख स्त्वट्करज्वालास्वलिवाणौ श्िलौसुखो |
wet निधो ललाटास्थि कम्बो न स्त्रौन्दरियेऽपि खं ॥ १९॥
सनस तगदिवर वति GOTT ACTA | ARRABS AGS ८०] Ag) AFsacAerwce y 14
नानायेवगेः । टणिञ्चाले श्रपि शिखि भैलटक्षौ नगावगौ । आशुगौ वायुविशिखौ शराकंविहगाः खगाः ॥ २० ॥ AV ENAAN ARES AA] AGE Rasa दि कुकु SAAT ART HA |] 20 पतङ्गौ पक्िख््यौ च पुगः ETAT । पशवोऽपि BAT वेगः प्रवाहजवयोरपि ॥ २१ ॥ STATIN] TASER BATES R STH A | SAAT AC TATAN ANAS |] 21
परागः RAN रेणौ खानौयादौ रजस्यपि | गजेऽपि नागमातङ्गावपाङ्ग स्तिलकेऽपि च ॥ २२॥
वरनामेमि्भगा > | Breage Fear we
AR AABN TTA] SATAN SQA UTA A I] 22 aa: खभाव-निर्म्मोक्ष्-निश्चयाध्याय-खष्टिषु । योगः सन्नरहनो पाय-ध्यान-सङ्गति-युक्तिषु ॥ २३ ॥
NAACAGARAAANSS | CAPT AA SS मस्य
[8 ॥ qe ए
सवार्तातिमिवदर रसय | NST कुरत मासस्य || 28
39
805
806 HATH: | -
भोगः सुखे ख्यादिश्तावडहेश्च फणकायथोः |
चातके हरिशे पुंसि सारङ्गः शवले fay ॥ २४ ॥ TARSAL ASN | SESH Sar ACA SISTA AI RAEN तवृ तु] 5554551] 24
कपो च वगः शापे त्वमिषङ्गः पराभवे ।
यानाद्यङ्ग युगः पुंसि युग युग्मे छतादिषु ॥ २५॥
॥ YTV AHA] WwEP-spAS SRA FesRan Rasy sy | वेशी सपसास || 25
aay पशुवाग्बज्दिङ्चषटणिभ्रूजले । लक्ष्या feat पुंसि This चिहशेफयोः ॥ २६ ॥ TAYAINACCT RSS| FERS मेनाम
AF SVS SO SINAN! | OTSA ELL A] | AIS BANAL Gz |] 26
AR प्राधान्यसान्वोश वराङ्ग AS TELA ।
भगं ओ्रौकाममाहाव्यवौग्धेयना ककौर्तिषु ॥ २७ ॥ तुंगमर्दिकवड स] सर्वीऽरमासप म्स र8 मी] इ~~ | ^, a (क) ९०. व|] 27
* For 3 ?
नानायवगः | 807.
परिघः परिधतेऽस््रे ऽ्योधो इन्देऽम्भसां रये । मूल्ये पूजाविधावर््यो ऽ हो दुःखव्यसनेघधम् ॥ RE |
HATA WCS AEN ASG | RSIS SAAS | AFACAST SSS | NTS STAC |] 28
चिधिषटेपि लघुः काचाः शिक्यश्टदवेद्दग्रुजः | विपय्थासे विस्तरे च प्रपन्चः पावके शुचिः ॥ २९ ॥ गामदित कर्ये | PS HAART
€ @ म
AROMA FASTA | दरतगाक्तकेडशु द|] 20
मास्वमात्ये चाण्युपधे पुंसि मेध्ये faa fay । अभिषङ्ग Wess गभस्तौ च रुचिः स्रियाम् ॥ ३० ॥
Gea FI वेमन् समि STATS | | ANTINAT ATV] सनन AAS SS |] 80
प्रसन्ने AARC गुच्छः स्ञवकहारयोः। परिधानाच्वले कच्छो जलप्रान्ते चिलिङ्गगकः ॥ ३१ ॥
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# For ९६६५५ 2
808 अमरकोषः |
केकितार््यावदिभुजो दन्तविप्राण्डजा fest: | अजा विष्णदरच्छागा गो ्टाध्वनिवहा व्रजाः ॥ ३२ ॥
TINATSH IBS| STARA S HOSA | EBTARTHAE YTS] Sey garaBTSC ATE | 28 धम्बेराजो जिनयमो कुञ्जो esta न सियाम् | TAH क्षेचपुर्दा रे बलजा वरूगृद शेना ॥ BB ॥ STHAUHVTYGES | FASC इना
PHS] TONES AOAC BS | TATE A IATA SE |] 33 से शां े रणेऽप्याजिः प्रजा स्यात् सन्ततौ जने । अजो शंखशशाङ्ो च स्वके नित्ये निजं fag ॥ ३४ ॥ सम्फममाषपतो NES | दइर SA |
WTAE ROR ACES) ASSTATARTFE TIS |] 34 पुंस्यात्मनि vate च wast वाच्यलिङ्गकः |
Al स्याचेतना नाम SSATAAATAAT ॥ ३५ |
GU TITAC ANTE] PEASE IA SI SEAS GAARA] TRAST SINS | ॐ
नानाथेवमेः | दोषन्नो वैद्यविदांसै ज्ञो विद्वान् सोमजोऽपि च ॥* AANA करटो गजगण्डकटौ कटौ ॥ Be ॥ PgR ARAN TAT | TSSHATSC ARTE | 4
श्रपिविषटतु खलतौ दुश्वम्भेणि महेश्वरे । देवशिल्पिन्यपि त्वष्टा दिष्टं दैवेऽपि न दयोः ॥ ३७ ॥ GAAP BRSTETAC | 11 | BNATTS SPS | सदसस तसि | 97 रसे कटः AFH fay मत्सरतौश्णयोः |
Te क्षेमाशुभाभावेरिष्टे तु शुभाशुभे ॥ sc |
भदक
गुणः| कवर $| APATITES] BTA ASSIST] 38
मायानिश्चलयन्त्रेषु केतवान्तराशिषु | अयोघने LIAS BCs कूट मस्तियाम् ॥ ३९ ॥
gavarpaaperamasc ) Pesrerssa sayy eras |
ANTRAL SAAC | द्रा ससपिगा र | 39
* Some editions omit this line. + Verse 36 adds: 37882'34 |
809
810 BATH: |
aaa चुटिः स्त्रौ स्यात् काक्तेऽलपे संश्येऽपि सा । अत्युत्कषां श्रयः कोग्यो मूले लग्नकचे जटा ॥ ४० ॥
+ 119) SER Sar gare | ATH BTA CA] इथ सुर >| 40
afe: फले सण्द्वौ च efe wtasfam दशने |
इष्टि ्यागेच्छयोः afe निशिते age fag ॥ ४१ ॥ spare ey seers) समविन 1 MBRATSR ASAIN] कष्टे तु छच्छग हने दक्षामन्दागदेषु च |
पट द वाच्यलिङ्गौ च नौलकण्टः शिषेऽपि च ॥ ४२ ॥ ॥ 0 1 वटनसते तिदस] FarME ATE ॥ 42
पुंसि कोठो ऽन्तजटरं कु्लेऽन्तखंहन्तथा |
निष्ठा निष्यत्तिनाशन्ताः काष्ठोत्कषे स्थितै दिशि ॥ ४३॥
वरग कनहर AGAR RETA GES AGA TSN AT SVAN ARR | ESSA AS SA 48
नानायवगः | 311
fay ज्येष्ठोऽतिश्सेऽपि कनि्ठोऽतियुवाल्पयोः | दण्डोऽसौ लगुडेऽपि ASST गोेश्षपाकयोः ॥ ४४ ॥
हिताम् SOM] गष 05 र % | ey (२13१44५ 4
सपमांसात् पशुव्याड़ौ गोभरुवाचर््डा इला | छेड़ा वंशशलाकापि नाडो कालेऽपि षटृक्षणे ॥ ४५ ॥
SPARS TAIN] SPACES PP ETA LAAN] FR 55H FST ५4
AUS दण्डवाणाव्वेवगीावसर वारिषु | DIRS मश्वाभरणेऽमतरे मलवणिग्धने ॥ ४६ ॥
ए S| नमर R SARAH'S |] 46
BUNA Als WATS खश्छच्छयोः | WHEN fy हदो व्यृढो विन्यस्तसं हतै ॥ go |
aM ,. | 4
819 VACHE |
सूणोऽभके स्त्ेणगर्भे वाणो बलिसुते शरे |
auf धान्ांओे संघाते प्रमथे गणः ॥ ४८ ॥
TESNACACATIAN SS | TP PST RA TSCA |
TP GAT ST AAS | SARTRSERT SS STR | 48
पशो चूतादिषृत्सष्टे wat Ae धनेऽपि च |
मव्य द्रव्याभिते सत्वशुक्तसन्धयादिके गुणः ॥ ४९ ॥
ववे मावतु] AVSCHVAICSG |
AF SFACA SEN GNSS | केवर SASS ATSC
HANS ASAIN AYES |] 49
निव्व्यौपारश्थितै कालवि शेषोत्सवयोः क्षणः |
वर्णो दिजादै शुक्ला स्तुत वन्तु वाक्षरे ॥ yo ॥
BRATS SIT] SAAT |
AEA GNA SS | STA EONAR ASS
२ मनेय || 50
अरुणो भास्करेऽपि स्यादणेभेदेऽपि च विषु |
स्थाणुः WAIT द्रोणः काकेऽप्याजञै TI रणः ॥ ५१ ॥ 4
vos ॥ oH
"व
नाना्थेवगेः | 818
ग्रामणौ नापिते पुंसि श्रेष्ठे ्रामाधिपे fag | ऊर्णो Aaah स्यादावत्तं चान्तरा Wat ॥ ye I
009 11 इर SATAN ANE | HANAHAN TN AGT |] 52
इरिणौ aram हेमप्रतिमा हरिता च या। fag पाण्डो च हरिणः स्थणा स्तम्भेऽपि Aas: ॥ ५३ ॥ SREANATINA | पसरतो मा्डपा ASH AINE ANAC |
Qe wk Qe
ANTS TSA] SVR RST 5
AU स्णहापिपासे दे जुगुसाकरुणे टे | वशिकृपथेऽपि विपणिः सुरा प्रत्यक् च वारुणो ॥ ५५ ॥ व | SRE A RA |
is
ANAT TAB] SOAS दुनास र| 24
2 219
करेणुरिभ्यां स्तरो नेमे द्रविणन्तु बलं धनम् | शरणं हर्िवाः saw कमलेऽपि च ॥ ५५॥ गर्म] PAPA ARAL कस] 13.
* aN 2 40
814 अमरकोषः |
विषाभिमरल्लदेषु ate ala खरे fay |
प्रमाणं हेतुमयाद्ाश्णस्त्ेयत्ताप्रमाह्रषु ॥ ५६ ॥ 0) TRC RISA
2 ^?
दुनि तोन 57] NAVANTAG ASN 4२२६] 56 करणं साधकतमं कषेचगाचैन्द्रियेष्ठपि |
प्राण्य॒त्पारे संसरण मसम्बाधचम्गतै ॥ ५७ ॥ MAPA GT ANAS | विरुर दुवः ससि |
RFPS वसत] [QSSAWTASCAS ENS न घण्टापयेऽय Wala ART सुन्नये | अतस्त्रिषु विषाणं स्यात् पशुखङ्गभद् lye ॥ सममपि कनाम ति RAN VAC SAA |] 58
प्रवणं कमनिम्रोव््यां US ना तु Aqua ।
सङ्ौश निचिताशुद्वावोरिणं श्रन्धमूषरम् ॥ ५९ ॥ .
दादिमा | STASCAQ AS SNAG | MESA ANA) TAP LOS HSS |] 59
* ठ् 2
नानायेवगेः |
देव्या विवसन्तो सरस्वन्तौ ASAT | ufeareant गरुत्मन्तौ WHAT भासपक्िणा ॥ € ० ॥
a — a cael
ep rarsigy A] WANA FAKE AA A | अरन्त] TITRA BT | 50
APIA धूमकेतुजौमूतै Hae । हस्तो तु पाणिनक्षवे मरुव पवनामरौ ॥ ६१ ॥
यन्ता हस्तिपके aa wat धातरि पोष्टरि | araara शशि पोतः परेतः प्राणान्तरे wa ॥ ६२ ॥ WEAR APRA GS | STARA ATS |
No} CA apse Serer 25K | रदा ङग ०६२.३६]] 62
ग्रहभेदे ध्वजे केतुः पाथिवे तनये सुतः। स्थपतिः कारुभेदेऽपि मूखहूमिधरे पे ॥ ६३॥
१.0 शन ACPA | नमर रत कोष] 6
815
816 अमरकोषः |
मद्ाभिषिक्तो भूपेऽपि ऋतुः स्त्रौकुसुमेऽपि च । विष्णावप्यजिताव्यक्तौ खतक्त्वष्टरि सारथौ ॥ ६४ ॥ `
धक सतरीर तनि रगाक८.] APAVAV ATS A RTARTA STAG || 64
व्यक्तः प्राज्ञेऽपि दष्टान्तावुभे शस्तरनिद्शने । AA स्यात् सारथो area क्षचियायाच्च west ॥ sy |
a)
पत्रवान् | SPS SBS AYA तस |
5 (> एवित | गो शीश AN ARISTA सउ 65
SUA स्यात् प्रकरणे प्रकारे कात्स्न्थेवात्तंयोः। अन्तः समरे ्टत्यस्थाननौदृदिशेषयोः ॥ && ॥ वैन] तोनाकविस्पनुम्म घ्यणहगैमाुनरव] वुरमामसक्ैसमवनि SIA] 66 छतान्तो यमसिडान्तदैवाकुशलकम्मसु |
शेष्मादि-रसरक्तादि-महाभ्रतानि axa: ॥ go ॥
TATA MAAS | VSIA STRIATE RT| AMAA SASS | पुस्स ९२.९.३२] 67
नानायवगः | 81१
इन्द्रियाण्यप्मविकूतिः शब्दयोनिश्च धातवः | RATA शुद्ान्तो न्टपस्यासव्वंगो चरे ॥ &८ | FA WTTSIN Tas | रउ IAHA HANGS | SUNG PAN GNA | गरव ARS |
स
सरगम तीस NAS 8
AMAA: शक्ते aa: काठिन्यकाययोः | विस्तारवश्ल्यो aafa Saat राविवेश्यनोः ॥ ge ॥
1. ESTAR AR STR) तमिमम् १
छयाचेयोरपचितिः साति दौनावसानयोः | afa: पौडाधनुष्कोचखो जातिः सामान्यजन्मनोः ॥ ७०॥
ae
BY HSS ८२६५९. ९ 5 55 A RAAAN SAT | HST EMA AAA | रगे शरनम् 70 प्रचारस्यन्दयोरौति रौतिडिम्बप्रवासयोः। उदयेऽधिगमे प्राति wat सूवभध्रिचये यगे ॥ ७१ ॥
सव्व] रवद STATA (1.
318 प्रमरकोषः |
कौणाभेदेऽपि महतो भूति भस्मनि सम्पदि | नदौनगय्या नगानां भोगवत्यथ सङ्गरे ॥ ७२॥ PARAS TAGS | FHSAA G5 A a SLT TAA BSNS | SATA SSG 72
सङ्ग सभायां समितिः छथयवासावपि efa: | रवेर चिच शस्त्रञ्च वहिज्वाला च हेतयः ॥ ७३ ॥
SF SFA S TSCA] गातु SGT | SPARTA SS | FAVA SVAATHAC | URAINT SS 2 || 73
जगतो जगति च्छन्दो विशेषेऽपि छितावपि | पं््तिष्कन्दरोऽपि दशमं स्यात् प्रभावेऽपि चायतिः॥ ७४ ॥ दना नुम] BESTS TIAA
री शभरमम हरस | Re scameres 1 74 पत्तिगतै च ae तु पक्तिः पक्षमेदयोः |
vafa ्योनिलिङ्गे च केाशिकाद्याश्च aaa: ॥ oy |
मर नरठ] STATES] Sr SSMS SST NSIS | IS SIAS IH | 75
€ € नानायवगः |
सिकताः स्यु areata वेदे safe च श्रुतिः, वनिता जनितात्यधानुरागायाञ्च योपिति ॥ o€ ॥
CoN न
[व | ~ 44 १। =) EN AUN तुन] 76
गृत्तिः छितिव्यदासेऽपि via धारणधेग्ययोः | Zeal ARAMA बन्दोभेदे मदत्यपि ॥ oo ॥ `
नुम् 3 न] ~छ बन् AS ARVADA >| #/1 वश्य] VTYSAT TAA AAS 77
वासिता स््रौकरिण्योश्च वात्ता ett जनश्रुतै । वान्त फरगुन्धरोगे च चिघ्र्॒ च ताते ॥ OF ॥
Shah aE TSN | TEAS THA A TBS
SRA HE TAG] गम हुम मपु] 7
कलधौतं रोष्यहेम्नो निमित्तं हेतुलश्णोः |
अत्याहितं महाभोतिः कम्मे जोवानपेकषि च ॥ ७€ ॥
MASTITIS] FSSA ASAT | BIS SPARTA <] aarisras saree’ | 79
319
820 अमरकोषः |
यक्ते श्ादाटते भूतं प्राणयतौते समे fay |
श्रतं शास््रावश्तयो TIAA: कतम् ॥ ८० ॥ Rape NNT SNES | NEPAABVARSTSN AST AISA | शकन्न Serer eEF SARC Fear gy RIVA || 80 aa पद्ये चरिते favata ददनिस्तले | AEE जन्ये स्याद्हिते चिषु ॥ ८१॥
AS SAR ASA SATIVA] QRS STFA Baer AUTH 1/1
विस] VAN SASS 81
aa रौष्येऽपि रजतं हारे Tra faa fag ।
fafeat safessfa रक्त नौल्यादिरागि = ce tt गम AEARC TATA AERA ANAC नगवा Hamer ara ] पाक्त रमक १े। दवीप वैर] ATTA माक्ष || 82 अवदातः सिते ate qe बद्वाज्जनै सितै |
युक्तऽति संस्केते मषिश्यभिनौ तोऽथ संस्कतम् ॥ ८३ ॥ STRSTR कर | TRAC PSSA | BATAAN ETA | RASTA ARG AA AN YASS | FAINT AGA | रेबसपि्सशुर तमप] 83
a oe ee ——— i ren A —_ T
* Superfluous
नानायवग; ।
afar लछणो पेतेऽप्यनन्तोऽनवधावपि |
Gia हृष्टे प्रतौ तोऽभिजातस्तु कुलजे बुधे ॥ ८४ ॥ नदत्सु SARE | BLAS SIA NAT SAA TANS AS ACT TF] NRE F SANSA I 68
विविक्तौ पूतविजनै मूच्छितै agaist । दौ चाम्लपरषो ुक्तौ श्तौ धवलमेचकैा ॥ ८५ ॥
~
रवे रवार रपेत्| BSS 5FANASAC A | शि) 4; 9 ` 1 101
aq साधो विद्यमाने une safes च सन् | पुरस्कतः पुजितेऽरात्यभियुक्तेऽग्रतः छते ॥ ८६ ॥ NFAT HL ATR | सुगोत यन यददन A | 1/3 | सनु वमर. AATEC | सतप ९१ |] 8
निवातावा्रयावातवै शस््ाभेदयच्च AA यत् । AAAS: स्यरुच्छिता उल्थितारू्वमो ॥ ८७ |
FUSFACAL ISN] NSA ती 5 ९९९. | दधतस्त] STAYS TAA नस] 87
41
221
322 ` अमरकोषः |
ठ्विमत्पोद्तो पत्रा आहतौ साद्रि । ` rTP ay ta प्रयोजननिदन्तिवु ॥ < ॥ -
ATSRIN SIN GAIA ७2१4५०१5 पप्र उरक] ACSA SSAA] 88 निदानागमयोस्तौधै षिजुष्टजल्ते गुरो | समथस्तिषु wie सम्बन्धार्थे हितेऽपि च ॥ ८९ ॥ दोर गे ३३ उर सुसु ङगसशवदि | सुनहु नस द्द्सिवदतेतवु यपत | दशमौस्थे stars बौधौ पदव्यपि । च्रास्थानोयनयोरास्ा प्रख्यो ऽसौ सानुमानयोः ॥ € ° 542 VAIN GAT AA] ति वधर S TIA NANA TTT AGA | दुहन्ति] तै अभिप्रायवनै छन्दावब्दो जौमृतवत्सरो । ।
अपवादा तु निन्दाज्ञे दायाद सुतबान्धवै॥९१॥
सास स्वदय TY CAA] पवतम ISA | TTY VARS] ११ बी
नानायंवगेः | 328
पादा WIAA खन्द्रारन्यक स्तमोनुदः।
fatal जनवादेऽपि शदो जम्बालग्ष्ययोः॥ <२॥ व्दति EN GISTACS] AQS ZAG ANA FIVFG INA] TASTE Z AA | 92
श्रारावे रुदिते चातय्धाकन्दो दारुणे रणे | स्यात् प्र्षादो ऽनुरागेऽपि ae: स्याद्यच्ञनेऽपि च ॥ € ३ | AAR TS AA HIT ENS | RNS SATA नास | 0 01 3 | हुत वर S59 VTS || 93 Ca
गोष्ठाध्यक्षेऽपि गोविन्दो हपे.प्यामोदवनद्ः।
प्राधान्ये राजलिङ्गे च BUTS ककरो ऽस्याम् ॥ € ४ ॥ इरति दद TAS] प्यर् हि + मिवे 1 FIST
Basar ys | सविव 94
wai सम्विजन्नानसम्भापाक्रियाकाराजिनामसस् |
ध्म TEET ATS सदः aT te)
क स~मव] NSIS CST SV IAVAC SNS | BNSF TEP S| BATAGA-TAS I] 95
824 अमरकोषः |
पदं व्यवसित-चाण-स्थान-लस्मांभि-वस्तुघु | mae सेविते माने प्रतिष्ठा छत्यमास्यदम् ॥ ed ॥
VS THTATAS | पासन्द RAS AS तरत्स
पी 9“ GAS SAYS | -XATAS ETAT |] 96 चिधिष्टमधुरो aig az चातौश्णकोमल । मृढाल्यापटुनिर्भाग्या मन्दाः स्यु दौ तु WITT ॥ ९७॥ गुन] नुन "कर ARTA SA] क्क १८९ सवान्य | नषि य्वुससनवरि] NBME A SAGAS |] 97
प्रत्यग्रा प्रतिभ विदत् सुप्रगल्भेा विश्णरदै | व्यामो वटश्च न्यग्रोधावुत्सेधः काय उन्नतिः ॥ € | PAR SACS STARS | भस सानन TAS |
C2 we AFA तुस AY || 98 UUs ATA विवधो वौवधो a Ar परिधि यज्नियतरोः शखायामुपखग्यके ॥ ९€ ॥
नानायेवगेः | 895
बन्धकं व्यसनं चेतः पौड़ाधिष्ठानमाधयः | स्यः समथ॑ननोवाकनियमाश्च समाधयः ॥ १०० ॥
55954 = AVAL | =^ = >) ~) [| ^१ ~~ 4 | अ | 100
दोषोत्पादेऽनुबन्धः स्यात् प्ररुत्यादिविनश्चरे | मुखानुयायिनि शिनौ प्रछतस्यानुवत्तने ॥ १०१ ॥
रसशेषप वुत्त] रविम भगस सतन
ON ~ \— <~ — ea =. ०. Ale TEAAAS AAR] तलवम् ESA A | 101
fay विष्णो चन्द्रमसि परिच्छेदे विलेऽवधिः। विधि विधाने दैवे च प्रणिधिः प्राथेने चरे ॥ १०२॥।
SBTARTA SA! प्दसमहिदिसनगाप्मदु |
TR ATSCS TAN] THR SACS
qugat पण्डितेऽपि स्कन्धः समुदयेऽपि च ।
देशे नदविशेषेऽन्धो faarat सरिति स्याम् ॥ १०३॥ `
"भै भर STARA |
erase FBS NTE AFH YA AAA |] 108 त}
326 अमरकोषः |
विधाविधो प्रकारे च ary रम्येऽपि च fay ay जाया सुषा wat च सुधालेपोऽखतं Get ॥ १०४ | AR AS SNA | इ" "तन्]र २57 त नक 4 |
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AS AVAL AGA TSE | 4३3५५ 55" |] 104
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सन्धा प्रतिन्ना मय्थादा ASI सम्प्रत्ययः WET | मधु मचे पुष्यरसे Be चान्धतमस्यपि ॥ १०५॥ NIFSWYASNA] SAS AA AA |
AS BRAC HAT SAC NS | हैः AVA AF AIA || 105
श्रतस्तिषु समुन्नद्ध पण्डितंमन्यगव्वितै | ब्रह्मबन्धु रधिक्षेपे निदं शे ऽथावलम्बितः ॥ १०६ ॥ ANAS ALA AGN AS] ARS कुविन |
त) SENG GF VAT HE SIGS! || 106
अविद रोऽप्यवष्टव्धः प्रसिद्धा स्यातभूषित्री | waaet चिचभान् भान् रण्मिदिवाकरे ॥ १०७॥
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नानायेवगेः | 327
भूतात्मानै धःठरेडा मूखनोचै ए्रधग्जनै | aaa शैलपाषाशा पचि शर पक्र ॥ १०८ ॥
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१२५३६] SH PAHAAASAAS TAT | 108
aaa शिखरि fafear afsafetr | प्रतिथनावभे लिष्सोपग्रहावथ सादिन ॥ १०८ ॥
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वैः <स] वैणो ङ्ग 0 मस | | 109
al सारथिदयारोदहा वाजिनोऽश्ेषुपरक्िणः | कुलेऽप्यभिजनो जन्मभूम्यामप्यथ हायनाः ॥ ११०॥
प्रस] [तविकु ठ] TRA मरत. TASTETS | HVAC ANE A] रणद्म्त्पवलीद््द|| 110
वषौचि alfetar: स्यु अन्दराग्न्यर्का विरोचनाः। केशेऽपि ठजिनो विश्चकम्मा कंसुर शिल्पिनोः ॥ १११ ॥ सद] FApAHS ss)
ABN मम १] BANNAN ALG NAL |
हि < क्न NaS |] 111
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828 ्रमरकोषः।
आत्मा यलो ति ate: स्वभावो ब्रह्मवष्म च । एचधातुकमत्तभवयुकाब्दा घनाघनाः ॥ ११२ ॥ NAHAS परमसन नु वीक रनिल SCE] SAS सुर पमु 112
श्रभिमानोऽथादिदपे ज्ञाने प्रणयहिंसथोः।
घनो मेघे मूत्तिंगुणे fag an निरन्तरे ॥ ११३।
NTA FAPSANY | SHASTA ALAS SRT ARG | TAT ASOSNG55 | नसम मतव SCS ASG 118
इनः WA TAT राजा BUF छचिये पे | A क ~ वाणिन्या नत्तकौमत्ते खवन्त्या मपि वाहिनो ॥ eee ॥
सिम् 3] रवै LATN NAS | HAURINAAAIC | वहि मुकर महस
ag ASSN THA || 114
हादिन्यो वजतडति वन्दायामपि कामिनौ | त्वग्देहयोरपि तनुः ख्नाधोजिदहिकापि च ॥ ११५॥ SLT FTN AINA] WW SANSA
BANAL 6 Aa SAA a 5 a BA rt | 115
नानाथवगः | 829
्रतुविस्तारयोरस््ौ वितानं fay तुच्छके । मन्देऽथ केतनं Hel केतावुपनिमन््रणे ॥ ११६ ॥ वारित मन्ददुगदर। ततमनममुमाुमद्र ANS FANT SINGIN RS | HNNSANGA SAI] 116
वेद MM तपो ब्रह्य Ta विप्रः प्रजापतिः । उत्सादने च हिंसायां चने चापि गन्धनम् ॥ ११७ ॥ AFA SAATA| ससद नरि दना PACHNAS HASAN a |] 117
MaMa प्रतौवापजवनाप्यायनाथैकम् ।
व्यञ्जनं लाञ्छनं श्मश्रु निष्ठानावयवेष्ठपि ॥ १९१८ ॥ नवक TATA AN A SP NACH SGN SAN ] 118
स्यात् Brats THATS युद्धं पश्वहिपश्िणाम् | स्यादुद्यानं निःसरणे वनभेदे प्रयोजने ॥ ११९ ॥
॥ क ॐ? करतार SNS TASS ATS! |] 119
42
330 अमरकोषः |
gaara feat खानं ateterata देवनम् | उत्थानं trey ava सन्निविष्टोद्मेऽपि च ॥ १२० ॥
RATAN TNT LS | SAARI TS | QIAT HNN 4] SATS QS ANAS} 120 ब्युत्धानं प्रतिरोधे च विराधाचरणेऽपि च ।
मारणे BAHT गतो द्रश्येऽथै दापने ॥ १२१ ॥ क | विना Sargeras |
aban द परषारा | हस्र 2२ || 191 निवत्तंनो पकर णानुत्रज्यासु च साधनम् |
निर्यातनं वैर शुद्धो दाने न्यासापशेऽपि च ॥ १२२ ॥ AFSVEN ATS G| FSF FST
YASCASA TARAS || 122
gaa विपदि भ्रंशे दोषे कामजकोपजे |
पश्साक्िलामनि किञ्जल्के तन््ादयं ओेऽप्यणौयसि ॥ १२३ ॥
TF 2H SNAG 06/15 | ARTE NAIC | 55 5-4F TSCA ॥ 199
नाना्थेवगेः । तिथिभेदे शे ua वत्म नेचच्छदेऽध्वनि । अकायगु द्ये कापौने मैथनं सङ्गतै TAT ॥ १२४ ॥ BST शना ततय | RE SRT ATTA | मेऽप पर्न ति | सुभम् | 124 प्रधानं परमात्मा धौः प्रन्नानं बुद्धिचिहहयोः |
Daa पुष्यफलयो निधनं कुलनाशयोः ॥ १२५ ॥
meee 1) SAA HTAIN | F HARASS INA I} 125
कन्दने रादनाद्वनि वप्रे प्रमाणयोः | खद त्विट् प्रभावा धामान्यथ चतुष्यथे ॥ १२६ ॥ MSTASICAB | ASFA ALAS | A विमित ञव] मनि नमवे] 126
afaan च संस्थानं ल्म चिह्वप्रधानयोः। आच्छादने सम्पिधान मपवार णमित्युभे ॥ १२७ ॥
BARR HANNS | SESE 255 ITAA AAI HAS |] 127
०
881
832 श्रमरकोषः |
च्राराधनं साधने स्यादवाप्तौ तोषणेऽपि च । अधिष्ठानं चक्रपुरप्रभावाध्यासनेष्ठपि ॥ शर८ट ॥ INR" one २८९ मुत् ८ 25" RIS AUNI’
AR ६ 0 र ) | + ॥ 4 |
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ta wasifasesta वने सलिलकानने | तलिनं fare स्ताके वाच्यलिङ्गा स्तथोत्तरे ॥ १२९ ॥
RY AC RAN RL SA AS) गमेन मस्ति | FAATARA ALOE | STEVIA SANSA AGA || 129 समानाः सत्समैक्य स्यः पिशुनौ खलखचको । हौनन्धूना TTS वेगिश्ररौ तरस्विनौ ॥ १३० ॥ VTA FASEAAL AS | ATF FT 4IASS | BACT TAN ARSC RASA |] aa अभिपन्नोऽपराद्खोऽभिग्रस्तव्यापद्नतावपि |
कलापो भूषणे वहं TUT सं हतेऽपि च ॥ १३१॥
मदत कऽसनर] शतन म मम SY
TANF HCA) A SASARNSCAMTA AC || 191
नानायेवगेः | 333
परिच्छदे परौवापः पय्युत्तौ सलिलस्थितै । गोधुग्गो पतौ गोपौ हर विष्ण ठषाकपौ ॥ १३२ ॥ PATA ACN ISSAC | Is TAC इमास |
AR aaAST ATA] SAC HAART AP TTA |] 19
वाष्य FUT कशिपु त्वन्न माच्छादनं दयम् |
तल्यं शय्याद्रदारेषु स्तम्बेऽपि विटपो ऽस्तियाम् ॥ ess ॥ मस गठ् गये
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FSA AR ICAO Aer SSCS AS 1 198
प्रात्तरूपस्वरूपाभिरूपा बुधमनोज्ञयोः । भेद्यलिङ्गा श्रमो Ha वौणभेद कच्छपो ॥ १३४ ॥
Tap रवश्च | वट् दत ART SC AAS ACS | AS VERN AS SaIareN's SAMOA A RAQCA SSA
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Gone angs || 184
Tau पुंसि ta: स्यात् कुत्सिते वाच्यलिङ्गकः | अन्तराभवसत्वेऽश्वे गन्धर्व्वा दिव्यगायने ॥ १३५ |
ARH ARYANS SAAL | FAC BAAS |] 135
334 अमरकोषः |
कम्बु at वलये we दिजिच्धौ areal ।
पर्व्वोऽन्यलिङ्गः प्रागा ह पुम्बहत्वेऽपि yeasts ॥ १३६ ॥ MAY HAA A CNG | FAN ETC FAG | ATTEN SH | तनः SAT HAASAN |] 136
कुम्भौ wuagia feat तु शिशुवालिक्रौ |
स्तम्भो MUASVATAT शम्भू ब्रह्मविला चने ॥ १३७ ॥ MATIN CSSA | PEASE
ATM TANIA GFLELAT SOLA TNS |] 137 कुक्िभणाभेका गर्भाः विश्रम्भः प्रणयेऽपि च ।
स्याद्वा दृन्दुभिः पुंसि स्यादक्षे दुन्दुभिः स्वियाम् ॥ १३८॥ a CarSmaNSr SH SN | WANG SAHA |
EFAS ESTA | SOAS T YA | 138
स्यान्महारजने क्वं कुसुम्भं करके पुमान् |
afaasta च नामि at सुरभि गेवि च स्वियाम् ॥ १३९ |
०१०१ TS Al ववि व AVANT TATA | STATA || 139
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* For गु ?
नानार्थवग; | 385
सभा संसदि सभ्ये च चिष्ध्यक्तेपि वल्लभः | किरणप्र्रहेा tit कपिभेक सवदै ॥ १४० | सका नपरे कस् TT SSST कव् BAR| QVENQATAG-G | Ho yeverascay| a |] 140
इच्छामनोभवे कामै श््योगेा पराक्रम । YT पुणखयमन्धायस्वभावाचारसोमपाः ॥ १४१ ।
रिद प्यदश्चेसणा त] SPATS सपनिन्दप्पमामेम |
SR AIS SAN IGS EAN ] ASAT HSA FAVE |] 141 उपाययपृव्वे आरम्भ उपधा चाण्युपकमः।
वणिकपथः पुरवेदो निगमो नागरो वणिक् ॥ १५२ | + + 123 | ay Saray ny RA | SQA RS Rar Sq50 || 142
नैगम दो बले रामो नौलचारुसिते fay | शब्दादिपूर्वो इन्देऽपि ग्रामः क्रान्तो च विक्रमः ॥ १५३॥ < सरसम म] सदसत TAINS NGS |
न्न सवास RASTA] कंसदमन OTA 145
336 अमरकोषः |
गुल्मा रुकूस्तम्बसे नाच जामिः sage: | शछितिश्छान्त्योः छमा युक्तं wa शक्तं दिते fay ॥ १५४ ॥ वागि ससुत पकस्व] वषम व्म्| CA >.
लेपा मरि | MATRA AL SS BAIS ] TINY] 144 fay श्यामे हरित्कष्णौ श्यामा स्याच्छारिवा fant | ललाम पुच्छपुण्डा खभूषाप्राधान्धकेतुषु ॥ १४५ ॥ YAW TAAL HY A | SARE "तनम मरि] पिन् SEATATAL | ARCATSCS HAST मेवा || 145 खम मध्यात्म AWTS प्रधाने प्रथमस्िषु | वाम वद्गुप्रतौपैौ दावधमै न्यनकंत्सितै ॥ १४६ | AT ष्मा पि दतगुणा ८] र्वबरितध8।
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TINT TAS A | मारस्य नना] 146
जोगोञ्च परिभुक्तच्च यातयाममिदं दयम् | AC तुरक्गगरुडौ ताश्या निलयापचयौ RAT ॥ evo |
तं सपाप ५९ ठ प्प QS माष्श्स सर नुदन्] ASSO SRITENTINS || 147 हिद, च 7 Coy Fa —— - _ =
* रत्र is a plant. fan?
नानायवगः | 887
शया Pacis yaa wasted ।
Usa रसदब्देन्द्रौ स्यादण्ः सखामिवेश्ययोः ॥ १४८ ॥ वरग त करना TLIAYF INH |
VAS FAITNISIS | एष दि्सपगा ह नसह || 148 {किं ॥ Aw
तिष्यः पुष्ये कलियुगे पथ्यायो saat कमे । प्र्ययोऽधौनशपथन्नानविश्वासहेतुषु ॥ १४९ ॥
न | AAAS AN तप्त SAAD YY 149
रन्ध्रे शब्देऽथानुश्यो दौ घदेषानुतापयोः | AST सूबसाकल्ये गजानां मध्यमे गते ॥ १५० |
HIT HAS)! APACS ROE ARC
eee NSEC | qaqa Vaasa || 150
6207
समयाः शपथाचारकालसिङ्ान्तसंविदः | व्यसनान्यशुभं देवं विपदित्यनथा waa: ॥ १५१ ॥ FAN FAIASCS | SHASTA SAT रमा | BN YAS SFANAL ]] 151
* For 44 43
838 अमरकोषः |
अत्ययो fama सच्छे दोषे दण्डऽप्यथा पदि | युद्वायत्योः सम्परायः पूज्यस्तु खशुरेऽपि च ॥ १५२ ॥
पश्चाद्वश्थायिबलं समवायश्च सन्नचै । संघाते सन्निवेशे च संस्त्यायः प्रणया wat ॥ १५३ ॥ सपेम ुर कमस] BSAA GTA NARA SINAC RET SALA | SPAR SAG |] 153
विखम्भ-याच्जा-पेमाणो विरोधेऽपि समुच्छयः | विषयो यस्य यो ज्ञात स्तच शब्दादिकेष्ठपि ॥ १५४ ॥
ASAIO TAS SISA] STATA IE | APPA ATTA] ACSA aver Neyer gsiel || 154
निर्यासेऽपि कषायो seat सभायाञ्च प्रतिश्यः। १. AO v ५ प्रायो भूम्न्यन्तगमने मन्यु देन्ये कतै क्रुधि ॥ १५५ ॥
RRA TAT तण HY | THFAL ALL SING | -
2 "4.5 AKAN ASFA | ANG ANANDA 283 Aaa ||
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* For 34 2 + For इसन 2
नानायेवगेः । | 339 रहस्योपस्यो गं दयं सत्यं शपथतथ्ययोः । TAI प्रभावे च द्रव्यं भव्ये गुणाख्रये । १५६ ॥ TIERS SSA TANTS] सृ प्मादनसनरेमनति | BARRA Saar gh] = वैशोवि्स्पपनामस I] 156
धिष्ण्यं स्थाने Ze Asal भाग्यं कम्मे शुभाशुभम् | कशेरुहेग्नो गाङ्गेयं विशल्या दन्तिकापि च ॥ १५७॥
SPATANAC RESTS | sehoerscs ay iota tallies | १} 157
टषाकपायो AMAT नामशोभयोः | आरम्भो निष्कृतिः शिक्षा पूजनं सम्प्रधारणम् ॥ १५८ ॥
SP MUA SSNPS] WEES मिद सरद OA £ CA SA SRSNSANTAAR | ASS AC RAS SONATAS |] 158
a उपायः कम्पे चेष्टा च चिकित्सा च नव fear: | दाया खग्यप्रिया कान्तिः प्रतिविम्ब मनातपः॥ eye | AIT ASS AA] वणी प्प् | BAS ACRES EAL CA (~ गड़मासय5०् STAY SANA || 159
840 RATA: |
RUM UAT हम्यादेः काञ्च्यां मध्येभबन्धने |
ma क्रियादेवतयो fey सेये धनादिभिः ॥ edo गर Ray Barer sas | 11 (1 । TTTSST I AT TAGS TA ATA | 160
जन्यं स्याज्जनवादेऽपि जघन्योऽन्त्ये ऽधमेऽपि च । TAMA च वक्तव्यो कल्यो सज्ननिरामये ॥ १६१ ॥
द्वश AAA | ईनम HTS | ना । गतिर वद व्वमृ ics ] 161
आत्मवाननपेतोऽर्थादयथ्यैः YA Beata | रूप्यं प्रशस्तरूपेऽपि वदान्यो वल्गुवागपि ॥ १६२ ॥ |
ART BFSR INNA EA | IPRS SAC | SATA मानस | THF पगु सफक त्] 162 ~ aw न्याय्येऽपि मध्यं Sag सुन्दरे सोमदैवते |
निवहावसरौ वारो संस्तरो प्रस्तराध्वरौ ॥ १६३ ॥
RATASCA NSA | THIS TATE!
वषास रे ACTA] sry RF RLS 163
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नानायेवगेः | गुरू गौष्यतिपिचा्ो द्वापरो युगसंश्येा । प्रकारो मेदसादश्यावाकाराविङ्गिताकतौ ॥ ९६१४ ॥ SRA SAAN SAR AAN HAS STRAT ASSS] पपणर मै इसपर 104 > ए ह ~
किशर ्धान्यश्रकेषु मरू धन्वधराधरो | अद्रयो द्रमगेलाकौः AAAS पयोधरौ ॥ १६५ | ॥ (ज | स. ८०.९८९८.३ | BPA ACALS 5a स्] गुन्हा] 165 ध्वान्तारिदानवा इचा बलिहस्तांशवः कराः | प्रदरा भङ्गनारोरूग्वाणा Bar कचा अपि ॥ १६६ | घु रवं | 166 अजातमङ्गा गः कालेऽप्यप्मश्च नां च Vaz: | musty राः परिकरः पय्यैङ्धपरिवारयोः ॥ १६७ ॥ SAIS TAA SOS | गि दत.25. पासो ठर" विस सा] दारणा ATAVATCSQAS || 167
eo =
841
34,2 ATH: |
मुक्ताशुद्धो च तारः स्याच्छारो वायै सतु fags aise प्रतिन्नाजिसम्बिदापत्सु सङ्गरः ॥ १६८ ॥ सागवनृर AR] AT SOIT SS | FETT ASA TATA | SATEVSYATAATA I] 168
वेदभेदे गुप्तिवादे मन्त्रो मिता रवावपि । मखेषु युपखण्डेऽपि स्वरु गृ दयेऽप्यवस्करः ॥ १६९ ॥ Ray RATATAT ASS, | पाप वु गह प AINA | FF ATAACE | APACS TT LSA | पव ATA |] 169 MSA स्तृययैरवे गजेनद्राणाच्च गजिंते । अभिहारो ऽभियोगे च Ser सनन हनेऽपि च ॥ १७० | WETRERSS | Pare रम प कुस | sre त दम 5 =f +^ 3 | 170
CA AP स्याज्ञङ्गमे परोवारः STATA परिच्छदे | विष्टरो विरपौ दभमुष्टिः पौटाद्य मासनम् ॥ १७१ | वदत मगो प्यम् स] वनोद स् | RpRASLACAL | TP PACSTNA SANS |] 171
नानायेवैः । 848 दारि ere प्रतौहारः प्रतौ हा ्प्यनन्तरे | विपुले नकुले विष्णौ वभ्रुः स्यात् पिङ्गले fag ॥ १७२ ॥ >+ 0/1
रय AABIAETAS | प्व" नाह 172
सारा बले स्थिरांशे च न्याय्ये क्रौवं वरे fay | UST TART पणे Ta दुरादरम् ॥ 298 ॥ दुर वाम SIAC | पोकः ASAIN | कथयम | (णः || 173 महारण्ये दुगेपथे कान्तारः पुन्नपुंसकम् | मत्सगोऽन्यशुभदेषे तदत् कपणयोस्तिषु ॥ १७४ |
वसुव AFATS SNA धन्यतम] Ser qargnmys | ALN ~ वातेमु<ग]> | GSO AQAA SANA |] 174
देवाद्ते वरः श्रेष्ठे fag alta मनाकृप्रिये |
वं शाङ्करे AUCs AVIS घटे च ना ॥ १७५ ॥ तहास] मङ्गुष EOL STA | . 4] LSYVAGH] सनब्-तेरततै SSAA 175
= - - —————s 9 --- कके
* Hor Va ?
344 अमरकोषः |
ना चमूजधने इस्त प्रतिसराऽस्ियाम् | यमानिलेन्द्रचन्द्रा कंविष्णसिंहाशुवाजिषु ॥ १७६ ॥ SRT ASSACS SATAN | UATE SUAS |
ग aS 5 ye BYARATNE ASI] 176 शकाहिकपिभेकेषु हरि at कपिले fag |
शकरा HUTA याचा स्याट् यापने AAT ॥ 299 I ॥ ^ Fores gy
क ससक SATIN | कीर ASA |
NS BY ATAT AA |p 177
इरा भूवाकृमसुराप्ष् स्यात्तन्द्रौ निद्र प्रमोलयोः |
धाचौ स्याद्पमातापि कितिरष्यामलक्यपि ॥ १७८ ॥ सरस मग द् BS
3 व्यत || 178 4
Bal व्यङ्ग नटो वेश्या सरघा कण्टकारिका |
fag करेऽधमे ऽल्पेऽपि ast माचा परिच्छदे ॥ १७९ ॥ ~" '0° ARYA] HYASS HSS NAS ANN]
TOKIO AE स् 5 OT IY SEARS I 179
नानायवगः |
अल्पे च परिमाणे सा ATS कार्छःवधारणे | seman fat कलचं श्रोणिभायोः ॥ १८० ॥
सगागमः रव] SHAHN TASS 34 | mars ET Eq (A}I] 180
योग्यभाजनयोः WS पच वाहनपश्योः | निरेशग्रन्ययोः शा स्तं शस्त्र मायुधले हयोः ॥ १८१ |
देस चम] त rr AGA TART AA | EATISA IQS TLE] ASH HOSTS! || 181
VATA नच AS पन्नौशरौरयोः। Aas कोडहलयोः पोच गोचन्तु नानि च ॥ १८२॥
as. le anes
SAAN ATA SO | TS SON AN AATAT | ey ~ NRG || 162
सच माच्छादने TH सदादाने वनेऽपि च अजिरं विषये कायेऽप्यम्बरं व्योज्ि वाससि ॥ १८३ ॥
ससरि S550 | दाम् सम mamaria | धदवत] पवतर वर AS || 183 44
845
246 अमरकोषः |
चक्रं TPIT मोक्ेऽपि क्षौर मसु च ।
स्वणेऽपि भ्ूरिचन्द्रौ दौ दारमकेऽपि गोपुरम् ॥ १८४ ॥ उण व द्दसमानर नामुष्य] वणारन" PRQacaas | BWSR 355 A981
८८९ (2
षग पि] Faz sy 164
गुहादम्भौ गह्वरे दे र दोऽन्तिक FIs | पुरोऽधिक सुपय्येयाण्यगारे नगरे पुरम् ॥ १८५ ॥ SRR CAAT र | RATA ETS S दि सवगार बे YR] GATSCAC ENT ACE |] 185
मन्द्रिब्वाय राष्रोऽस्त्रौ विषये स्यादुपद्रवे | दराऽस्तियां भये qe वजोऽस््रौ हौरके GAT ॥ १८४ ॥ BRAT ACTA AOAC | ददत दित् वन्मा || 186
तन्तं प्रधाने सिङ्वान्ते खूचवापे परिच्छे | शौर श्वामरे दण्डष्यो श्रं शयनासने ॥ १८७ ॥ FEISS YONA RE] नसमा
qa
“FAFEWTNA | RGA कत् |] 187
नानार्थवगः | 84:7
पुष्कर करि हस्ताग्रे वाद्यभाण्डमुखे TA | व्योन्नि खड्गफले पद्मे तो्थी षधि विशेषयोः ॥ १८८ |
शि ^ व्रा कव रद AES | 188
STAT मवकाशावधिपरिधानान्तहिमेदतादथ्य । दिट्रात्मौथविनावदहिरवसरमध्येऽन्तरात्मनि च ॥ १८९ ॥ BANAL NAN YAS EAS | AS ATAAS AAC | ALAS EIN SATAN | AQTSTIRSTARAT RSAC || 189 मुस्तेऽपि fast राजकशेरुण्यपि नागरम् |
Wat त्वन्धतमसे धातुके मेद्यलिङ्गकम् ॥ १९० ॥ GANT ETE TE शस तगसमेऽि | 100 गेरेाऽरुणे सिते पौते त्रणका ेष्यरुष्करः |
जठरः कठिनेऽपि स्यादधस्तादपि चाधरः ॥ १९१ ॥
981. 1 हसनवीुननः नावा पपे 10
348 अमरकोषः |
्रनाकुलेऽपि SAHA व्ययो व्यासक्त AHS ।
उपय्यं दौच्यश्रेषठेठष्युत्तरः स्यादनुक्तरः ॥ १९२ ॥ `
QRTAL ISTH NIA] — TAPAS |
BRST AAA SATAN | WayA aR" I] 192 oo
रुषां विपय्येये WS दूरानात्मोत्तमाः पराः। स्वादुप्रियै तु मधुरौ कुरौ कठिननिदंये ॥ ges ॥ STA AYR SAA) रर दद्व सङगुश्वर।
> ~ ~> GTASA TASS] गु दर् | 193 उदारा दाठरमदतो रितर सूवन्यनौचयेाः | मन्दस्वच्छन्दयोः स्वेरः YY सुद ्तशुक्तयाः ॥ १९४ ॥ SAGAS] SPAS AACS SAF ARAR AAT HAA] JRC ATIAA GI] 194
चूडा fate केशश्च संयता मैलय waa: । द्रमप्रभेदमातङ्गकाण्डपुष्याणि पौलवः ॥ १९५ ॥
२१९ ASAT AS SF APACS, | SAPS SAN HAVANA (>
तैर स्वरत प्रार 5 Sxarey sey A aN I] 195
नानायेवगेः | 349 छतान्तानेहसोः काल Basha युगे कलिः | स्यात् कुरङ्गेऽपि कमलः प्रावारेऽपि च कम्बलः ॥ ees ॥ BASSAS VST TAA SNAG RTT AS | LAAN SI TAA] वशगा |] 196
कंरेापहारयेोः पुंसि वलिः crags fara | ग्थौल्यसामथ्यैसैन्येषु बलं ना काकसौरिणोः ॥ Veo ॥ Sores sBS a HIS | (+ SINAC अुसपा्मन् SIS SS | ABT RATTRAY RAYS |] 197 वातूलः पुंसि वात्यायामपि वातासह fay ।
भेदयलिङ्गः शे व्यालः पुंसि शवापदसपंयेः ॥ १९८ ॥ THAT HTS | हुरवीरठितसरगस माहु |
ASR ASSN SRI A] हदु परिमा 5 शुनि |] 198 मलेाऽस््ौ पापविट्किद्रान्यस््ौ श्रलं रुगायुधम् ।
शङ्घावपि इयः कोलः पालिः श्यस्यृङ्धपङ्किघु ॥ १९९ ॥
arora ala Say crac | 25८8 दत् 7 शु पकडमा सर | QVTHS AA | दपि डर दपा 4.58 |] 109 (~ (~
880 श्रमरकोषः |
कला fret कालमेरेऽच्यालो सख्यावलौ अपि | अन्ध्यम्बुविकतै वेला कालमय्यादयेारपि ॥ २०० ॥ गु विहरस्व] प्वविश्ुसमयेरतवोप।
(>. > > TSN STATA रवे] FRACS SIC |] 200 TSU छत्तिका गावो बहलेऽच्निः शितै fay । लौला विलासक्रियथे रुपला शकरापि च ॥ २०१ ॥ THATSTATAC | VARA ALATA | AN STACT TA] wPTANAATSSTAC’ |] 201 CAPA < शोणितेऽम्भसि कौलालं aware शिफाभयेः। जालं HAS श्रानायेा गवाक्चक्षारकावपि ॥ २०२ ॥ BTR SAAN] Tasca sass Say Smarery FAA I] 202 Wea स्वभावे सहन्ते शस्ये Squad फलम् | छदि नेचरुजोः ald समूहे पटलं न ना ॥ २०३ ॥
ते व्रवतिगदुनपतिम। aq ara garerare | IRAP AT ACS ACS | VAR STAAL | APSF} || 203
नानायवगः |
TACIT तलं स्याच्चामिषे पलम् | ञचव्वानलेऽपि पातालं चेलं वस्त्रेऽधमे fag ॥ २०४ ॥
ARCS TAR] वकवत]
NSATHAG A] Sarsjargrscaray sya 204 FRG WH: कौशे wy ना तु तुषानले | faula केवलमिति विलिङ्ग त्वेकछरत्स्रयेाः ॥ २०५ ॥
TAS 5] IRAAEEA ARS
351
RANI GaSe FA २ दुगास मास्य सिमा सरस सय] 205
SO TE GRICE कुशलं fufaa fay |
mae मङ्करेऽप्यस्त्रौ Fy Be जडेऽपि च ॥ २०६ ॥ ईस बरस] ASS ARTES तन स्दव्पविश्पय पारुष्य प ear raya
TAF ALISA AMAA ATG |] 206
कराले दन्तुरे तुङ्गे चारो Sa च पेशलः | मखंऽभकेऽपि बालः स्याल्लोल अलसतुष्णयेः ॥ २०७ ॥
गा < वतत वत्] AESAC APRA I
ऋ री ये की
सर तेसथतषपसे | TARA र्दद] धद 207
352 श्रमरकोषः |
द्वदावै वनारण्यवह्नौ जन्महरौ भवै ।
मन्त्रौ सहायः सचिवौ पतिश्णखिनरा धवाः ॥ २०८ ॥ A Ta Rameraeeya) सरगुणे द्]
त्प sys A] ASSP A SAG |] 208
रवयः TANITA ATATSTANATT SAT: | भावः सत्वस्वभावाभिप्रायचेश्टात्मजन्मसु ॥ २०९ ॥ न 1. । प्व टप्] SPARS SANS ETRE’
> = (> |
सप्पा NAST AC ASST ASN SNA || 209
स्यादुत्ादे फले पुष्ये प्रसवो गभमो चने । अविश्वासेऽपहवेऽपि निकृतावपि निहवः ॥ २१० ॥ STAIN TA SAY SRS | Saraqcaceraayaac: NYT SNAG CALA | SAGARA IEG TA || 210 उत्सकामषयारिच्छा प्रसरे मह उत्सवः ।.
अनुभावः प्रभावे स्यात् सताञ्च मतिनिश्चये ॥ २११ ॥
HERAT SAAC AAS TARA | ABLES SAA | SATSANG | SACSTCIA SPST दसन] 211
नानायवगः | 858
स्याज्नन्महेतुः प्रभवः MAA TTI | श्रद्रायां विप्रतनये Wer पारशवः परुमान्+ ॥ २१२ ॥
रतै सेननारर] नागरि वासस || 212 धवो भभेदे क्तौवन्तु निशिते शश्वते चिषु । स्वो ज्ञातावात्मनि स्वन्तिष्ठात्मोये स्वोऽस्तियान्धने ॥ २१३॥ इदुः 53२ | & BORN ACASSIN SANA | TH BASEITSRS | सुमना T AACS | स्मर परम्|| 213 सलौ करिव स््रबन्धेऽपि नौवौ परिपणेऽपि च | शिवा गेारोपफेरवयोदन्दं कलदयुग्मयेः ॥ २१४ ॥ 1 ACSC SNATAAC TE en <> नवषमे] SPS रवव gnscagy || 214 दरव्यासुव्यवसायेषु AMA तु जन्तुषु | mld नपुंसके षण्ड वाच्यलिङ्गमविकमे ॥ २१५ ॥ <त38१ ६5117 |] 5 करस SHS | AACS | ELIA SANSA STING 25
This line seems to be an interpolation in Sanskrit 45
854 अरमरकोषः।
दरौ विग्न वैश्यमनुज्ञा दौ चराभिमरौ as | दौ राशौ GARG दौ वंशौ कुलमस्करौ ॥ २१६ |
BAR] गन तव है सगृसमिननार्भ |
ABN] SRATSCTH SYS | पस]
RG Ae TAT NAN EN | मैस] ATRABNSS AS SG |] 216 TA ^~.
रहः प्रकारौ Tata निर्ववेशो खतिभोगयेोः |
छतान्ते पुंसि कौनाशः क्षद्रकषकथे स्तिषु ॥ २१७ ॥
RAK ACTIN TAT A] BAAR ARATSS S54 | (~ ^>. *
ARS ANI TAT] SSSA ARCS IIA] 217 CO >
पदे we निमित्तेपदेशः स्यात् FUT च | द्शवस्थानेकविधाप्याश्ण SUT चायता ॥ ॥ Vee ॥ ॥॥1#>
^>
IAN ASH SY GAIN A व वासर AIT AS 5 | STRSTR] | 218
वशा wat करिणौ च स्याद्गज्ञाने ज्नातरि fay | स्यात् HAT: साहसिकः कठोरामशटणावपि ॥ २१९ ॥
TARTS S| SAAR TA SA | MATA REAGAN'S | STACT ACA |] 219
नानायेवगैः | प्रका शोऽतिप्रसिङ्धेऽपि शश्णवन्ने च वालिशः | सुरमत्स्यावनिमिषो पुरुषावात्ममानवै ॥ २२० ॥ PTA FATA | ठसक हिवि | TRF TAC RS || 220 काकमसस्यात्खगी ध्वाङ्को कक्षौ तु ठृणवौ रुधो | SANG: प्रग्रहे र ष्मो प्रेषः प्रषणमने | २२१ ॥ = 1 धत्व AAT ES | START तरत रद || 21
पक्षः सदायेऽप्युष्णोषः शिरेवेष्ट-किरौरथोः |
शकले मूषिके श्रेष्ठे सुकते TI टषः ॥ २२२ I चितम TAT शनन करद दमन्] SAAS तमहा ५ AINA SN EAST प. ॥ 222
MASA FA खङ्ग पिधानेऽ्थीषदिव्ययोः |
द्यते sa सारिफलकेऽप्याकर्प्योऽथाक्षमिन्द्िये ॥ २२३ | ` >^ S| ARIANA ORNS |
छरा 5१: Fara ss |] 228
* For avaq ?
355
356 अमरकोषः |
ना UAH कषंचक्रे व्यवहारे कलिद्रुमे ।
कषर्वात्तां करोषा्निः we: कुल्याभिधायिनौ ॥ २२४ ॥ QAR AIT SS यनवैः] RAGA ACSA Sl
TAA SE SES 94 I 224 |
पुम्भावे तत् क्रिथायाच्च परुषम् विषमप्वु च | उपद्ानेऽप्यासिषं स्याद्पराधेऽपि किल्विषम् ॥ २२५ ॥ AUT ENAATTINE | TERE) कवुग्व BRAGUTST AB" | HASSAN. I] 285
स्यादृष्टौ लाकधात्वंओे वत्सरे वषमस्तरिथाम् |
Tat saat प्रज्ञा भिक्षा सेवाथेना wie: ॥ २२६ ॥
SAAR ARSTSS RAST कनि IS | Wags]
Sore ANS | दु तस्र 20 (~.
त्विट् भोभाऽपि fay परे न्यक्षं कातन्यनिकूष्टयाः।
HAART LAKE THT ॥ २२७ ॥
SRRRATSSAT ITI] FSIS TINE
इमरान महन ॐ
* For Wap 2
नानायवगः | 857
रविश्वेतच्छदौ हंसौ खग्थवहौ विभाव | वत्सौ तणेकवषो दौ सारद्गगश्च दिवौकसः ॥ २२८ ॥ PAR] SRY HTS | कममसु |
SS) RE DR OO SS
AN SST ATS] ASST RAAT TAN! 228 TTT विषे वौय्ये गुणे रागे द्रवे रसः।
स्यतत साऽवतंसे दौ कणेपूरेऽपि eT ॥ २२९ ॥ हिङुमसन सन ध प | 11 |] 229
देवभेरेऽनले* TM वख Ta धने वसु ।
विष्णो च वेधाः स्रौ त्वाश्णैडहिताशंसाऽहिदंष्रयोः ॥ २३० ॥ हुनर] तनक] SANTA STIS] पमो. भको | समसो मड त् ॥ 230 लालसे प्राथेनैत्सृक्ये हिंसा चादि कम्मे च। प्रसूरश्वापि भद्यावेा Weel Beat FA २३१॥ न्प रशुत] लिश त सवाक्ष AIST | धसमनरतमत] स्रथमासतरस] 201
* Tibetan reads: शरनिले ।
858 अमरकोषः)
ज्वालाभासो नंपुंस्यऽचि अयोतिभद्योतदष्टिषु ।
पापापराधयारागः खगबाल्यादिनोव्वेयः ॥ २३२॥
वर्णु] उन्म नित] प्पडसननत्रइ रन ~.
STS ATN | IRAQ AS AGS TWN || 282
तेजः पुरौषथोर्वची मदस्तृत्सवतेजसोः | रजो गुणे AGH च राह ध्वान्ते गुणे तमः ॥ २३३ ॥ 1 RET AA SFA FASS] HANSA FAIA |] 289
छन्दः पद्येऽभिलाषे च तपः कछच्छादि कम्मे च ।
सदहोबलं ASAT नभः खं आवे नभाः ॥ २३४ ॥
LAST AMAT STARA AAS | FETS SANSA AIRY | सनसन्नि नसावा GT FAS] 254
अकः सद्या्रयश्चौकाः पयः NTC TIT च । ओजो Stal बले सोत इन्द्रिये नि्नगारये ॥ २३५ ॥ AMA SASL ANN] वप्त
Ears aa सुरस] A 5arqac ease विश || 235
eet
* For Faas 2
नानायेवगेः | 859
तेजः प्रभावे Stal च बले श॒क्रऽप्यतस्तिषु |
विद्वान् विदं बोभत्सो दिंखोऽप्यतिशये त्वमौ ॥ २३६ ॥ FEN GNAL तमत] इतस्त दनय म]
AR इन सरयेत AN || 236
टद्प्रशस्ययेज्यायान् RANA युवाल्पयोः | वरौयांस्तूरुवरथेाः ATMA साधुवाढ़्येाः ॥ २३७ ॥ ग्नि डन | ना anna |
र्यत नासम | सरित | 237
(~ ^~ a
दलेऽपि ae निब्वैन्धापरागाकौदये ग्रहाः | दाय्यापौडे RATS fare नागदन्तके ॥ २३८ | विनिग मश्च मसं] उस नारि गातम समान | 1. तुलारूचेऽश्वादिरण्मो प्रग्राहः प्रग्रहोऽपि च |
पत्नौ परिजनादानमूलशपाः परि ग्रहाः ॥ VBE ॥
JIGS AANA YT] PYFS TINS | SOHAL ASA ATA S | HIRATA TSA |] 239
yy RATHI: | दारेपि हाः ARTA eat वरस्वियाः व्यद्धो उन्देऽप्यहि टेकेऽप्यग्नौन्दका स्त
ayaa Raragyeeysy) इसरमीऽरन्स्ड्ता |
NASA ISAM | WS a4 AG 2१ HG 5 BO NAT ATARAN |] 240
परिच्छदे न्टपा ऽर्थे परिवर्होऽव्ययाः परे ॥ २४१ ॥
[oa
0 इति नानाथवगः |
‰2गासन््ठ इति]
UAT: |
ty ole ee
आड्गेषदयेऽभिव्याप्तौ सौमा्थे धातुयोगजे |
रा UTE: WAT वाक्येऽप्यास्तु स्यात् कोपपौड़योः ॥ १ | मै"वप५र हब Ty
न 10
SVS ABA तर" AACS CAAA
वा 3/5]
पापकुत्सेषदथं कु धिडःनिभत्संननिन्दयोः | चान्वाचये समाहारेतरेतरसमु्चये ॥ २ ॥
ial AR EAA SES री ल A ति नक BA] "ANA तन्त छव र्त] ररर FAISAL || 2 खसत्याशौःसेमपुखारे VAT लद्खनेऽप्यति |
सित् प्रश्न च वितके चतु स्याद्धदेऽवधारणे॥ ३॥ सश्चैवेस्रििनाक र] सम भसपसयस न् ममार वक्र स दिप्पर एद् | AGAR ACSA TAT |
FART IAAAINARAS I] 3
* For 2424) 2
46
362 HATH: |
सकृत् सहैकवारे स्यादारादूरसमौपयोः |
natal चरमे पश्चादुताप्यथेविकल्यथोः ॥ ४ ॥ सर्गः देवर BAST क) | SAW SATS! SAMA ST ll +
पुनः सदाथेयोः Wad ATTA प्रत्यक्षतुल्ययोः। खेदानुकम्पासन्तोषविस्मयामन््णे वत ॥ ५ ॥
a A A NANL TENS ATIAS | FILSNALASA AS | SA HTAF AGA | 5
Sa इपऽनुकम्यायां वाक्यारम्भविषाद्योः | प्रति प्रतिनिधौ abareaater प्रयोगतः ॥ € ॥
गन्म SSIS AE | STAR SATET ST ANSI FRE, IV पपर] ससवत्सर || 6 दूति हेतुप्रकर णशप्रकषादिसमात्िषु |
प्राचां पुरस्तात् प्रथमे पुराथेऽग्रत इत्यपि ॥ 9 ॥
NF HNSATANHINGS | गासनडेस्त्रस हवस SAS TRF INANE | ETAT ASSIS 7
HABIT! | 368
यावत्तावच्च साकल्येऽवधौ मानेऽवधारणे | मङ्गलानन्तरारम्भप्रञ्र कात्स्नेष्ठथो AW ॥ ८ ॥
द्राति] उर वनसतर SATIN ESS | el ~
é <)
वुत्तो रकम | ARSR VANE ह| SSS] 8
zat निरथैकाविध्यो नननेकोभयाथैयोः | नु पृच्छायां विकल्प च पञ्रात्सादशष्ययोंरतु ॥ € ॥
TEARS ITAN) FTES NAT SPATIAL | FAVALST NAA |] 9 प्रञ्नावधारणानुज्नानुनयामन्तणे ननु | गहा-समुच्चय-प्रञ्च-शङ्घा-सम्भावनास्वपि ॥ १० ॥
QS TARA दददस् 1 | NF SSI ददत EF 5 | FASC TVSENARTAC | रुगु पवर् 10
उपमायां विकल्पं वा सामि ae जुगृष्सने । अमा सह समौपे च कं वारिणि च ate च॥ ११॥
PRARATAR TPT NG 5 | समन धमन्त STITT | NASA Y TAY 11
* Vib: 2B | + For Ex 2
364 अमरकोषः | इवेत्थमथेयो रेवं नुनं cesT निश्चये । quay सुखे जोषं किम्युच्छायां जुगुष्छने ॥ १२ ॥ AAACN WAR ATA x 1. a | १०१ न ~न नन] नश ee
€ >€ SSN
1१ SAR |
नाम प्राकाश्य-सम्भाव्य-कोधोपगम-कुत्सने
अल म्भूषणपय्धा त्ति शक्तिवारणवाचकम् ॥ १३ ॥
SNA HPALST ARAN YS | द्रम कवग AAT |] 18 ह वितकं परिप्रञ्न समयान्तिकमध्ययोः।
पुन रप्रथमे. भेदे नि निंश्चयनिषेधयोः ॥ १४ |
HF STEIN ACN AAA] SAAS AaSIS | AHSCT TNGHT] 589 CAT SATSTATETST] ध 14 स्यात् प्रबन्धे चिरातौते निकटागामिके पुरा | RUAN चोररो च विस्तारेऽङ्ैरुतै चयम् ॥ १५ ॥
1 agra aya SAR] SFPNA ANAT 15
व्ययवगः 365
aa परे च लाके स्व व्वार्तासम्भाव्ययोः किल | निषेधवाक्यालङ्ारजिन्नासानुनये खल् ॥ १६ | मसयम तहनदेनसन] वासन NST ALA eee SNES ANA ASAIN AAG 16
समोपोभयतः शोध्रसाकल्याभिमुखेऽभितः।
नामप्रकाशयोः प्राद् मिथोऽन्योऽन्यं रहस्यपि 1 9 |
बहिण बिस दः करतत] IRATSYRETTA WS | ARRESTS याम] NY) TEAST SH SIAN | 17 तिरो sagt तियगर्थे हा विषादशगर्तिषु |
अह हेत्यहूुते खेदे हि हेताववधारणे ॥ १८ ॥
1 TALITALNS SAA छप] NANT S Faye sAaraes 18
चिराय चिरराचाय चिरस्या्ा शिरार्थकाः |
मुहः पुनःपुनः Wyle AAA समाः ॥ Ve ॥ = 0 gqkewyRe RK qe ANAC EPS AIAAS | WRADSSAC'SRACS | SAAC WON OST ATASCA! || 19
866 HATH:
खाग् HAAR ATS AA सपदि द्रुते । वलवत् ey किमुत marta च निभरे ॥ २० ॥ AFTRA FW | SNH ATTA I 20
पृथग्विनान्तरेणत्त हिरुडनाना च asia | यत्तद्यतस्ततो Val वसाकल्ये तु चिच्न ॥ २९१॥
(री — SSS
TARR AGA 5 नर १९. कमथम् SA | NF SSAA QIN Ay] RAAT SY AAG SST |] २1
कदाचिन्नातु BSA साकं सचा समं सह । आ्आनुक्रूल्याथेकं प्राध्वं BIR तु SAT मुधा ॥ २२॥ MA, 11
[रि मअ ~n ye == क
ARTS ~ "तर 1 आहो उताहो किमुत विकल्पे किं किमूत च । तुदहिचस्महवे पाद्पुरणे पूजने स्वति ॥ २३॥
FAY STAN ST SATTAE | कममर वेशन्त] STR IAA
AACS NESTA |! 23
सारि =-=
नः KF x’ Q 0) 5 2 or =" 2 † For उड् ९
AYA: | 367
fearmiag दोषा च नक्तञ्च रजनाविति | तिथेगथे साचि तिरोऽप्यथ सम्बोधनाथ॑काः ॥ २४ ॥
५29
11 1 ay द ig
1.
4 क
स्यः प्याट् wer हे हे भोः समया निकता हिरुक् | अतकिते तु सहसा AUT: पुरतोऽग्रतः ॥ २५ ॥ SFC] FSTSMNAAS AA | ge Soperspsay Saray | 1) 1 11.
स्वाहा देवदहविर्दौनि श्रौषड् sas वषट् WUT | किंञ्िदोषन्मनागल्यं परेत्यामुच भवान्तरे ॥ २६ ॥
MS NAN VEN SS | 405 5. दर | RA AAS SEQRG | "रवद 5२|| 26
वद्वा यथा तथेवैवं lease हौ च विस्मये |
मने तु qual तुष्णौकां सद्यः सपदि तत्क्षणे ॥ २७ ॥ ९९ दद्र | त्रतुनरमफम्पद् |
WN त त <~ ~ 2157 > | zt ~, >| छ १९ ॥ | Salata ie
868 अमरकोषः |
दिश्या श मुपजो षं चेत्यानन्देऽथान्तरेऽन्तरा |
अन्तरेण च मध्ये स्युः प्रसद्य तु 'हदाथेकम् ॥ रट ॥ रतोमः दारि] FASTIN ACR DNANS | FRRRSINA GMA | AVAC HAND AG NGG |] 28
यक्तं दे साम्प्रतं स्थानेऽभौष्णं शश्वद नारते |
अभावे नह्यनो नापि मास्म AAA वारणे ॥ Ve ॥ BDAC RAINALS BATS | SAAEWS ACTS | AF ATA तते ८८९ | ATTA SS कवक 29 पश्षान्तरे चेद्यदि च तचे GSAT दयम् | प्राकाश्ये UT राविः स्यादोभेवं परमं मते ॥ ३० ॥ गदेव देतव SNAG AVY RATA | ATMA Sayer |
सरवै सग १६६६ | 30 समन्ततसतु परितः aac विष्गित्यपि | अकामानुमतै काम मरयोपगभेऽतु च ॥ ३१॥
सतरनगाप्पःससुषवसरणावा शि दर्सवेनी क| TRANS 8
HAAN: |
ननु च स्याट् विरोधोक्तो कचित् कामप्रवेदने | निःषमं दुःषम गद्ये यथास्वन्तु यथायथम् ॥ ३२ ॥ SPR AAGTAR YS] णु वम
कग रसाम्] रि VR EAGT BS I] 2
खषा मिथ्या च वितथे यथाथेन्तु यथातथम् | स्युरेवन्तु पुनर्ववेवेत्यवधारणवाचकाः ॥ ३३ ॥
0 111 THANG | 32१८२ a | See >)
mama नूनमव श्यं निश्चये दयम् | संवदषेऽवरेत्वर्व्वा गामेवं खयमात्मना ॥ ३४ ॥
SPATARN IA ARNT 5 भरसार रेस मेह] 5
८6९ ] rara"seq ACSC 555] ]] 34
अल्पे AS मंहत्युचचेः प्रायो भूमद्रुते शनैः ।
सना नित्ये वहिर्व छ्ये स्मातोते,स्तमदश्ने ॥ sy ॥ ददतु] अतथर ८दमात]
BASSAI] AANA ARRAS T | 9
4
४69.
870 HATH: |
अस्ति सत्वे रुषोक्तावृडः ड प्रश्न ऽनुनये त्वयि | हं तकं स्यादुषा रात्ैरवसाने नमो नतौ ॥ ३६ ॥
© € €
पसनद दर्दरीति STA) BAY STAG SAG SA] | SST TYP SH] ISHS TISAI 36
पुनरथःङ्गनिन्दायां ce qe प्रशंसने ।
सायं ara प्रगे प्रातः प्रभाते निकषान्तिके ॥ ३9 ॥ SVIAEAT ABA | अनभ्र १९९१ siEsarPaegarracary] सनभ्निद नरो 9
परुत्यरार्य्येषमोऽबदे पूर्वे पूरव्वतरेयति । TIAA TARA पृब्वात्तरापरात् ॥ इट | ग नातिनननविनर | तिवस
FRAGA A] ३ देरिति] 11.
तथाधरान्यान्यतरेतरात् TATRA । उभयदुश्चोभयेदयुः परे त्वह्ि परेद्यवि ॥ ३९ ॥ FASTA MATS IA | SAR Garersyery |
aN
SATANIC IAA] BAGH AAA |] 39
* For ८ "¶ 2
अरव्ययवगेः | 3४ ।
दयोगतेऽनागते,दह्ि श्वः परश्च स्तत्यरेऽहनि | तदा तदानौं युगपदैकदा HAST सदा ॥ ४० |
पितरिति वावत] sagqaraagcsracas | BIT IAT SN SAG] QISTAISTRCT BAST SNAP परैव ५८] 10
wate सम्परतौदानौमधुना साम्पतं तथा । दिग्देश्काले पृव्वदे प्रागुदकृप्रन्यगादयः ॥ ४१ |
SSAA BASE | FASS ESATA | SATS IARC S TASS | रवि सवास दव्य | BAF GTA] 41
इत्यव्यय वगैः |
सेदि कमु |
| लिङ्ादिसंग्रहवगः |
—ecleo— सलिङ्गणास्तः सन्ादिरुत्तद्खितसमासङज्ञैः | अनुक्तः संग्रहो लिङ्गः संकौगौवदि होन्रयेत् ॥ १॥
BIVISYV AAT AS 1
^ अ SAN देमि ण ISN IS | AAO | ASTANA | पश्चसदमास दस नैन दत GAY | 1 लिङ्ग्ेषविधिर्व्यापौ विशेपे्यद्यवाधितः। स्ियामोद्दिरामैकाच् सयोनि प्राणिनाम च ॥ २॥ SA हसा पर BR] TITANS SAAS COAT RCA SST AT ASSO | से पाण्य BSAA NA SIENA |] 2
नामविदयुन्निशणवल्लौ वौणादिग्भ्रू नदोहियाम् | ae दिगुरेकाथा न स पाचयुगादिभिः॥ ३॥ SIAC APTAC ASAT A] सिके नर्तना SSO ET Ey STASI AT | GVSIIRATASATAG ASAT] $ दस समासनम् || 8
लिङ्गादि संयदहवगे: | 878
तल्ढन्दे येनिकड्यचा वैरमेथुनकादिवन् | स््नौभावादावनिक्तिन् वुल् णच् USAT ASAT: ॥ ४ ॥ SOS NAT C5 ARN ARR AAMT Say * |
(~ Vm Bs PSST TNIV] SAA RRL
SIN TAHNE) NOSTRIN || 4 (~.
उणादिषुनिरूरौश्च डग्राबडन्तं चर॑ स्थिरम् | तत् कौडायां प्रहरणं Farrer पाल्लवा ण दिक् wy
&? Ql NIN ‘a A - >. >| जे WN jj NA] al AA व] |
ae oO = क
11111
घजोजः सा क्रियास्याच्चेदाण्डपाता fe फास्गुनो । श्येनम्याता हि खगया तैलम्याता स्वधेति दिक् ॥ € ॥ वरर TASSBISE | SA PAGEN ASS A] ५
स्तौ स्यात् काचिन्मृणाल्यादि विवश्षापचये यदि | MRT ेफालिका टौका धातकौ पञ्जिकाद्कौ ॥ ७ ॥ TAS SCAVSS SNA] त दर ARONA 5] aes 4) AO Pera AC]
O OQ A START SHA START VESTS AM 7
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* For १.५६ 2
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374 RATA: |
सिथ्रका सारिका feat प्राचिकोल्का पिपौलिका। तिन्दुकौ कणिका भङ्गिः Gent खचि args ॥ ८ ॥ से <ये. 3522 | RYT YS TAIT AC | मेभ वेर] वित्से दमन
पिच्छा वितण्डाकाकिण्यश्चुणिः शनौ zat दरत् । सातिः कन्धा तथा सन्दौ नाभो राजसभापि च॥ € ॥ Age a HAT 8 | Sarg Ra | वैषन्मगरमुरवेुषानर] Massie si Guilain 9 भलर Watt पारौ होरा TET च सिप्रला |
लाक्षा लिक्षा च गण्डुषा Bal चमसौ मसौ ॥ १० ॥ कमि | ARR TAS SAGA SC
senses सुत | ऽ इ वी | TAS ऽते TA |] 10
Yet सभेदानुचराः सपग्थायाः सुरासुराः | स्वगेयागाद्रि मेधाच्धि द्रकालासिशरारयः ॥ ११ ॥ लेसे ह इः | इनता" परस्व RG | SPR वेना कुभजिररुषरे
Ray EVRA SCAT ACS | 11
लिङ्घादिसंग्रहइवगेः | 875
ATC छदोदंन्तकण्ठकेशनखस्तनाः |
BRIETA: छेडमेद्ा राचान्ताः प्रागसंख्यकाः ॥ १२ ॥ ATATATNAGSIOAN | YS NGAT मुनय] HATHA AIA स्व्] नुषगोरत। HSPN AIA AC AC ATSIC |] 12
ओवेष्टायाश्च निर्यासा seat अवाधिताः |
कशेरु जतुवस्त॒नि हित्वा तुरूविरामकाः ॥ १२ ॥ सवथन सगत] FRAT AGRA STAC SNS | नदस्य || 13
कषणम मरोपान्ता यद्यदन्ता Bat WT |
G8 448 F टोपान्ता गोचाख्याश्चरणाद्धयाः।॥ 28 ॥ ददै तर २१९८३ | WIRaIgA 3A मदेर् द 1. 7 erRraga sx acors |
४] घ्] AM) ३] NPN] PRAT AaIR 352]
दिगा दगागाह १८ | 14
नाश््यकत्तरि भाषे FT TT व् नञ् णघाथचः।
ल्युः कत्तरोमनिज्भावे को धोः किःप्रादितोऽन्यतः ॥ ११५ ॥ मि< SSAC Sa) Teeargory
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TEMAS AIAA |] 15
876 अमरकोषः |
दन्देऽश्चवडवावश्ववड़वा न समाहृते |
कान्तः CASITA: पूव्वीऽयः पुव्वेकोऽपि च ॥ १६ |
ड <न ती ठत नोर ANT SAS |
॥ 11 ++ NSS SATA US Bae ॥16
वटकश्चानुवाकश्च रल्लकश्च कुटङ्गकः | Get WE: agra विटपदट्र धटाः खटः ॥ १७ ॥
सुर देत] विमना ेर-क२) दुष यद्वस्ते] मापन ALT STSCISABS | 17
कोटरारधट् हटा पिण्डगोण्डपिचिण्डवत् | TS! करण्डोलगुड़ावरण्डश्च किणो GU: ॥ १८ ॥
SCN TAINCFASN STS | Way ्घगक्षप-तैरकठइु
SST ASAT TAS |] 18
हति ata हरितो रोमन्योद्ौथबुददाः | का्षमदऽदनिः कुन्दः फेनस्तूपौ सपुपक ॥ १९ ॥
दुक्त च 5 ag | सग ० AMAT SIS <£. |
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लिङ्गा दि संग्रहवगेः | 877
आतपः aaa नाभिः कुणपक्षरकेदराः |
TELA GAA गोलहिङ्गःलपुद्नलाः ॥ २० ॥
DAR AVANT TAC ASA SCS AY AIST SS GARY HYSTA AS | ठे शुमा यर र RASS |] 20
वेतालमल्लभल्लाश्च पुरोडाशेऽपि पट्टिशः । कुल्माषो रभसश्चेव सकटाहः VARS: ॥ २१ ॥
(1/1 STARA TA TAGS) AEGAN AG HREM TSS AG |] 21
दिदह्ोनेऽन्यज्च खारण्यपशेस्वमरहिमोदकम् | भ्तोष्णमांसरूुधिरमुखासिद्र विणं बलम् ॥ २२ ॥
APBNART TIAA TSPNAS | १] सवरत ACS | PISS ISLS | वद्वनता 2
CARAT AAM हसुखदुःखशुभा शुभम् | जलपुष्याणि लवणं व्यच्जनान्यनुले पनम् ॥ 2s | YISSCATAC ASSN SIN | रेद्नु्गो समिन <| BRON SATSANG SSC ACWIEN STS | 23
48
878 अमरकोषः |
कोव्याः शतादिसंख्यान्या वा Wat नियुतच्च तत् | ean मसिसुसन्नन्तं यदनान्तमकत्तरि ॥ २४ ॥ STATA NAA TSN | AGAR LAIN SCN AAC | ॥१1/ | AION SFAC |] 24 |
चान्तं सलापधं fre cra प्राक् संस्ययान्ितम् | OTST TATA दिग लश्यानुसारतः ॥ २५॥
HSFA ISNA व] SA AVA ARYA SG] AAS TAS ुरसदेष द] LHBSANAFFFENAILAY] 25
इन्देकत्वाव्ययौभावै पथः संस्याव्ययात् AT |
षष्याग्काया बहूना च्ेदिच्छायं संहत सभा ॥ २६ ॥ SNAT AST $] ACSA SS यतित] सरठ। RT SATA SILAS AT | - SANTA CS ASAT I] 96
प्ालाथापि परा राजाऽमनुष्याथादराजकात्। दासौसभं saad रक्षःसभमिमा दिशः ॥ २७ |
त भन््मतो दवम् | वोप AG VENOM | (~ (~ ^> ॥ 10.
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लिङ्गा दिसंग्रहवगंः |
उपन्लोपकमान्तश्च तदादित्वप्रकाश्ने |
कोपन्नकोपकमादि कन्धोशैनरनामसु ॥ Lez |
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BAN GN ACA ATASAIIN | | ASTETaraR FTA! |] 28 ~ ~ FAT
भावे न WHR समूहे भावकम्भेणोः। अदन्तप्रत्ययाः परुण्यसुदिनाभ्यां ACT ॥ २९ ॥ SITAR PSCM] SFARTAR AAACN | ० ssc | PATRIA Sa TI SRA | FAIS ANTS TALS ANA TAA || 9
क्रियाव्ययानां भेदकान्येकत्वेऽप्युक्यतोटके | चोचं पिच्छं gee तिरोटं मम्मेयोजनम् ॥ २० ॥ 1 STV ET RIT FAA TGA AACS हिनोत SAPAPSRSTSE SETS |] 9 WHS वाजपेयं WIG HAT कवेः | माणिक्यभाष्यसिन्दूरचौर चो वरपन्जरम् ॥ ३१ ॥ ANTAL 1 बर सुण सष | 1 ANAC 31
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880 श्रमरकोषः।
लाकायतं इरिताल विदलं स्थालंवाह्वम् । पुंनपुंसकयोः ओेषोऽद्वचपिण्याककण्टकाः ॥ ३२ ॥ - abs Bs चमु argc | SRT EN FAINT | FINI BTA] ३५55९२१ क SSAC || 98
मोदक स्तण्डक CH णाटकः कव्वैटाऽबंदः | पातकोद्योगचरकतमालामलका AS: ॥ 3s ॥
BN ATHTSINAQAIASE | ASSASSIN S04 | BITS SANT | 7 मुष्यत मध् ९६|| ॐ कुष्ठं मुण्डं wy बुस्तं afed क्षेमकुंड़मम् |
सङ्गमं शतमानाम्ये सम्बलाव्ययताणडवम् ॥ ३४ ॥ BTREN SAT ACAS | तुष से YALA SS SRA SC ATAL AS | कवसनत SESE |] 34
कवियं कन्दकार्पासं पारावार युगन्धरम् | ad प्रग्रौ वपाचौवे यूष जवमसचिक्कसे ॥ BY ॥ Ra Fasracssrsarsc | वदत् दुवि ाम.यै८.३।
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By saererSparac's | ८3९. ८६६ ] ॐ
लिङ्गादि सं ग्रहवगेः | 381 asater तादौनां Years वेदिकं भुवम् । तन्नोक्तमि हइ Bashy तचेद्सत्यस्तु Waa ॥ ३६ ॥ दुरन्त AAI ALA SAN | पु सयाक्वरपा SSSA | FAAS TARE STA] FARA BTAAGS || 56 maaan दिचतुःषटूपदोरगाः। जातिभेदाः पुमाख्याश्च wait: सहमल्लकः ॥ ३७ | PAT THAI SHAR | SIG HT SY SAA SANA | AMINSS SSP ISIN | HAV SSA aS ठे] 37
मुनि व्वेरारटकः स्वाति aaa जारलिम्बनुः |
मूषा रूपाटौ ककन्धु यष्टिः शटौ कटौ कुरिः ॥ ३८ । शुत पहन सयद] रदगुरतविररव्यशुत| गसः TA TITAS | पिमा रथमप SAC
SIAC HATA tI 8
स्त्रौनपुंसकयो भावक्रिययोः ष्यञ् कचिच्च वुञ् ।
ओचित्य मैवितौ मेचौ मेच्यं वुञ् प्रागुदाहृतः ॥ Be ॥ सरसि नव] उदक वमरितैग 591
देया AL AAA IANA INN | 552 तरय SES |] 39
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382 अमरकोषः |
षश्यन्तप्राकृपदाः सेनाद्ायाशणलासुरानिश्णः | स्यादा सेनं आनिशङ्गोणल मितरे च दिक् ॥ ४० ॥
रगत सकर SEARS रका | न्यक् तोत र35 |
सनत HALA NA TIAN) मेव स~ र्नाथ MAA NS BAIN AG स्तव] 40
आवन्न्तोत्तरपदो दिगुापुंसि नस्य लुप् । चिखटरञ्च चिखद्रो च facasa चितश्यपि ॥ ४१ ॥ FNS FERIA YS | SATIS ससग TILA शन् ICY) 41
fag पाची पुटौ वाटौ Wat कुवलदाडिभि |
परं लिङ्गं स्वप्रधाने इन्द्रे तत्पुरुषेऽपि तत् ॥ ४२॥ AINA इतत STARA] सुर मुस 26 | गकेव सकरन तमु a SATA: प्रा्लं प्राप्तापन्नपूव्वाः परोपगाः। तदिितार्थो दिगुः संख्यासव्वनामतदन्तकाः ॥ ४३ ॥
सिनष कुष व्ह) FATA APNE | TOSSA ATTA 49
लिङ्घा दि संग्रहवगेः | बहुब्रौहिरदिडः नाम्ना Gaal तदुदाहतिः। गुणद्रव्यक्रियायो गो पाधयः परगामिनः ॥ ४४ ॥ AGA SATAN वग]समविम व्ये ANI | पथस TING | सततय दत्पर || ”
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छतः कत्त यसंन्नायां सत्याः Rate कम्पणि | अणाद्यन्ता सेन रक्तायथें नानाथमेदकाः ॥ By ॥
0१358 रमे] १35 सम्पत् |
I PAA AGA SHS | रपर दृनि वृक |
SAAN AS TAT TANS | 4:
षट् संज्ञकास्िषु समा युष्मद स्मत्तिङ्व्ययम् | परं facie गेषन्तु ज्यं श््टप्रयोगतः ॥ ४६ i
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स्मेर SHANA IQS | रद्गार मानमि मेस |
ANITA SN YSN | SREP SATS AT HAAS |
BATA SANS NAS |] 4८
इत्थमरसिंहक्ते नामलिङ्ग नुष्एसने |
सामान्यस्तृतौयः काण्डः साङ्ग TI समथितः ॥ ४७ |
इति लिङ्गादिसंग्रहवगेः | BMV श्चन दे BSS |
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नहिम स्नव SSAC मस) NR'QEA A TA ETA NST TS | सपण रनु ठन gS |]
Amarasimha Amerakosah
UNIVERSITY OF TORONTO LIBRARY